प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: ऋणी किसान, जल्दी करें अपना रजिस्ट्रेशन

खरीफ फसलों की बुआई और बोई के साथ ही बोने गए फसलों के बीमा के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। देश के अधिकांश राज्यों में “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” (Prime Minister Crop Insurance Scheme) में शामिल होने की आखिरी तारीख 31 जुलाई तय की गई है। अतः जो किसान इस योजना से जुड़ना चाहते हैं, वे 31 जुलाई तक अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।

राजस्थान सरकार ने भी अपने प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana)के अंतर्गत खरीफ-2023 के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इस योजना के तहत, ऋणी और गैर ऋणी किसान दोनों ही अपना पंजीकरण 31 जुलाई तक करा सकते हैं।\

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फसल बीमा योजना – Crop Insurance Scheme

फसल बीमा योजना को सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया गया है, अर्थात् ऋणी और गैर ऋणी किसान दोनों ही इस योजना के तहत अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। हालांकि, जिन किसानों ने बैंक से फसली ऋण लिया है, उन्हें अंतिम तिथि के 7 दिन पहले ही योजना से बाहर होने के लिए संबंधित बैंक में आवेदन करना होगा, अन्यथा उन्हें योजना के तहत सम्मिलित किया जाएगा।

इसलिए, सभी किसानों से अनुरोध है कि वे समय से पहले इस महत्वपूर्ण योजना में शामिल होने का लाभ उठाएं और 31 जुलाई को अपना पंजीकरण करवा लें ताकि उन्हें अपनी खेती को सुरक्षित बनाने के लिए बीमा का सहारा मिल सके।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से अलग होने के लिए ये कदम उठाएं

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) से अलग होने के लिए आपको क्या करना होगा? राजस्थान सरकार ने जारी अधिसूचना के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत फसली ऋण लेने वाले किसान जिनकी फसल ऋण की सीमा स्वीकृत की गई हो या ऋण वितरित किया गया हो, वे किसान फसल बीमा हेतु पात्र होंगे। ऋणी किसानों के लिए यह योजना पूर्णतः स्वेच्छिक है, लेकिन जो ऋणी किसान योजना से अलग होना चाहते हैं, उनके लिए नामांकन की अंतिम तिथि 24 जुलाई तक है।

ऐसे ऋणी किसानों को अपने संबंधित बैंक में घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा, अन्यथा उन्हें योजना में सम्मिलित माना जाएगा। आपको ध्यान देना होगा कि संबंधित बैंक फसल बीमा की कटौती से पहले कृषक से यह प्रमाण-पत्र लेगा कि उसने बोई गई फसल के लिए अन्य किसी बैंक से फसल बीमा नहीं करवाया है। इसके अलावा, ऋणी कृषकों को बीमित फसल में परिवर्तन की सूचना संबंधित बैंक को 29 जुलाई 2023 तक देनी होगी।

फसल बीमा पंजीकरण: अऋणी किसानों के लिए यह महत्वपूर्ण कदम

अर्थात्, फसल बीमा पंजीकरण (Crop Insurance Registration) के लिए अऋणी किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों से गैर ऋणी किसान के रूप में बीमा करवाना होगा। इसका यह मतलब है कि किसान ने किसी भी तरह का फ़सली ऋण नहीं लिया हो:

  1. भू–स्वामित्व के साक्ष्य
  2. भू–स्वामित्व प्रमाण–पत्र
  3. बैंक खाता संबंधी साक्ष्य
  4. आधार कार्ड की प्रति
  5. अपना खाता पोर्टल से डाउनलोड की गई स्वयं प्रमाणित जमाबंदी
  6. स्वप्रमाणित फसल बुवाई घोषणा–पत्र
  7. बंटाईदार कृषक का शपथ–पत्र
  8. बंटाईदार कृषक का राजस्थान का मूल निवास प्रमाण–पत्र
  9. बंटाईदार किसान के स्वयं द्वारा सत्यापित आधार कार्ड की प्रति इत्यादि दस्तावेज

इस तरीके से, अऋणी किसान फसल बीमा के लिए आसानी से पात्र हो सकता है।

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किसानों को कितना प्रीमियम भरना होगा?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के अंतर्गत किसानों को कितना प्रीमियम देना होगा? इस योजना के तहत किसानों को कपास फसल के लिए 5 प्रतिशत राशि और अन्य खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम राशि देनी होती है। अन्य राशि राज्य और केंद्र सरकार बराबर-बराबर अनुपात में वहन करती हैं।

ऋणी किसानों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूल किया जाता है। वहीं, गैर ऋणी और बटाईदार किसान अपनी फसलों का बीमा स्वैच्छिक आधार पर निकटतम केंद्रीय सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं या सीएससी के माध्यम से करवा सकते हैं। इसके अलावा, गैर ऋणी किसान बीमा कम्पनी के अधिकृत बीमा एजेंट, प्राधिकृत प्रतिनिधि या राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (एन.सी.आई.पी.) के माध्यम से भी फसल बीमा करवा सकते हैं।

किसान करायें अपनी फसलों का बीमा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत किसानों को अपनी फसलों का बीमा करवाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस योजना में बीमित किसानों को खड़ी फसल (बुवाई से कटाई तक) में होने वाले सूखा, लंबी सूखा अवधि, बाढ़, जल प्लावन, कीट और व्याधि, प्राकृतिक आग और बिजली के गिरने, तूफ़ान, ओलावृष्टि और चक्रवात से होने वाले उपज के नुकसान को कवर किया जाता है।

फसल कटाई के बाद भी सूखने के लिए खेत में कटकर फैलाई गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि से हुए व्यक्तिगत नुकसान के लिए कटाई के उपांत अधिकतम दो सप्ताह (14 दिन) तक का बीमा आवरण उपलब्ध कराया जाता है। इसलिए, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के साथ जुड़ना किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है।

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