बकरी पालन फार्म खोलें और पाएं सरकार से 60% तक सब्सिडी

बकरी एवं भेड़ पालन (goat and sheep farming) एक व्यावसायिक धार्मिक और सामाजिक माने जाने वाला कृषि क्षेत्र में एक अच्छा उपाय है, जो किसानों की आय को बढ़ाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने में सहायक है। इस व्यवसाय को कम खर्च में शुरू करने में कृषि क्षेत्र से जुड़े किसानों को बड़ा लाभ होता है और वे इससे अच्छी कमाई कर सकते हैं। सरकार भी इसकी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए बकरी पालन के लिए भारी अनुदान प्रदान करती है।

इसी संबंध में, बिहार सरकार ने राज्य में बकरी एवं भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट को मंजूरी दे दी है। इस वर्ष के लिए 12 करोड़ 93 लाख 44 हजार रुपये का बजट मंजूर किया गया है, जिससे राज्य में 453 इकाई बकरी पालन फार्म स्थापित की जाएगी।

इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कुल 1155.44 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। साथ ही, बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण के लिए भी 50 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

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यह कदम न केवल कृषि क्षेत्र में विकास की रफ्तार को तेज करेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों का निर्माण करने में भी सहायता प्रदान करेगा। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे अपने विकास के मार्ग में एक सकारात्मक कदम उठा सकेंगे।

जानें बकरी एवं भेड़ पालन के लिए योजना क्या है

बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही “समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना” एक अनोखी पहल है, जो राज्य में बकरी एवं भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में कम उत्पादकता वाली स्थानीय नस्ल की बकरियों को उच्च उत्पादकता वाली नस्ल से बदलकर प्रतिस्थापित करना है।

साथ ही, यह योजना इच्छुक किसानों और बकरी पालकों के द्वारा बकरी पालन को बढ़ावा देने और उन्नत नस्ल के बकरे और बकरियों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखती है। इसके साथ ही, यह योजना बड़े पैमाने पर रोज़गार के सृजन को बढ़ाने का भी प्रयास करती है।

अधिकतम लाभ प्रदान करने का संकल्प लिया है

इस योजना के माध्यम से, राज्य सरकार ने अधिकतम लाभ प्रदान करने का संकल्प लिया है जिससे किसानों को उन्नत तकनीक और विशेषज्ञता से लाभ मिले। यह उन्हें उच्च उत्पादकता वाली बकरियों के प्रति आकर्षित करेगा और उन्हें अधिक आमदनी की संभावना प्रदान करेगा। इस उपक्रम के अंतर्गत, सरकार भी उन्नत नस्ल के बकरे और बकरियों के विकास को प्रोत्साहित करने में मदद करेगी।

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इस विशेष योजना के माध्यम से, राज्य में बकरी पालन के क्षेत्र में नई रोज़गार संभावनाएं उत्पन्न होंगी, जो अनुभवी और नए उद्यमियों के लिए सामर्थ्य भरेंगी। इससे न केवल कृषि क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि रोज़गार की स्थिति में सुधार होगा और राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

बकरी पालन फार्म के लिए सब्सिडी कितनी मिलेगी ?

बिहार सरकार ने समेकित बकरी एवं भेड़ पालन योजना के तहत बकरी पालन फार्म के लिए अनुदान (सब्सिडी) प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस योजना में चयनित किसानों को वर्ग के आधार पर अनुदान प्रदान किया जाएगा।

वर्गीकृत रूप से, सामान्य वर्ग के किसानों को लागत का 50 प्रतिशत तक अनुदान (सब्सिडी) दिया जाएगा और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को लागत का 60 प्रतिशत तक अनुदान (सब्सिडी) प्रदान किया जाएगा। यह उदार योजना उन लोगों को सम्मिलित करती है जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और जो बकरी पालन व्यवसाय में रुचि रखते हैं।

उच्च उत्पादकता वाली नस्ल

हितग्राहियों को सब्सिडी के अलावा अतिरिक्त वित्तीय सहायता के लिए भी विकल्प प्रदान किया गया है। वे बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते हैं या अपनी खुद की लागत से भी शेष राशि का व्यय कर सकते हैं। इन दोनों स्थितियों में, हितग्राही को योजना के अनुसार अनुदान प्रदान किया जाएगा।

यह योजना उच्च उत्पादकता वाली नस्ल के बकरियों को बढ़ावा देती है और किसानों को बकरी पालन (goat farming) व्यवसाय में रोज़गार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ उन्नत नस्ल के बकरे और बकरियों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखती है। इससे न केवल कृषि क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि रोज़गार की स्थिति में सुधार होगा और राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

हितग्राही के लिए पात्रता की जानकारी

हितग्राही होने के लिए योजना में कुछ पात्रता शर्तें हैं। यह योजना बिहार के निवासियों को उपलब्ध कराई जाएगी और इसका लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को एमआईएस पोर्टल पर पंजीकृत होना जरूरी है।

योजना में बकरी और बकरा के फार्म के लिए अनुपातित क्षमता होनी चाहिए। अर्थात, 20 बकरियों और एक बकरे के लिए फ़ार्म की अनुमति के लिए आवेदक को अनुपातित होना चाहिए। साथ ही, 40 बकरियों और 2 बकरों के फार्म के लिए भी यही पात्रता शर्त होगी।

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इसके अलावा, आवेदक की प्रारंभिक जांच और स्थल निरीक्षण के लिए जिला पशुपालन पदाधिकारी की अध्यक्षता में त्रि-सदस्यीय समिति द्वारा की जाएगी। इसमें आवेदक की योजना के अनुसार सम्मिलिति होगी और उनके फार्म की क्षमता एवं योजना की व्यवस्था की जाएगी।

इस तरीके से, योजना बिहार के निवासियों को बकरी पालन (goat farming) फार्म बनाने के लिए अवसर प्रदान करेगी और इससे उन्हें आर्थिक सहायता भी मिलेगी। यह योजना एमआईएस पोर्टल पर पंजीकरण के माध्यम से एक सरल और आसान तरीके से लागू होगी।

बकरी पालन फार्म के लिए आवेदन कैसे करें?

बकरी पालन फार्म के लिए आवेदन कहां करें? यह आवेदन पशुपालन विभाग, बिहार की वेबसाइट पर ऑनलाइन किए जाएंगे। आवेदन करने के लिए किसान अपने पास के किसी भी सीएससी सेंटर से भी कर सकते हैं। अभी तक आवेदन करने की तिथि का निर्धारण नहीं हुआ है।

जब आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी, तभी किसान ऑनलाइन आवेदन (Online Application)कर सकेंगे। इसके लिए, किसान अपने नज़दीकी सरकारी पशु चिकित्सालय या ज़िला पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं। वहां से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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