गिर गाय की कीमत व कहाँ से ख़रीदे : Gir Cow Price

जब बात गाय पालन की आती है, तो लोग आमतौर पर अच्छी नस्ल वाली गायों को पसंद करते हैं। इन गायों में सबसे पहले गिर गाय (gir gaya) का नाम आता है। पशुपालकों की पहली पसंद भी आमतौर पर गिर गाय होती है। यह नस्ल की गाय में काफी अच्छे गुण होते हैं और इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी बेहतर होती है।

इसलिए, सभी पशुपालकों को गिर गाय का सही तरीके से पालन करने का उपाय बताया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सके। आज के समय में डेयरी उत्पादन की बढ़ती संख्या के कारण पशुओं की अच्छी नस्ल का चयन करना काफी महत्वपूर्ण हो गया है।

गिर गाय पशुपालकों की पहली पसंद

यदि हम देसी गाय की बात करें, तो गिर गाय का नाम अवश्य लिया जाता है। गिर गाय पशुपालकों की पहली पसंद होती है, क्योंकि इसके लिए कम खर्च आता है और इसे अर्ध-शुष्क जलवायु में भी अच्छी उत्पादनता मिलती है। इस गाय का दूध, घी, गोबर और गोमूत्र भी अच्छे दामों पर बेचे जाते हैं। इस प्रकार, गिर गाय का पालन आपके लिए लाभदायक सौदा हो सकता है।

आप गिर गाय को सही पहचान सकते हैं, उसे खरीद सकते हैं और अपनी कमाई की शुरुआत कर सकते हैं। इस लेख में आपको गिर गाय की पहचान करने और उसे कहां से खरीदने और गिर गाय की कीमत (Gir Cow Price) के बारे में जानकारी दी जा रही है।

इसे पढे –PM Kisan Samman Nidhi Yojana: 14वीं किस्त जारी की जा सकती है इस तारीख को

गिर गाय की आम जानकारी

यह गाय गुजरात के गिर वन के नाम पर रखी गई है। गिर गाय का उद्गम स्थान भी इसी राज्य के नाम से जाना जाता है। अन्य क्षेत्रों में इसे विभिन्न नामों से पुकारा जाता है। यह गाय मुख्य रूप से गुजरात के सोमनाथ, भावनगर, सौराष्ट्र के राजकोट, जूनागढ़ और अमरेली जिलों में पाई जाती है। गिर गाय की प्रसिद्धि मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लेकर ब्राजील जैसे विदेशों तक फैली हुई है। इसलिए, इसकी संख्या में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है।

गिर गाय की क्या पहचान है ?

गिर गाय के बारे में निम्नलिखित विवरण दिए गए हैं

रंग: गिर गाय के शरीर का रंग लाल होता है। इसके ऊपर गहरे भूरे या लाल रंग के धब्बे पाए जाते हैं।

आकार: गिर गाय की नस्ल का शरीर मध्यम आकार से थोड़ा बड़ा होता है। मादा गिर गाय की ऊचाई 130 सेमी (CM) और वजन लगभग 385 किलोग्राम (KG) होता है। नर गिर गाय का औसत भार 545 किलोग्राम और ऊचाई 135 सेमी होती है।

माथा: गिर गाय का माथा चौड़ा और उत्तल आकार का होता है, जो गाय को तेज धूप से बचाने में सहायक होता है।

कान: इस नस्ल की गाय के कान नीचे की और लटके हुए और लंबे होते हैं।

ये विशेषताएं गिर गाय को अनूठा और पहचाने जाने वाला बनाती हैं।

Gir Cow Identification

गिर गाय की क्या खूबिया है ?

गिर गाय के बारे में निम्नलिखित विवरण दिए गए हैं…

दूध का उत्पादन: गिर गाय एक बार ब्याने के पश्चात् लगभग 1200 से 1800 लीटर दूध का उत्पादन करती है। इसकी प्रतिदिन की दूध उत्पादन क्षमता 12 लीटर होती है। इस गाय के दूध में वसा की मात्रा 4.5 प्रतिशत होती है।

प्रजनन क्षमता: गिर गाय तीन वर्ष की आयु में पहली बार बच्चे को जन्म देती है और अपने पूरे जीवन काल में 6 से 12 बच्चों को जन्म देने में सक्षम होती है। इस नस्ल की गाय की औसत आयु 12 से 15 वर्ष होती है।

प्रतिरोधक क्षमता: गिर गाय की प्रतिरोधक क्षमता काफी अच्छी होती है, जो उसे विभिन्न प्रकार की जलवायु और गर्म क्षेत्रों में भी आसानी से रहने में सक्षम बनाती है।

दूध के फायदे (gir cow milk benefits) – गिर गाय का दूध कैल्शियम, फॉस्फोरस, वसा और पोटैशियम से भरपूर होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है। यह एक महत्वपूर्ण एसिड, कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड (CLA), भी समेत है जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके सामान्य हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है।

गिर गाय अपनी महत्त्वपूर्ण दूध प्रदान क्षमता और प्रजनन संबंधी गुणवत्ताओं के लिए प्रसिद्ध है।

इसे पढे –पशुओं के लिए लोन: मुर्गी और बकरी के लिए भी आवेदन करें

गिर गाय कितना दूध देती है ? – Gir Cow Milk per day)

डीडी किसान की रिपोर्ट के अनुसार, गिर गाय एक दिन में 50 लीटर दूध का उत्पादन कर सकती है। इसलिए, इस नस्ल की गाय की मांग पशुपालकों में बढ़ती जा रही है। गिर गायों के संरक्षण और संख्या में वृद्धि के लिए कई योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं। पहले यह गाय सिर्फ गुजरात में पाली जाती थी, लेकिन अब इन्हें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में भी पाला जाने लगा है।

गिर गाय का जीवनकाल 12 से 15 वर्ष का होता है। इस अवधि में यह गाय 6 से 12 बच्चों को जन्म दे देती है। अगर गिर गाय को अच्छा आहार प्रदान किया जाए, तो उसका भार लगभग 400 से 475 किलोग्राम तक पहुंच सकता है। संतुलित पोषण देकर इस गाय से बेहतरीन दूध का उत्पादन भी किया जा सकता है।

गाय के लिए आहार कैसा हो ? – Gir Cow Diet

आप गिर गाय के लिए आहार का मिश्रण तैयार करते हैं, तो 100 किलोग्राम (KG) आहार मिश्रण के लिए आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:

  • 40 KG गेहूं और मक्के की दलिया
  • 25 KG चना और मूंग की चूरी
  • 10 KG बिनोला की खाली
  • 22 KG सोयाबीन की चूरी
  • 1 KG नमक
  • 2 KG खनिज मिश्रण

आपको इन सामग्रियों को आपस में मिलाकर आहार मिश्रण तैयार करना होगा। जीवन निर्वाह के लिए, इस आहार मिश्रण की दैनिक मात्रा 1 से 1.5 किलोग्राम होनी चाहिए।

दूध देने वाली गाय को अलग से प्रति लीटर 400 ग्राम बाटा भी देना चाहिए। बाहर चराने से भी दूध उत्पादन में बेहतर परिणाम मिलते हैं।

गिर गाय कहाँ मिलती है ? – Gir Cow Buy

गिर गाय की मूल उत्पत्ति स्थान गुजरात है, हालांकि, अब फ़ैजाबाद में भी अधिक दूध देने वाली इन गिर गायों को लाया जा रहा है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के नरेन्द्रदेव यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एण्ड टेक्नॉलजी कुमारगंज में गिर नस्ल की गायों को खरीदने के लिए पहले गिर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है।

इस सेंटर से किसान भाइयों को उनकी मांग पर गिर नस्ल की गायों को खरीदने का अवसर मिलेगा।

गिर गाय की कीमत – Gir Cow Price

गिर गाय की कीमत दूध देने की क्षमता, गाय की आयु और उसके स्वास्थ्य के आधार पर निर्धारित की जाती है। भारतीय बाजार में गिर गाय को आमतौर पर 30 से 40 हजार रुपये के बीच में खरीदा और बेचा जाता है।

gir-cow-price

गिर गाय गौमूत्र के लाभ – Benefits of Gir Cow Urine

गर्भवती गाय का मूत्र विशेष माना जाता है कहा जाता है, कि इसमें विशेष हार्मोन और खनिज पाए जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, गोमूत्र (गाय का मूत्र) से कुस्तरोग, बुखार, पेप्टिक अल्सर, लिवर की बीमारी, गुर्दे की समस्याएं, दमा, कुछ एलर्जी, स्किन समस्याएं जैसे सोरायसिस, एनीमिया और तकलीफ भरी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।

यहां कुछ आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ हैं, जो गोमूत्र के बारे में आपको जानने चाहिए….

  • गोमूत्र कुस्तरोग, पेट के दर्द, पेट में फूलना और तकलीफ भरी बीमारियों, और यहां तक कि कैंसर के इलाज में भी मददगार हो सकता है।
  • इसे काली मिर्च, दही और घी के साथ मिलाकर बुखार के इलाज में उपयोग किया जाता है।
  • गोमूत्र, त्रिफला (एक जड़ी-बूटी का मिश्रण) और गाय के दूध का मिश्रण अनीमिया के इलाज में भी उपयोग हो सकता है।
  • गोमूत्र पेप्टिक अल्सर, दमा और कुछ लिवर की बीमारियों के इलाज में भी मददगार होता है।
  • गोमूत्र और धारुहरिद्रा का मिश्रण अपस्मार के इलाज में उपयोग होता है।
  • गोमूत्र आपके शरीर को अंदर से साफ करके सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर आपके स्वास्थ्य संबंधी कई जोखिमों को कम करता है, जिसमें मधुमेह, मोटापा, उच्च रक्तचाप आदि शामिल हैं।
  • गोमूत्र को घरों और कृषि में कीटनाशक के रूप में छिड़काव के लिए भी उपयोग किया जाता है।
  • इसके अलावा, साबुन और शैम्पू जैसे सौंदर्य उत्पाद भी बनाए जाते हैं जो गोमूत्र से निर्मित होते हैं।

इसे पढे –मालवी गाय: सबसे खूबसूरत और दूधदायक नस्ल, जानें कीमत

यहां बिक रहा सबसे सस्ता टमाटर, कीमत 35 रुपये 


Leave a Comment