चने की अधिक उपज वाली खेती करे ?

बुआई का समय

रबी में

बुआई का समय – 10 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच

फसल अवधि – 140 से 150 दिन


तापमान , मिट्टी की तैयारी व खेत की जुताई

चना की फसल के लिए चयन की गई भूमि का पी.एच मान 5.5 से 7 के बीच का होना चाहिए।फसल बुवाई से 15 दिन पहले 1 एकड़ खेत में 10 टन गोबर की खाद डालकर खेत की अच्छे से 2 जुताई करे , जुताई के बाद 1 सिंचाई करे सिंचाई के 6 दिन बाद 2 जुताई करके पट्टा फेर दे । खेत जुताई के समय 1 एकड़ खेत में 10 किलोग्राम carbofuran का इस्तेमाल करे ।


उन्नत किस्में ( Varieties )

  • Pusa 372 – अवधि 130 से 140 दिन यह पिछेती बिजाई के लिए उपयुक्त किस्म है और पूरे उत्तर प्रदेश में उगाने के लिए उपयुक्त है । यह 130-140 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है । इसकी औसतन पैदावार 10-12 क्विंटल प्रति एकड़ होती है ।
  • Pusa 1003 – अवधि 135 से 145 दिन यह पूर्वी उत्तर प्रदेश में उगाने के लिए उपयुक्त किस्म है । यह 135-145 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है । इसकी औसतन पैदावार 8-9 क्विंटल प्रति एकड़ होती है ।
  • Karnal Chana 1- अवधि 140 से 147 दिन यह किस्म उत्तरी राजस्थान में उगाने के लिए अनुकूल है । इसकी औसतन पैदावार 9-11 क्विंटल प्रति एकड़ होती है । यह किस्म 140-147 दिनों में पक जाती है । यह किस्म सूखे के प्रतिरोधी है ।
  • RSG 974 ( Abhilasha )- अवधि 130 से 135 दिन यह किस्म 130-135 दिनों में पक जाती है । यह किस्म सूखा जड़ गलन , बोट्रीटिस ग्रे मोल्ड सूखा और चितकबरा रोग के प्रतिरोधी है ।

बीज की मात्रा

चना की 1 एकड़ फसल तैयार करने 35 से 40 किलोग्राम बीज की जरुरत होती है ।


बीज उपचार

चना फसल को मृदा जनित रोग से बचाव करने के लिए बीज को बुवाई से पहले टेबुकोनाजोल 5.4 % डब्ल्यू / डब्ल्यू एफएस 4 मिली प्रति 10 किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें इसके बाद अमोनियम मालीब्डेट 1 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें ।

यदि खेत मे दीमक की समस्या हो तो क्लोरोपायरीफास 20 % ईसी 4 मिली प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें । इसके उपरान्त राइजोवियम एवं पीएसबी कल्चर प्रत्येक की 5 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें ।

इसके लिए 100 ग्राम गुड़ का आधा लीटर पानी में घोल बनायें घोल को गुनगुना गर्म करें तथा ठंडा कर राइजोवियम कल्चर एवं पी एस बी कल्चर मिलाएं । घोल को बीज के ऊपर समान रूप से छिड़क दें और धीरे – धीरे हाथ से मिलाएं ताकि बीज के ऊपर कल्चर अच्छे से चिपक जाएं । उपचारित बीज को कुछ समय के लिए छाँव में सुखाएं इसके बाद तुरंत बुआई करें ।


बुआई का तरीका

फसल बुवाई के समय पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी और लाइन से लाइन की दूरी 20 – 25 सेमी रखे । बीज को 6-8 सेमी की गहराई पर बोए ।


उर्वरक व खाद प्रबंधन

बुवाई के समय

चना की फसल बुवाई के समय 1 एकड़ खेत में 25 किलोग्राम पोटाश , 25 किलोग्राम यूरिया , 50 किलोग्राम डी ए पी , 10 किलोग्राम कार्बोफुरान , 5 किलोग्राम जायम का इस्तेमाल करे ।

  • बुवाई के 20 से 25 दिन बाद फसल बुवाई के 20 दिन बाद फसल में अच्छी बढ़वार के लिए 1 एकड़ खेत में 250 मिली इफको सागरिका को 100 से 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करे ।
  • बुवाई के 35 से 40 दिन बाद फसल बुवाई के 35 से 40 दिन पर 1 एकड़ खेत में 25 किलोग्राम यूरिया खाद का इस्तेमाल करे ।

सिंचाई

चना की फसल में पहली सिंचाई 40-45 दिन पर करें और दूसरी सिंचाई फली के विकास के बाद 60 से 65 दिन पर करें । यदि सिर्फ एक सिंचाई ही उपलब्ध हो तो 60 दिन के बाद सिचाई करे ।

फसल की कटाई

चना की फसल में जब पौधा सूख जाता है और पत्ते लात दिखते हैं और झड़ने शुरू हो जाते हैं , उस समय पौधा कटाई के लिए तैयार हो जाता है।



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