फसल चक्र क्या है, इससे होने वाले लाभ – Crop Rotation

जब हम हमारे खेतों में 1 वर्ष के बाद किसी दूसरी फसल को उगाते हैं, तो उनका जो बदलाव होता है, उसे फसल चक्र (Crop Rotation) कहते हैं।

यदि किसी जमीन पर एक ही फसल बार-बार बोई जाए तो मिट्टी में कुछ विशेष तत्वों की कमी आ जाती है, जिससे कि फसलों का उत्पादन भी कम हो जाता है, ऐसे में हमें हर बार फसलों की हेराफेरी करनी होती है, इसे ही फसल चक्र कहा जाता है।

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फसल चक्र का महत्व (Importance Of Crop Rotation)

फसल चक्र कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, यदि यह प्रक्रिया ना हो तो हमारे खेतों में बहुत से पोषक तत्व की कमी के कारण मिट्टी की उर्वरा क्षमता कम हो जाती है, जिससे कि उसमें उगाई जाने वाली फसलों को सारे पोस्टिक तत्व नहीं मिल पाते जो उन्हें चाहिए होते हैं। ऐसे में आपकी फसलों का उत्पादन भी धीरे-धीरे कम होने लगता है।

इसी को ध्यान में रखते हुए किसान फसल चक्र वाली प्रक्रिया को अपनाता है, जिससे कि अलग-अलग फसलों के लगने से उनके अपशिष्ट से मिट्टी में नाइट्रोजन जैसे पोषक तत्व बने रहते हैं, और हमारी उगाई जाने वाली दूसरी फसलों को वे सारे पोषक तत्व प्राप्त होते हैं, जो उन्हें चाहिए होते हैं, जिससे कि फसलों का उत्पादन भी अच्छा होता है।

फसल चक्र से लाभ (Benefit From Crop Rotation)

  • फसल चक्र के माध्यम से हम अपने मिट्टी की उर्वरा क्षमता में वृद्धि कर सकते हैं।
  • फसल चक्र को अपना कर पौधों को जो आवश्यक तत्व चाहिए होते है वे उनको प्रदान किये जा सकते हैं।
  • मुख्य रूप से यह मिट्टी की उर्वरा क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
  • इससे हमारे खेतों में होने वाले खरपतवार ओं से भी राहत मिलती है।
  • बार-बार मिट्टी के उलट-पुलट होने से मिट्टी में पाए जाने वाले विषाक्त पदार्थ खत्म हो जाते हैं। 
  • फसल चक्र प्रक्रिया अपनानें से मिट्टी में पनपने वाले विभिन्न प्रकार के रोग एवं कीटों पर नियंत्रण होता है।
  • फसल चक्र को अपनाने से सबसे बड़ा लाभ होता है, की इससे मिट्टी की संरचना में सुधार होता है।
  • मिट्टी में नमी बने रहने से खेत में अधिक सिंचाई नहीं करनी पड़ती है।

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