भारत में फसल के प्रकार | Types of Crops in India

फसल के प्रकार – भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहां पर अधिकतर लोगों की आजीविका कृषि पर ही निर्भर करती है।लोग अपनी जमीनों पर खेती करके अपना और दूसरे लोगों का जीवन यापन करने के लिए फसलों का उत्पादन करते हैं।

कृषि हमारे देश में एक पारंपरिक तथा ऐतिहासिक व्यवसाय है, जो कि बहुत सालों पहले से किया जा रहा है, अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह कार्य कब से प्रारंभ हुआ है, परंतु आज के समय में भी हमारे देश में कृषि एक बड़े क्षेत्र में की जाती है तथा लोग इससे अपना और देश के लोगों का पेट भरने का काम करते हैं। साथ ही साथ भारत सरकार द्वारा भी कृषि के क्षेत्र को विस्तृत करने के लिए कई सारी योजनाएं चलाई जा रही है, जिससे कि किसानों को कृषि करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से कई सारी फसलों के बारे में बताएंगे जिनकी आप खेती करते हैं । इन फसलों की खेती कब की जाती है, तथा कैसे की जाती है, इससे संबंधित पूरी जानकारी आज हम आपको यहां पर देंगे….

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फसल क्या होती है – what is crop

जीवन को जीने के लिए तीन चीजों की आवश्यकता होती है, भोजन पानी और हवा जैसा कि आप जानते हैं, प्राचीन समय में कृषि इतने विस्तृत रूप में नहीं की जाती थी, पहले के लोग कंदमूल या फल खाकर अपना गुजारा कर लेते थे परंतु जैसे-जैसे परिवर्तन आता गया वैसे वैसे मनुष्य की आवश्यकताओं में भी वृद्धि होती गई।

आज का मनुष्य और उसकी आवश्यकता

आज के मनुष्य को खाने में विभिन्न प्रकार की दाले तथा मसालों की आवश्यकता होती है ,ऐसे में वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उसने इन फसलों की खेती करना भी शुरू कर दिया है। इसके साथ साथ ही जैसे जैसे परिवर्तन आता गया वैसे वैसे फसलों की वैरायटी में भी काफी परिवर्तन आया है।

फसल कब किस समय तथा कैसे उगाई जाती है, यह सभी बातें आज के लोगों को भलीभांति प्रकार से पता है, तो आज हम आपको उसी से संबंधित कुछ फसलों की डिटेल्स देंगे..

यदि साधारण शब्दों में कहें तो हमारे भोजन की आवश्यकता की पूर्ति करने तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए जो खेती की जाती है, उसमें जो उगाया जाता है, उसे फसल कहा जाता है ।

भारत में फसलों के प्रकार – Types of Crops in Hindi

हमारे देश भारत में मौसमों के आधार पर फसलों की खेती की जाती है, इसमें देखे तो यहां पर तीन प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं।

  1. खरीफ की फसल
  2. रवि की फसल
  3. जायद की फसल

खरीफ की फसल 

बारिश के समय बोई जाने वाली फसल को खरीफ की फसल कहा जाता है। भारत में वर्षा ऋतु में सामान्य रूप से जून से सितंबर महीने के बीच के समय कि यह फसल होती है। इसमें प्रमुख रूप से धान, मक्का, सोयाबीन, उड़द, मूंग ,मूंगफली आदि इसकी प्रमुख फसलें होती है।

खरीफ की फसल को जून-जुलाई में बोया जाता है, तथा तापमान मे ( जब गर्मी आती है) तब सितंबर अक्टूबर में इस फसल की कटाई की जाती है। इसके लिए हवा में नमी के साथ ही सामान्य तापमान की आवश्यकता भी होती है।

रबी की फसल (Rabi Crop)

खरीफ के बाद जो फसल बोई जाती है वह रवि की फसल होती है, और यह शीत ऋतु में उगाई जाती है। इस फसल को अक्टूबर से मार्च के समय में तैयार कीया जाता है, इसकी बुवाई अक्टूबर-नवंबर में होती है, तथा मार्च अप्रैल तक इस फसल की कटाई ही जाती है।

रवि की फसलों में मुख्य रूप से मसूर, सरसों, चना, मटर, चुकंदर गन्ना, आलू, तंबाकू जौ आदि फसले उगाई जाती है। इन फसलों को कम तापमान की जरूरत होती है, साथ ही साथ इसमें पानी भी कम ही मात्रा में आवश्यक होता है।

जायद की फसल (Zaid Crop)

जायद की फसलें ऐसी फसलें होती हैं, जो अधिक तापमान यानी कि गर्मी के समय में उगाई जाती है। जायद की फसलों का समय अप्रैल से मई के बीच का होता है।

इस समय में तापमान इतना अधिक होता है, कि इन फसलों को पकने में कम समय लगता है। यह फसलें बहुत ही जल्दी तैयार होकर कट जाती है। जायद की फसलों में मुख्य रूप से तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरा, टमाटर, तरोई आदि फसलें जायद की मुख्य फसलें होती है।

फसलों का वर्गीकरण (Classification Of Crop)

फसलों का वर्गीकरण हमारे देश में मौसम और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया गया है। जिस मौसम में जिन फसलो की हमें आवश्यकता होती है, इन फसलों को इस मौसम में उगाया जाता है।

आइए जानते हैं, फसलों का वर्गीकरण किन आधार पर किया जाता है

  • मौसम या ऋतुओं के आधार पर
  • उपयोग एवं आर्थिक महत्व के आधार पर
  • जीवन चक्र के आधार पर फसलों का वर्गीकरण
  • फसलों का वनस्पतिक वर्गीकरण
  • विशेष उपयोग के आधार पर फसलों का वर्गीकरण
  • फसलों का सस्य वैज्ञानिक वर्गीकरण
  • औद्योगिक महत्व के आधार पर

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