MP मूंग की खरीदी :- मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, 12 जून से ग्रीष्मकालीन मूंग की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी की शुरुआत होगी, और यह प्रक्रिया 31 जुलाई तक जारी रहेगी। इस वर्ष, राज्य सरकार ने मूंग के लिए 7755 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। किसान अपनी सुविधा के अनुसार कहीं भी स्लॉट बुक करके मूंग बेच सकेंगे। मूंग की खरीदारी 32 जिलों में की जाएगी।
32 जिलों में मूंग की खरीदी
प्रदेश में मूंग की अधिक उत्पादन वाले ये 32 जिले हैं, इन जिलों में पंजीयन केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
- इंदौर, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर,
- रायसेन, हरदा, सीहोर,
- जबलपुर, देवास, सागर,
- गुना, खंडवा, खरगोन,
- कटनी, दमोह, विदिशा,
- बड़वानी, मुरैना, बैतूल,
- श्योपुरकलां, भिंड, भोपाल,
- सिवनी, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर,
- छतरपुर, उमरिया, धार,
- राजगढ़, मंडला, शिवपुरी,
- अशोकनगर, और बालाघाट।
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पिछले वर्ष की तुलना में अधिक किसानों ने करवाया पंजीयन
इस साल पंजीयन में वृद्धि, रकबा कम: आंकड़ों के अनुसार, इस साल पिछले वर्ष की तुलना में अधिक किसानों ने उड़द और मूंग की खरीदी के लिए पंजीयन (moong panjiyan) करवाया है। 2022 में 13,481 किसानों ने पंजीयन करवाया था, जबकि इस साल यह संख्या 20,457 हो गई है।
खेती का क्षेत्रफल भी कम हुआ
इसके साथ ही, पिछले साल की तुलना में खेती का क्षेत्रफल भी कम हुआ है। पिछले साल रकबा 1,21,220 हेक्टेयर था, जो इस साल 1,13,284 हेक्टेयर रह गया है। इस साल की ग्रीष्मकालीन खरीदी के लिए 24,000 टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पिछले साल 21,238 टन मूंग की खरीदी हुई थी।
खरीदी के लिए किसको क्या जिम्मेदारी
खरीदी के लिए किसको क्या जिम्मेदारी: खरीदी प्रक्रिया में निम्नलिखित लोगों को विभाजित किया गया है।
- तय केंद्रों पर कर्मचारियों, डाटा एंट्री ऑपरेटर, तुलाई, और खरीदी की व्यवस्था सहकारिता उपायुक्त और जिला सहकारी बैंक के सीईओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- नोडल एजेंसी के रूप में राज्य सहकारी विपणन संघ मार्कफेड को निर्धारित किया गया है। बारदाना, सर्वेयर, और बैनर भी इसकी जिम्मेदारी में होंगे।
- एफएक्यू मूंग की खरीदी को समितियां आयोजित करेंगी।
- मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक वेयर हाउस से संबंधित कार्यों की जिम्मेदारी संभालेंगे।
- SDM की अध्यक्षता में बनी समिति खरीदी केंद्रों की सख्त निगरानी करेगी, खरीदी की मॉनिटरिंग करेगी और किसानों की समस्याओं का समाधान करेगी।
- खरीदी केंद्र की ऑनलाइन स्थापना, ग्रामों में मैपिंग करने का कार्य कृषि उपसंचालक करेंगे और केंद्र निर्धारित तिथि में शुरू करेंगे।
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