नैनो DAP – खेती में उर्वरकों का उपयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण खेती में लगने वाली लागत भी तेजी से बढ़ रही है, और किसानों का फायदा कम हो रहा है, इसके साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर भी बहुत गहरा असर देखने को मिल रहा है, इसी कारण से किसानों को उर्वरकों का सीमित मात्रा में उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
खेती में प्रयोग होने वाले उर्वरकों को बनाने वाली कंपनी इफको ने नैनो लिक्विड फ़र्टिलाइज़र (Nano liquid fertilizer) को बाजार में लाकर खेती में उपयोग होने वाले उर्वरकों के उपयोग का तरीका ही बदल दिया है।
एक समय में खाद की बोरी खरीदने के लिए किसानों को हजारों रुपए व्यय करने पड़ते थे हालांकि इन उर्वरकों पर सरकार द्वारा सब्सिडी उपलब्ध करवा दी जाती थी।
नेनों तकनीक के क्या फायदे है ?
इफको ने लिक्विड फर्टिलाइजर को किसानों तक आधे दामों में पहुंचा दिया है, इस नैनो लिक्विड फर्टिलाइजर को पानी में घोलकर फसलों पर इसका छिड़काव कर दिया जाता है।
इससे किसान की सेहत पढ़ तो अच्छा प्रभाव पड़ता ही है, साथ ही यह उन उर्वरकों के मामले में काफी सस्ता है।
इफको कंपनी के द्वारा सबसे पहले नैनो यूरिया बाजार में लाया गया था और इसी की सफलता को देखते हुए कंपनी ऐसा ही कुछ और किसानों के लिए करना चाहती थी हाल ही में कंपनी ने किसानों को एक खुशखबरी दी है आइए जानते हैं क्या है वह खुशखबरी।
IFFCO कंपनी जल्द लॉन्च करेगी नैनो DAP
ताजा रिपोर्ट के अनुसार जल्द ही इफको कंपनी नैनो डीएपी उर्वरक भी बाजार में लाने वाली है, किसान भाइयों आपको बता दें कि यह नैनो लिक्विड फर्टिलाइजर की तकनीक पूरी तरह से देसी है।
जोकि आने वाले समय में विदेशों से आयात किए जा रहे उर्वरकों के उपयोग को कम करने में सहायक होगा।
आधे दामों पर बिकेगी नैनो डीएपी की बोतल
जैसे कि हमने देखा खेती में नैनो यूरिया (Nano Urea) के आते ही किसानों का खर्च कम हो गया है, खेती में नैनो यूरिया के उपयोग से किसानों को बहुत ही फायदा प्राप्त हुआ है।
फसल का अच्छा उत्पादन तो किसानों को प्राप्त हुआ ही है, इसके साथ-साथ यह पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है।
इसीलिए कंपनी ने डीएपी को भी नैनो तकनीक से लिक्विड में बदलने का फैसला किया है, इस तकनीक पर कंपनी अभी काम कर रही है, और पूरी तरीके से सफल परीक्षण के बाद किसान नैनों डीएपी का भी इस्तेमाल कर सकेंगे और खेती में लाभ ले सकेंगे।
नैनो DAP की कितनी कीमत होगी
अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुमान लगाया जा रहा है, कि Nano Urea की तरह ही नैनो DAP की बोतल भी वही दाम लगभग (Nano DAP Price) 600 रुपए के लगभग बेची जा सकती है।
आपको बता दें कि इसके मूल्य बाजार में उपलब्ध डीएपी बैग से कुछ ऊपर नीचे या उसके बराबर हो सकते हैं, अभी फिलहाल में डीएपी के एक बेक का मूल्य लगभग 1350 रुपए हैं, इसकी तुलना में नैनो डीएपी अधिक लाभदायक होगा और इससे खेती में किसानों का पैसा बचेगा।
इफको ने नैनो डीएपी पर क्या जानकारी दी?
इसको कंपनी के प्रबंध निर्देशक U.S. अवस्थी ने एक किसान सम्मेलन में संबोधित करते हुए नैनो लिक्विड डीएपी को जल्द बाजार में उतारने की जानकारी दी है।
वही कंपनी जल्द ही नैनो पोटाश, नैनो जिंक, और अन्य नैनो उर्वरकों को भी बाजार में लांच करने की योजना बना रही है, इस कार्य के लिए स्वदेशी वैज्ञानिकों के साथ-साथ कुछ विदेशी कंपनियां भी कार्य कर रही हैं।
इसी के फलस्वरूप नैनो डीएपी (Nano DAP) तैयार हो चुका है, अभी फिलहाल में इसका इंस्पेक्शन किया जा रहा है, यह पूर्ण होते ही इसे किसानों के लिए बाजार में उतारा जाएगा।
कंपनी द्वारा पहले ही आवेदन किया गया
कंपनी को नैनो डीएपी ( डाई अमोनिया फास्फेट) विकसित करने के बाद किसानों तक पहुंचाने से पहले सरकार की अनुमति की आवश्यकता होती है।
इस हेतु कंपनी द्वारा पहले ही आवेदन किया जा चुका है, और इसी विषय पर लोकसभा में भी विशेष चर्चा हो चुकी है, जहां पर उर्वरक मंत्री मनसुख मांडवीया ने बताया कि अन्य दूसरे उर्वरकों को भी इस तकनीक के द्वारा तैयार किया जा रहा है।
उर्वरक के लिए कैसे मंजूरी मिलती है ?
लोकसभा में चर्चा के दौरान उर्वरक मंत्री मांडवीया ने बताया कि नैनो डीएपी पर पहले ही रिसर्च की जा चुकी थे और अब इसका इंस्पेक्शन भी किया जा रहा है।
इसे किसान द्वारा प्रयोग में लाने जाने से पहले फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर में लाना होता है, इस हेतु कुछ पैरामीटर्स को पास करना होता है। इसी पर अभी रिसर्च जारी है यह पूर्ण होते ही या बाजार में उपलब्ध होगा।
उम्मीद की जा रही है कि – जल्द ही नैनो सल्फर और अन्य दूसरे नैनो उर्वरक भी बाजार में देखने को मिलेंगे और यह खेती में किसान की लागत को कम करके क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगे।
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