नैनो यूरिया फसलों पर कैसे काम करता है, यहाँ समझे ?

भारत सरकार ने विकसित भारत की संकल्प यात्रा के दौरान कई गांवों में ड्रोन का सहारा लेकर नैनो यूरिया और डीएपी का छिड़काव किया जा रहा है। सरकार ने इसके लिए ड्रोन की खरीद पर भारी अनुदान धनराशि खर्च की है, और नैनो यूरिया के छिड़काव पर सहायता प्रदान की है।

क्या नैनो यूरिया का उपयोग से कोई लाभ है ?

इस संदर्भ में, एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठता है, कि क्या नैनो यूरिया का उपयोग करके किसानों को वास्तविक रूप से कोई लाभ हो रहा है या नहीं। इस विषय पर 15 दिसंबर को लोकसभा में सवाल किया गया।

किसानों के लिए यह सवाल महत्वपूर्ण है क्योंकि नैनो यूरिया का प्रयोग किसानों की उत्पादकता और आय में सुधार करने के लिए किया जा रहा है। इसके माध्यम से, उन्हें सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले उर्वरकों का उपयोग करने का एक नया साधन मिला है।

इसके अलावा, ड्रोन का उपयोग कृषि क्षेत्र में नैनो यूरिया की सही मात्रा में और सही समय पर छिड़काव करने के लिए हो रहा है, जिससे फसलों की उत्पादकता में वृद्धि हो रही है। इससे किसानों को बेहतर फसलों का निर्माण करने में मदद मिल रही है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।

इस भी पढे – जानवर भगाने की झटका मशीन

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने क्या कहा ?

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने बताया है, कि देश में विकसित किया गया पहला नैनो तरल यूरिया को खड़ी फसल में प्रयुक्त करने से न केवल उत्पादन में वृद्धि हो रही है, बल्कि इसकी क़ीमत भी परम्परागत यूरिया से कम होने के कारण फसल उत्पादन की लागत में भी कमी आ रही है।

इससे, किसानों को नए तकनीकी समाधान के माध्यम से फायदा हो रहा है, और उन्हें अधिक से अधिक मुनाफा कमाने का अवसर मिल रहा है।

नैनो यूरिया से किसानों को कई लाभ प्राप्त हो रहे

लोकसभा में, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने स्पष्ट किया है, कि नैनो यूरिया का उपयोग करके किसानों को कई लाभ प्राप्त हो रहे हैं। इस नए उर्वरक की महत्ता को समझने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने विभिन्न स्थानों पर प्रयोगशालाओं में विशेषज्ञों के साथ परीक्षण किया है।

नैनो यूरिया की सरकारी मंजूरी

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और इंडियन फ़ॉर्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफ़को) ने नैनो यूरिया को उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत मंजूर किया है, जिससे नैनो यूरिया आपूर्ति और उपयोग के लिए एक बहुत अच्छा स्रोत बन गया है।

दो छिड़कावों से उपज मे वृद्धि

ICAR द्वारा किए गए विभिन्न परीक्षणों ने दिखाया है, कि नैनो यूरिया के दो छिड़कावों से उपज में 3 से 8 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है और इससे फसलों में 25-50 प्रतिशत तक की यूरिया की बचत हो सकती है।

किसानों को आर्थिक रूप से भी फायदा

इफ़को ने नैनो तरल यूरिया की 500 ML बोतल की क़ीमत को ध्यान में रखते हुए, इसका मुकाबला करने वाले पारंपरिक यूरिया (45 किलोग्राम बोरी) की कीमत से 16 प्रतिशत कम बनाया है।

यह साफ दिखाता है कि नैनो यूरिया का उपयोग करने से न केवल फसल उत्पादन में वृद्धि हो सकती है, बल्कि इससे किसानों को आर्थिक रूप से भी फायदा हो सकता है।

नैनो यूरिया कैसे काम करता है यहाँ समझे ?

नैनो यूरिया द्वारा फसलों को मिलने वाले लाभ को समझना किसानों के लिए बहुत जरूरी है। आइए जानते है, नैनो यूरिया कैसे फसलों पर अपना काम करता है…

जब नैनो यूरिया को पत्तियों पर छिड़का जाता है, तो यह पौधों के स्टेमेटा और अन्य खुले स्थानों के माध्यम से आसानी से प्रवेश करता है और फिर फसलों को नाइट्रोजन की आवश्यकता को पूरा करने में सहायक होता है।

नैनो यूरिया के अद्वितीय आकार और सतही क्षेत्र के उच्च अनुपात के कारण, यह फसलों से संबंधित पोषण तत्वों की आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम है, जिससे पोषण संबंधित दबाव कम होता है, और इससे पौधों की सुदृढ़िता और उच्च उपज हासिल होती है।

इसे पढे – बत्तख पालन कैसे करें, जाने कितनी लागत और कमाई है ?

फसलों को पाला पड़ने से बचाने के उपाय


Leave a Comment