देशी गाय के पालन पर सरकारी अनुदान

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 2 अगस्त मंगलवार को CM शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शिवराज कैबिनेट बैठक (Shivraj Cabinet Meeting Today) सम्पन्न हुई , जिसमे कई अलग-अलग अहम विषयो पर फैसले लिए गए –

शिवराज कैबिनेट के फैसले

  • देसी गाय पालने पर अनुदान,
  • प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने मास्टर ट्रेनिंग,
  • स्कूली शिक्षा में तबादला नीति,
  • नक्सल विरोधी अभियान में हॉक फोर्स की पुलिस कर्मियों को विशेष भत्ता,
  • कर्मियों की नियुक्ति समेत कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई ।

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देशी गाय के पालन पर अनुदान

मंत्रि-परिषद ने राज्य में प्राकृतिक कृषि पद्धति के प्रचार-प्रसार के लिये प्रदेश के कृषकों को एक देशी गाय के पालन पर अनुदान तथा प्रत्येक जिले के 100 ग्रामों में प्राकृतिक खेती प्रारंभ करने के उद्देश्य से नवीन “मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास योजना” संपूर्ण मध्यप्रदेश में क्रियान्वित किए जाने का निर्णय लिया।

5200 ग्रामों में प्राकृतिक खेती प्रारंभ

योजना के अंतर्गत 52 जिलों में 100 ग्रामों का चयन कर कुल 5200 ग्रामों में प्राकृतिक खेती प्रारंभ की जाएगी, प्रत्येक ग्राम से 5, इस प्रकार कुल 26 हजार प्राकृतिक कृषि करने वाले किसानों का चयन कर उन्हें गौ-पालन के लिए अनुदान दिया जाएगा।

ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा

अनुदान के रूप में 900 रूपए प्रतिमाह की सहायता दी जाएगी, प्राकृतिक कृषि करने वाले कृषकों का एक पोर्टल/एप तैयार किया जाएगा।

इस पर पंजीकृत कृषकों को मास्टर ट्रेनर एवं ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा, मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षक के रूप में कार्य करने का मानदेय 1 हजार रूपए प्रतिमाह दिया जाएगा और वे प्राकृतिक प्रेरक कहलाएंगे।

राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी राशि

प्रशिक्षण पर 400 रूपए प्रति कृषक प्रति दिन का व्यय प्रावधानित किया गया है, योजना के क्रियान्वयन के लिए 39 करोड़ 50 लाख रूपए की आवश्यकता होगी, जो राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी।

प्रशासकीय विभाग ने प्रथम चरण में 26 हजार कृषकों के लिए 900 रूपए प्रतिमाह के मान से 1 वर्ष के लिए 28 करोड 08 लाख रूपए के व्यय की स्वीकृति दी है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना में 2 वर्ष की वृद्धि

  • मंत्रि-परिषद् ने मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना की अवधि में 2 वर्ष (31 मार्च 2024 तक) की वृद्धि करने का निर्णय लिया।
  • योजना में वर्ष 2022-23 के लिए 2 लाख और वर्ष 2023-24 के लिए 2 लाख हितग्राहियों को लाभांवित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं।
  • योजना 28 जुलाई 2020 से लागू की गई थी। वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में कुल 3 लाख 14 हजार 487 ग्रामीण पथ विक्रेता हितग्राहियों को बैंकों द्वारा प्रति हितग्राही 10 हजार रूपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया है।
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