मुख्यमंत्री ने किसानो को दिये यह आश्वासन

मध्य प्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव को एक साल से भी कम समय बचा है। इससे पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुशांगिक संगठन भारतीय किसान संघ के बैनर तले मंगलवार को प्रदेश के सैकड़ों किसान भोपाल के मोतीलाल नेहरु मैदान में एकत्र हुए।

संघ और किसानों की कई मांगे राज्य शासन से है। इस दौरान किसानों-संघ पदाधिकारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।  कार्यक्रम में किसानों और पदाधिकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।

किसानों और संघ पदाधिकारियों के प्रदर्शन, आक्रोश और मांगों को भांपकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने किसानों की मांगों को लेकर ऐलान किया और कुछ मांगे मान ली तो कुछ पर आश्वासन दिया है। 

क्या क्या मांगे रखी गयी

  • भारतीय किसान संघ ने सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिलने,
  • समय पर ट्रांसफार्मर नहीं बदलने,
  • बिजली के भारी भरकम बिल,
  • पर्याप्त खाद नहीं मिलने समेत कई मांगे रखी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आए और मामा नहीं आए ऐसा हो ही नहीं सकता। सरकार अफसरों के लिए नहीं किसानों के लिए है।

राज्य मंत्रालय वल्लभ भवन में बैठे अफसरों से पूछो तो कहते है कि – सब ठीक चल रहा है, लेकिन किसान संघ सही समय पर सही स्थिति और समस्या रखता है।

हर तीन महीने में किसान मंच की बैठक

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कई मुद्दों पर किसान मंच के साथ बैठक हुई। अब हर तीन महीने में किसान मंच की बैठक होगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि – किसानों से जबरदस्ती जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। किसानों की सहमति से ही अधिग्रहण होगा। यह यूनिवर्सल है पूरे प्रदेश में लागू होगा। 

डिफाल्टर किसान के कर्ज का ब्याज भरेंगे

मुख्यमंत्री ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक सरकार बीच में आई थी। उसकी कर्ज माफी के कारण किसान डिफाल्टर हो गए।

हम उन किसानों के कर्ज का ब्याज भरेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री खेत सडक़ योजना फिर से लागू करेंगे।

  • बलराम तालाब योजना पर आपके साथ बैठक कर विचार करेंगे।
  • गन्ना किसानों को बकाया देने के लिए मिल मालिकों से चर्चा करेंगे।
  • जल ट्रांसफार्मर को 24 घंटे में सुधारा जाएगा।
  • नहरों की मरम्मत होगी। 
  • सिंचाई के समय एक्स्ट्रा लगाये जायेंगे ट्रांसफार्मर
  • पीएम सम्मान निधि और मुख्यमंत्री सम्मान निधि में छूटे नामों को फिर से जोड़ो जाएगा।

ट्रांसफार्मर को 24 घंटे में सुधारा जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई के समय ट्रांसफार्मर पर लोड होता है, जल जाते है, वहां अलग से ट्रांसफार्मर रखे जाएंगे।

राजस्व शिविर और बिजली समस्या के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व की जमीन पर जिनके पुराने कब्जे है। उन किसानों को पट्टा दिया जाएगा। चाहे वो किसी भी वर्ग का किसान हो। 

किसान संघ ने सरकार को सुनाई खरी-खोटी

संघ पदाधिकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। आरोप लगाया कि सरकार की प्राथमिकता में किसान नहीं है। मध्य प्रदेश का किसान सुखी नहीं दुखी है।

यह दुर्भाग्य है, यह यहां की सरकार का निकम्मापन है, उन्होंने कहा कि यह गैर राजनीतिक संगठन है। जो किसानों का हक मांगने आया है, भीख मांगने नहीं आया है।

मुख्यमंत्री के द्वारा यह आश्वासन दिये गए

  • कांग्रेस की कर्ज माफी के कारण डिफाल्टर किसानों के कर्जमाफी का ब्याज सरकार भरेगी।
  • किसान पम्प योजना का अनुदान अगले बजट में आ जाएगा।
  • नहरों की मरम्मत कर टेल एंड तक व्यवस्थित पानी पहुंचाएंगे ।
  • ओवरलोड ट्रांसफार्मर के साथ अतिरिक्त ट्रांसफार्मर रखने की व्यवस्था करेंगे ।
  • गन्ना किसानों का बकाया मिल मालिकों से बात कर वापस कराएंगे ।
  • जले हुए ट्रांसफार्मर को जल्द से जल्द बदलवाएंगे। 
  • खरीदी केंद्र पर तुलाई जल्दी पूरी करने के लिए बड़े तौल कांटे लगाए जायेंगे ।
  • रेवेन्यू की जमीन पर पुराने कब्जे है, वर्षो से खेती कर रहे है उन्हे पट्टे देने का काम करेंगे।
  • पीएम किसान सम्मान निधि, और मुख्यमंत्री किसान 
  • कल्याण निधि योजना में बचे हुए किसानों के नाम जोड़ेंगे ।
    राजस्व के और बिजली बिल निराकरण के शिविर लगाए जायेंगे ।
  • जमीन क्रय करने के बाद शीघ्र नामांतरण की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे ।

किसानों समस्याओं के लिये 7 दिन का विशेष सत्र

भारतीय किसान संघ की मांग है कि सरकार किसानों से संबंधित विषयों पर चर्चा के लिए विधानसभा का सात दिवासीय विशेष सत्र बुलाए।

  • फसल नुकसान की भरपाई के लिए भावांतर, मुआवाजा दें,
  • डिफॉल्टर किसानों को ब्याज माफ कर खाद-बीज दिए जाए।
  • मुख्यमंत्री कृषि पंप अनुदान योजना जल्द चालू हो।
  • बिजली समस्या समाधान कैम्प लगाकर किसानों की समस्याएं दूर की जाए।
  • गोपालक किसानों को 900 रुपए प्रति माह दिया जाए।
  • योजनाओं के नाम पर किसानों के साथ होने वाली लूट बंद हो सके।
  • राजस्व के प्रकरणों का पंचायत स्तर पर कैम्प लगाकर शीघ्र निराकरण किया जाए।

संघ के पदाधिकारियों का कहना है, कि लंबे समय से किसानों की मांगों का निराकरण नहीं हुआ है। इसलिए अब किसान मैदान में उतरेगा।

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