देश में गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है, और तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया है, आने वाले दिनों में गर्मी और चरम पर होने की संभावना है, इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है। गर्मी के दौरान पशुओ की सेहत को हीट वेव से नुकसान होने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए हमें अपने पशुओं का ख्याल रखना भी जरूरी है।
पशु एवं मत्स्य संसाधान विभाग ने हीटवेव से पशुओं को बचाने के लिए टिप्स जारी किए हैं, हमें अपने पशुओं को गर्मियों से बचाने के लिए उन्हें पानी की अधिक मात्रा, ठंडे पानी से नहलाने, आवास को शैथान से बचाकर शैथानता से मुक्त करने जैसी टिप्स का पालन करना चाहिए।
हीटवेव की चपेट से पशु को कैसे बचाए
गर्मियों के मौसम में देश में तापमान लगातार बाद रहा है, जिससे पशुओं को लू की चपेट में आने का खतरा होता है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पशुपालकों को एडवाइजरी देकर बताया है, कि यदि
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हीटवेव के प्रभाव – Heat Wave Side Effects
- पशु के दुग्ध उत्पादन में कमी होती है,
- उन्हें भूख कम लग रही है या
- पेट गड़बड़ हो रहा है
तो उन्हें हीटवेव की चपेट में आने का संभावना होता है।
इससे बचने के लिए पशुपालकों को सावधान रहना चाहिए और अपने पशुओं की देखभाल करनी चाहिए। पशुओं के शरीर में पानी और नमक की मात्रा बहुत अधिक घट जाती है इसलिए उन्हें पानी और नमक की अधिक मात्रा देना चाहिए।
इसके अलावा पशुओं को ठंडे पानी से स्नान कराना चाहिए जिससे उनकी बॉडी टेम्परेचर कम होता है और वे हीटवेव से बच सकते हैं।
डाइट का ख़ास ख़याल रखना बहुत ज़रूरी
पशुओं को गर्मियों में स्वस्थ रखने के लिए उनकी डाइट का ख़ास ख़याल रखना बहुत ज़रूरी होता है. पशुओं की बॉडी में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए, उन्हें नियमित अंतराल पर पानी पिलाते रहना चाहिए। हरा चारा उन्हें अधिक मात्रा में देना चाहिए।
गर्मियों में एजोला घास चारे के रूप में देना बेहतर होता है, यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और खनिजों की सही मात्रा उन्हें प्रदान करता है, इस तरह की डाइट से उन्हें गर्मी से बचाव में मदद मिलेगी।
फास्फोरस की पूर्ति करे कमी न होने दे
फास्फोरस की कमी गर्मियों में पशुओं में बहुत हानिकारक साबित हो सकती है। इसलिए इस तरह की कमी होने से बचाना बहुत जरूरी होता है। अगर इस कमी की समस्या होती है, तो पशु अपना यूरिन चाटने लगते हैं, और मिटटी चाटने लगते हैं।
इससे उन्हें बहुत सारी बीमारियां हो सकती हैं, इसलिए फास्फोरस की पूर्ति के लिए पशुओं को चारे में नमक मिलाकर देना चाहिए। गर्मियों में लंगड़ा रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है, इसलिए किसी तरह के लक्षण दिख रहे हो तो तुरंत पशु चिकित्सक को दिखाना चाहिए।
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