केंचुआ खाद का बिजनेस गाँव मे ऐसे शुरू करें

इस समय ग्रामीण परिवेश में केंचुआ पालन आम बात हो गई है, कई किसान इसकी मदद से वर्मी कंपोस्ट केंचुआ खाद (Vermi compost) बनाकर अच्छा खास मुनाफा भी कमा रहे हैं, केंचुआ खाद बनाने के लिए हमे थोड़ी सावधानी बरतनी होगी…

वर्मी कंपोस्ट का हिन्दी अर्थ (vermi compost meaning in hindi) “केंचुआ खाद” होता है।रसायनिक खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वकता शक्ति तो लगातार कम हो ही रही है, वहीं, इसकी मदद से उगाए जाने वाले आनाजों का सेवन करने से खतरनाक बीमारियों के होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं।

जैविक खेती की ओर किसान का रुख

ऐसे में ज्यादातर किसान अब जैविक खेती की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। इस तरह की खेती में उपयोग होने वाले खाद को हम घर पर ही तैयार कर सकते हैं, साथ ही केंचुआ खाद का प्रोजेक्ट (vermi compost project) तैयार बिजनेस की शुरुआत भी कर सकते है, जिसे बेच कर किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं।

केंचुआ खाद से किसान को ही यह फायदे

केंचुआ खाद या वर्मी कंपोस्ट (vermi compost khad) का उपयोग करने वाले खेतों में अलग अलग फसलों की पैदावार में 25-300% तक की वृद्धि हो सकती हैं।

वर्मी कंपोस्ट खाद से मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती हैं, साथ ही यह खेत में दीमक एवं अन्य हानिकारक कीटों को नष्ट कर देता हैं, इससे किसान की कीटनाशक की लागत में कमी आती हैं।

केंचुआ खाद बनाने के लिए ध्यान रखे ये बातें

केंचुआ खाद बनाने के लिए (how to make vermicompost) थोड़ी सावधानी बरतनी होगी, केंचुआ पालन के लिए ऐसा उपयुक्त स्थान चुनें जहां अंधेरा हो और तापमान की दृष्टि से यह थोड़ा गर्म रहे।

इसे गीली और नरम जगह में रखना चाहिए. ध्यान रखें कि जहां केंचुओं का उत्पादन किया जा रहा है उस स्थान पर सूर्य की किरणें सीधी नहीं पड़ें।

केचुँआ को नियमित अच्छी किस्म का सेन्द्रिय पदार्थ देते रहना चाहिये, उचित मात्रा में भोजन एवं नमी मिलने से केचुँए क्रियाशील रहते है, जमीन में केचुँआ खाद का उपयोग करने के बाद रासायनिक खाद या फिर कीटनाशक दवा का उपयोग नहीं करना चाहिए।

केंचुआ खाद के लिए गड्ढे कैसे बनाए – Vermi compost process

  • केंचुआ खाद का उत्पादन करने के लिए 6 X 3 X 3 फीट के गड्ढे बनाएं।
  • पहले दो से तीन इंच आकार के ईंट या पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़ों की तीन इंच मोटी परत बिछाएं।
  • अब इस पत्थर के परत के ऊपर तीन इंच मोटी बालू की परत बिछाएं।
  • इस बालू मिट्टी की परत के ऊपर अच्छी दोमट मिट्टी की कम से कम 6 इंच की मोटी परत बिछाएं।
  • मिट्टी की मोटी परत के ऊपर पानी छिड़ककर मिट्टी को 50 से 60 प्रतिशत नम करें ।
  • इसके बाद 1000 केंचुआ प्रति वर्ग मीटर की दर से मिट्टी में छोड़ दें।
  • मिट्टी की मोटी परत के ऊपर गोबर या उपले थोड़ी-थोड़ी दूर 8 से 10 जगह पर डाल दें ।
  • फिर उसके ऊपर तीन से चार इंच की सूखे पत्ते, घास या पुआल की मोटी तह बिछा दें।
vermi compost

केंचुआ खाद मे तीस दिन के बाद क्या करे ?

तीस दिन हो जाने के बाद ढंकने वाले सभी टाट के बोरों, ताड़ या नारियल के पत्तों को हटाकर इसमें वानस्पतिक कचरे को या सूखे वानस्पतिक पदार्थों के साथ 60:40 के अनुपात में हरा वानस्पतिक पदार्थ मिलाकर 2 से 3 इंच मोटी परत फैल दे।

इसके ऊपर 8 से 10 गोबर के छोटे-छोटे ढेर रख दे, गड्ढा भर जाने के पूरे 45 दिन बाद हमारी केंचुआ खाद बन कर तैयार हो जाती है, अब इसे आप मार्केट में बेचकर भरपूर मुनाफा कमा सकते हैं।

केंचुआ और केंचुआ खाद के उपयोग

  • केचुँआ खाद से भूमि में उपयोगी जीवाणुओं की संख्या में कई गुण तक वृद्धि होती है।
  • केचुँए की खाद से भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है।
  • भूमि की जलधारण क्षमता केंचुआ खाद से बढ़ जाती है।
  • रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने के साथ काश्त-लागत में कमी आती है।
  • भूमि का उपयुक्त तापक्रम बनाये रखने में केंचुआ खाद बहुत ज्यादा सहायक है।
  • केचुँआ खाद में ह्यूमस भरपूर मात्रा में होने से नाइट्रोजन, फास्फोरस पोटाश एवं अन्य सूक्ष्म द्रव्य पौधों को भरपूर मात्रा में व जल्दी उपलब्ध होते हैं।
  • केचुँए नीचे की मिट्टी ऊपर लाकर उसे अच्छी तरह से बनाते हैं, भूमि से पानी का वाष्पीकरण कम होगा, अतः सिंचाई जल की बचत होगी।

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