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वैज्ञानिक सलाह से अधिक पैदावार वाली किस्मों का चयन करे किसान

इस वर्ष देश में धान, अरहर, मूंग और उड़द की उन्नत किस्में मानसून के देरी से चल रहे हैं, जिसके कारण खरीफ फसलों की बुआई भी विलंबित हो रही है। इस समय भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने खरीफ फसलों की बुआई के संबंध में सलाह जारी की है। कृषि अनुसंधान संस्थान ने किसानों को धान की नर्सरी तैयार करने की सलाह दी है। इसके साथ ही, उच्च उपज देने वाली किस्मों के चयन और बीजों के उपचार के लिए आवश्यक सलाह भी दी गई है।

किसानों को कृषि वैज्ञानिकों की सलाह

कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार, यह समय अगेती फूलगोभी, टमाटर, हरी मिर्च और बैंगन के पौधशाला बनाने के लिए भी उपयुक्त है। उसके साथ ही, किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने खेत की मिट्टी की जांच किसी प्रमाणित स्रोत से करवाएं और उचित पोषक तत्वों को भूमि में मिलाएं, और जहाँ संभव हो, अपने खेत को समतल करें।

धान की अधिक पैदावार देने वाली उन्नत किस्मों का चयन करे

किसान अपने क्षेत्र के लिए धान की अधिक पैदावार देने वाली उन्नत किस्मों का चयन कर सकते हैं। इसमें..

  • पूसा बासमती 1692, पूसा बासमती 1509,
  • पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1886,
  • पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1637,
  • पूसा 44, पूसा 1718, पूसा बासमती 1401,
  • पूसा सुगंध 5, पूसा सुगंध 4 (पूसा 1121),

पंत धान 4, पंत धान 10 जैसी किस्में शामिल हैं।

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धान की नर्सरी तैयार कैसे करे ?

किसान अब धान की नर्सरी तैयार करने के लिए कार्य शुरू कर सकते हैं। इसके लिए किसान को लगभग 800-1000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में पौध तैयार करने काफी होता है, जो एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई के लिए पर्याप्त है।

नर्सरी के क्षेत्र को 1.25 से 1.5 मीटर चौड़ा रखें और उसे सुविधानुसार लम्बी क्यारियों में विभाजित करें। पौधशाला में बुवाई से पहले, बीजों को उपचार करने के लिए 5.0 किलोग्राम बीज के लिए 10-12 ग्राम बावस्टिन और 1 ग्राम स्ट्रैप्टोसाइक्लिन को 10 लीटर पानी में घोल करें।

इस घोल को बनाकर बीज में 12-15 घंटे तक रखें। इसके बाद, बीजों को बाहर निकालकर किसी छायादार स्थान में 24-36 घंटे तक ढककर रखें और हल्के-हल्के पानी की छिड़काव करते रहें। जब बीज में अंकुर उग आए, तो उन्हें पौधशाला में छिड़क दें।

अरहर की अधिक उपज वाली किस्मों की खेती करे

आपकी जानकारी के लिए, अरहर की अधिक उपज के लिए किसान नई किस्मों की खेती कर सकते हैं। इस सप्ताह में ही किसान अरहर की बुवाई कर सकते हैं। अच्छे अंकुरण के लिए, बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखना आवश्यक होता है। बीज को किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदना चाहिए।

अच्छे अंकुरण के लिए, खेत में पर्याप्त नमी होना आवश्यक है। किसानों से आग्रह है कि वे बीजों को बोने से पहले अरहर के लिए उपयुक्त राईजोबियम और फास्फोरस को घुलनशील बनाने वाले जीवाणुओं (पीएसबी) के टीकों से उपचार करें। इस उपचार से फसल के उत्पादन में वृद्धि होती है।

नीचे दी गई हैं….अरहर की अधिक उपज देने वाली किस्में:

  • पूसा अरहर-16,
  • पूसा 2001,
  • पूसा 2002,
  • पूसा 991,
  • पूसा 992,
  • पारस और मानक।

मूंग और उड़द की अच्छी किस्म

मूंग और उड़द की खेती करने के लिए किसान अभी उन्नत बीजों की बुवाई कर सकते हैं। अच्छे अंकुरण के लिए, बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखना आवश्यक होता है।

किसान अधिक उपज के लिए, मूंग की उन्नत किस्मों में…

  • पूसा-1431, पूसा-1641,
  • पूसा विशाल,
  • पूसा-5931, एस एम एल-668, सम्राट और उड़द की उन्नत और नई किस्में टाईप-9, टी-31, टी-39 आदि की बुवाई कर सकते हैं।

बुवाई से पहले, फसल के लिए विशेष राईजोबियम और फास्फोरस सोलूबलाइजिंग बैक्टीरिया के साथ बीजों का उपचार करें। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होना आवश्यक है।

अपनाए कृषि वैज्ञानिकों के यह टिप्स

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, यह समय अगेती फूलगोभी, टमाटर, हरी मिर्च और बैंगन की पौधशाला बनाने के लिए उपयुक्त है। इसलिए, किसानों को कोशिश करनी चाहिए कि वे कीट अवरोधी नायलॉन जाल का उपयोग करें ताकि रोग फैलाने वाले कीटों से फसल को बचा सकें।

पौधशाला को तेज धूप से बचाने के लिए, 40% छायादार नेट का इस्तेमाल करके उसे 6.5 फीट ऊंचाई पर ढक सकते हैं। बीजों को 2-2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से उपचार करने के बाद पौधशाला में बोना जा सकता है।

भिंडी की फसल में कटाई के बाद, यूरिया को 5-10 किलो प्रति एकड़ की दर से डालें और इसके बाद सिंचाई करें। साथ ही, तापमान को ध्यान में रखते हुए, माइट, जैसिड और होपर की नियमित निगरानी करते रहें।

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