ICAR-विवेकानन्द अनुसंधान द्वारा जारी मक्का की ये किस्म

सामान्य मक्का में शरीर के लिए आवश्यक अमीनो अम्ल मुख्यतः ट्रिप्टोफैन व लाइसीन की कमी होती है। इसके मद्देनजर, भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित पारंपरिक एवं सहायक चयन विधि द्वारा गुणवत्ता युक्त प्रोटीन वाली मक्का, जिसमें विशिष्ठ अमीनों की मात्रा सामान्य मक्का से 30-40 प्रतिशत तक अधिक है।

अधिक पोषण से युक्त

इस किस्म के पोषण मान दूध के बराबर है। संस्थान द्वारा विकसित एक क्यूपीएम प्रजाति को, केंद्रीय प्रजाति विमोचन समिति द्वारा उत्तर पश्चिमी तथा उत्तर पूर्वी पर्वतीय क्षेत्रों के लिये तथा दो क्यू.पी.एम. प्रजातियों को, राज्य बीज विमोचन समिति द्वारा अप्रैल, 2022 को उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों की जैविक दशाओं को ध्यान में रखकर विमोचित किया गया। विमोचित प्रजातियों का संक्षिप्त विवरण को जाना जा सकता है।

BL- QPM हाइब्रिड 45

इसकी पहचान अप्रैल 2022 में संपन्न हुयी 65 वीं वार्षिक मक्का कार्यशाला में उत्तर पश्चिमी पर्वतीय अंचल (जम्मू व कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड पर्वतीय) व उत्तर पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र (असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम व त्रिपुरा) के लिये भी हुई।

अजैविक दशाओं में उत्तरी पर्वतीय अंचल में वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड 45 की औसत उपज 6,673 किग्रा/  थी। वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड 45 में ट्रिप्टोफैन, लाइसिन व प्रोटीन की मात्रा क्रमशः 0.70, 3.17 व 9.62 प्रतिशत है। इस प्रजाति ने टर्सिकम व मेडिस पर्ण झुलसा के लिए मध्यम प्रतिरोधकता भी दर्शायी।

वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड 61

यह एक अगेती परिपक्वता (85-90 दिन) वाली प्रजाति है। राज्य-स्तरीय समन्वित परीक्षणों में इसकी औसत उपज 4,435 किग्रा/ है। तथा इसके तुलनीय किस्म विवेक क्यू.पी.एम. 9 (4,000 किग्रा/ है.) के सापेक्ष 10.9 प्रतिशत की बेहतर उपज प्रदर्षित की।

वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड 61 ट्रिप्टोफैन, लाइसीन व प्रोटीन की मात्रा क्रमश: 0.76, 3.30 व 9.16 प्रतिशत है। इस प्रजाति ने टर्सिकम व मेडिस पर्ण झुलसा के लिए मध्यम प्रतिरोधकता भी दर्शायी।

वीएलक्यूपीएम हाइब्रिड 63

इस प्रजाति की परिपक्वता 90-95 दिन है, तथा राज्य-स्तरीय समन्वित परीक्षणों मे इसकी औसत उपज 4,675 किग्रा है, जो तुलनीय किस्म, विवेक QPM 9 (4,000 किग्रा/है.) से 16.9 प्रतिषत अधिक थी । BL-QPM हाइब्रिड 61 में ट्रिप्टोफैन, लाइसिन व प्रोटीन की मात्रा क्रमषः 0.72, 3.20 व 9.22 प्रतिशत है । इस प्रजाति में भी टर्सिकम व मेडिस पर्ण झुलसा के लिए मध्यम प्रतिरोधकता भी दर्शायी है।

पर्वतीय क्षेत्रों में इन प्रजातियों के प्रसार एवं उत्पादन से पोषण सुरक्षा को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण सफलता मिलेगी।

इन्हे भी पढे – MP फसल गिरदावरी – पटवारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे

मध्‍य प्रदेश में सोयाबीन बीज पर मिलेगा 2000 रुपये का अनुदान


Leave a Comment