बुआई का समय
खरीफ में
बुआई का समय – 20 जून से 20 जुलाई के बीच
फसल अवधि – 110 से 140 दिन
रबी में
बुआई का समय – 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच
फसल अवधि – 110 से 140 दिन
तापमान , मिट्टी की तैयारी व खेत की जुताई
राजमा की अच्छी पैदावार के लिए 10 से 27 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान की आवश्यकता पड़ती है । राजमा की खेती सभी प्रकार की मिटटी में की जा सकती है लेकिन बलुए मिटटी या बलुए दोमट मिटटी इस फसल के लिए अच्छी मानी जाती है । इस फसल के लिए मिटटी का पी एच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए । खेत की 1 गहरी जुताई के बाद खेत में 5 से 6 टन गोबर की खाद का इस्तेमाल करे इसके बाद खेत की पलेवा करके 2 से 3 खेत की जुताई करके खेत को समतल कर दे ।
उन्नत किस्में ( Varieties )
- मालवीय -137 – अवधि 110 से 115 दिन इसके दानों का रंग लाल एवं 100 दानों का वजन 36 ग्राम तक होता है । यह 110 से 115 दिन में पककर 25 से 30 क्विंटल / हेक्टेयर दाना उपज देती है ।
- एच.यू.आर 15 – अवधि 120 से 125 दिन सफेद दानों वाली किस्म है । इसके 100 दानों का वजन 40 ग्राम तक है , तथा 120 से 125 दिनों में पककर तैयार होती है । इसकी उपज 18 से 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है |
- पी . डी . आर 14 – अवधि 125 से 130 दिन राजमा की यह किस्म सफेद चित्तीदार होती है और इसका आकार बड़ा होता है । इसके 100 दानों का वजन 44 ग्राम तक होता है । यह किस्म 125 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है । इसकी उत्पादन क्षमता 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है ।
- वी.एल 60 – अवधि 110 से 115 दिन यह खरीफ एवं रबी दोनों मौसम के लिये उपयुक्त हैं । इसके दानों का रंग भूरा एवं 100 दानों का वजन 36 ग्राम तक होता है | यह 110 से 115 दिन में पककर 15 से 20 क्विंटल / हेक्टेयर दाना उपज देती है ।
बीज की मात्रा
राजमा की 1 एकड़ फसल तैयार करने के लिए 50 से 60 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है ।
बीज उपचार
राजमा के बीज को बुवाई से पहले उपचारित करे । बीज उपचार करने के लिए 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम को प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से मिलाकर उपचारित करे ।
बुआई का तरीका
फसल बुवाई के समय लाइन से लाइन की दूरी 30 से 40 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी रखे ।
उर्वरक व खाद प्रबंधन
बुवाई के समय फसल बुवाई से पहले 1 एकड़ खेत में 5 से 6 टन सड़ी गोबर की खाद का इस्तेमाल करे । बुवाई के समय 30 किलोग्राम डी ए पी , 30 किलोग्राम मोजैक पोटाश , 5 किलोग्राम सल्फर का इस्तेमाल करे ।
बुवाई के 30 से 35 दिन बाद फसल बुवाई के 30 से 35 दिन बाद 1 एकड़ खेत में 35 किलोग्राम यूरिया खाद का इस्तेमाल करे ।
बुवाई के 45 से 50 दिन बाद फसल बुवाई के 50 से 55 दिन बाद 1 एकड़ खेत में 30 किलोग्राम यूरिया खाद का इस्तेमाल करे ।
सिंचाई
राजमा की फसल में बुवाई के 25 दिन 50 दिन 75 दिन और 100 दिन पर 3 से 4 सिंचाई की जरुरत होती है । फसल में नमी के अनुसार हलकी सिंचाई करे ।
फसल की कटाई
राजमा की फसल की कटाई 120 से 130 दिन पर करे । फसल कटाई के बाद 3 से 4 दिन तक फसल को धूप में अच्छे से सुखाएं उसके बाद फली थ्रेसिंग कर ले ।
- इन्हें भी पढ़े – मसूर की वैज्ञानिक खेती एवं उन्नत तकनीक
- गेहू की मुनाफे वाली खेती कैसे बनाए एवं उनात किस्म की जानकारी?
- उड़द की खेती एवं सभी उन्नत किस्म
- चने की अधिक उपज वाली खेती करे ?
- मक्का की उन्नत खेती कैसे करें ?