मध्यप्रदेश का सफेद सोना छाया चायना तक

निमाड़ के कपास का निर्यात हर साल विदेशों में बढ़ रहा है, प्रदेश में कपास का लगभग 50 लाख क्विंटल उत्पादन (CottonPProduction) है, जिसमे की अकेले पूर्वी निमाड़ 20 लाख क्विंटल कपास (सफेद सोना) पैदा कर रहा है।

प्रदेश में निमाड़ का खंडवा, खरगोन कपास मंडी हब के रूप में तेजी से उभर रहा है।

चाइना तक बिक रहा निमाड का कपास

पूर्वी निमाड़ के सफेद सोने की चमक चाइना तक है, कपास की डिमांड चाइना, पाकिस्तान, बांगला देश आदि देशों में बढ़ गई है। चालू सीजन में ही कपास मंडी का मॉडल रेट 10,000 रुपए रहा ।

यही मॉडल दाम आगे भी बरकार रहा तो इस साल निमाड़ में 1800 करोड़ का कारोबार होगा। इसका सीधा लाभ निमाड में कपास की खेती करने वाले किसानों को मिलेगा।

खंडवा में 500 करोड़ का कारोबार

खंडवा में करीब 6 लाख क्विंटल कपास मंडी में कपास बिका है, चालू सीजन में कपास की खेती अच्छी संभावना है, पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक आवक होगी।

बीते साल औसत दाम 8 से 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिका, इससे कपास मंडी में करीब 500 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ।

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10 हजार रुपए मॉडल रेट निर्धारित

मंडी में मूल्य बरकार रहा तो इस साल भी किसान मालामाल होंगे, चालू सीजन में भी कपास की फसल अच्छी है। मौसम ने साथ दिया तो उपज उच्च गुणवत्ता की होगी।

इस पर शुरुआत में ही 10 हजार रुपए मॉडल रेट निर्धारित हुआ है।

कृषि मंडी मे कपास की भरपूर आवक

कृषि उपज मंडी में कपास की आवक पिछले कुछ सालों की तुलना में बीते सीजन में अच्छी रही, कपास के साथ अनाज की आवक से मंडी मालामाल हुई।

बीते साल की तुलना में वर्ष 2021-22 में कपास, सोयाबीन, गेहूं समेत मोटे अनाज व सब्जी-फल का मंडी शुल्क 20 करोड़ रुपए से अधिक आया।

इसी तरह हरसूद, पंधाना और मूंदी मंडी में किसानों के उत्पादों की आवक अच्छी से होने से खजाना फायदे में रहा।

पूर्वी निमाड़ में कपास की अच्छी पैदावार

निमाड़ में सफेद सोने की चमक हर साल बढ़ रही है, पिछले कई साल से लगातार मॉडल रेट बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि – यहां की कपास की खपत विदेशों में भी है।

खंडवा में 52 हजार हेक्टेयर कपास की खेती हो रही है, करीब 40-45 हजार किसान कर रहे हैं, औसत 6 से 8 लाख क्विंटल उत्पादन है।

खरगोन में 10-12 लाख क्विंटल उत्पादन है, बुरहानपुर और बड़वानी में सफेद सोने की चमक हर साल बढ़ रही है।

इंदौर संभाग में बढ़ रहा कपास उत्पादन

इंदौर संभाग के 8 जिले में कपास उत्पादन बढ़ रहा है, अकेले खंडवा में वर्ष 2017-18 से लेकर अब तक कृषि मंडी में किसान 32 लाख क्विंटल से ज्यादा कपास लेकर पहुंचे।

इसकी औसत कीमत प्रति क्विंटल अगर आठ हजार रुपए लिया जाए तो इस औसत से 25000 करोड़ रुपए से अधिक कीमत होती है।

विदेशों में अधिक कॉटन की डिमांड (cotton export)

कॉटन की डिमांड विदेशों में अधिक है, अच्छे इनपुट की आवश्यकता है, जिससे किसानों को अच्छे भाव मिले।

उत्पादन बेहतर करने के लिए BT कॉटन के बीज को अपग्रेड करना होगा, बीज अपग्रेड होने से उत्पादन बढ़ेगा, और अच्छा इनपुट आएगा।

इस लिए पुराने बीटी कॉटन को अपग्रेड की जरूरत है, जिससे उत्पादन बढ़ने से किसानों को मुनाफा होगा।

कपास के उत्पादन मे ड्रिप पद्धति सहायक

कपास की खेती सामान्य विधि की तुलना में ड्रिपिंग व मल्टिंग विधि से करने पर उत्पादन के साथ गुणवत्ता बढ़ जाएगी।

इस विधि से किसानों को घास-फूस की सफाई का खर्च बचेगा और उत्पादन अच्छा मिलेगा।

वर्तमान समय में ज्यादातर किसान समान्य तरीके से कपास की खेती कर रहे हैं, विधि बदलने से गुणवत्ता में सुधार होगा और अच्छे दाम मिलेंगे।

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