इन दिनों में मध्य प्रदेश में सरकार के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की जा रही है, इस समय मूंग खरीद की लिमिट 25 कुंटल है, ओर इसी लिमिट के अनुसार की जा रही है। ऐसे में मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है कि….
अब यह लिमिट 25 क्विंटल से बढ़कर प्रतिदिन प्रति किसान 40 क्विंटल तक हो सकती है, हाल ही में कृषि मंत्री कमल पटेल ने केंद्रीय कृषि सचिव मनोज अहूजा से बातचीत करने के बाद यह बात की है।
ट्वीट करते हुए जानकारी दी
कृषि मंत्री पटेल ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि मूंग की खरीदी के संबंध में केंद्रीय सचिव ने सहमति जताई है, कि – मूंग खरीदी की लिमिट 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल की जाए और इस हेतु जल्द ही आदेश जारी हो जाएंगे।
उत्पादन से बहुत कम मूंग खरीदी का लक्ष्य
इस वर्ष मध्यप्रदेश में 12 लाख हेक्टेयर में किसानों द्वारा मूंग की खेती की गई थी जिससे कि टोटल 15 लाख टन के उत्पादन की संभावना लगाई गई थी।
लेकिन केंद्र सरकार ने सिर्फ 240000 टन मूंग की खरीदी का ही लक्ष्य भी जारी किया यदि पिछले साल की बात करें तो पिछले वर्ष सरकार द्वारा इससे ज्यादा खरीदी की गई थी ।
केंद्र सरकार के वर्तमान प्राइस रिपोर्ट स्किन गाइडलाइन के अनुसार अभी प्रतिदिन किसान 25 क्विंटल से अधिक मूंग नहीं बेच सकते हैं, यदि इसमें बदलाव कर लिमिट को बढ़ाया जाता है, तो किसान के लिए यह बहुत ही फायदे की बात साबित होगी।
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बाजार में नहीं है मूंग के भाव
इस वर्ष मूंग के अधिक उत्पादन से जानकारों का कहना है, कि – बाजार में मूंग के अच्छे भाव नहीं है बाजार में समर्थन मूल्य से भी कम भाव पर मूंग की खरीदी की जा रही है।
जहां सरकार द्वारा मूंग न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी ₹7275 प्रति कुंटल तय की गई है, और इसी रेट पर मूंग की खरीदी की जा रही है।
वही हम ओपन मार्केट की बात करें तो मार्केट में 4500 से लेकर ₹5500 प्रति कुंटल के भाव पर ही किसान मूंग बेचने पर मजबूर हैं।
मध्य प्रदेश के किन जिलों में हो रही मूंग की खरीद
मध्यप्रदेश प्रमुख मूंग उत्पादक राज्यों में आता है, यहां पर बड़ी मात्रा में मूंग की फसल की खेती की जाती है, मध्य प्रदेश के 32 जिलों में मूंग की फसल हेतु 234750 किसानों ने 6 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की फसल का रजिस्ट्रेशन करवाया है।
मूंग की खरीदी हेतु टोटल 741 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं, इस वर्ष मूंग की खरीदी सरकार द्वारा काफी समय के बाद चालू की गई है, ऐसे में कई जरूरतमंद किसानों ने तो ओने – पौने दाम पर ही मूंग बेच दिए हैं।
अब सरकार ने खरीदी की लिमिट बढ़ाकर किसानों को राहत दे रही है, जिससे किसानों का गुस्सा थोड़ा कम होगा।
कृषि मंत्री ने कहीं यह बात
कृषि मंत्री कमल पटेल ने अपनी बात के दौरान केंद्रीय कृषि सचिव को बताया कि मध्यप्रदेश में जिस प्रकार से बन ग्रामों में भी फसलों का बीमा किया गया है, ताकि फसल में किसी भी प्रकार के नुकसान होने से किसानों को राहत राशि बीमा के द्वारा दिलवाई जा सकती है उसी प्रकार पूरे देश के सभी वन ग्राम की फसल का बीमा करा कर छती के समय मे किसानों को राहत राशि दिलाई जा सकती है।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने केंद्रीय कृषि सचिव को सुझाव देते हुए कहा की प्रत्येक वर्ष मार्च माह में ही चना मसूर सरसों की खरीदी की जाए।
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