सिर्फ रजिस्ट्रेशन कर रही सरकार
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने राज्य सरकार पर किसानों की बजाय व्यापारियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है, उन्होने कहा-मूंग खरीद की बजाय सिर्फ रजिस्ट्रेशन कर रही सरकार, किसान प्रति क्विंटल 2000 रुपये का घाटा सह रहे हैं।
अभी तक MSP पर मूंग खरीद नहीं की शुरू
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार को किसानों के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया है, उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मूंग खरीद शुरू नहीं की है, जिसके कारण ज्यादातर किसान भाइयों को कम दाम में व घाटे में अपनी मूंग व्यापारियों को बेचनी पड़ रही है।
भावांतर की राशि तत्काल भुगतान करना चाहिए
शिवराज सरकार का किसान विरोधी चेहरा समय-समय पर सामने आता रहता है, सरकार की लापरवाही के कारण कम दाम पर मूंग बेचने को मजबूर हुए किसानों को सरकार द्वारा भावांतर की राशि तत्काल भुगतान करना चाहिए।
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ट्विट करके कमलनाथ ने कहा
एक ट्विट करके कमलनाथ ने कहा कि – शिवराज सरकार की लापरवाही व लेटलतीफी से प्रदेश में मूंग उत्पादक किसान एक बार फिर घाटा उठा रहे हैं, जब मूंग की खरीद शुरू हो जानी थी तब सरकार सोई रही और किसानों की निरंतर मांग और विरोध के बाद देरी से केवल रजिस्ट्रेशन शुरू किया।
जबकि भारत सरकार से मूंग खरीदी की अनुमति मिली हुई थी और आचार संहिता से भी इसका कोई संबंध नहीं था ।
किसान को नहीं व्यापारियों को होगा फायदा
कमलनाथ ने कहा कि – एक बार फिर सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद का फायदा किसानों को नहीं बल्कि व्यापारियों को मिलेगा । शिवराज सरकार चाहती भी यही है, एक तरफ तो भाजपा सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती है।
वहीं दूसरी तरफ इस तरह के किसान विरोधी निर्णय लेती है, जिससे मध्य प्रदेश में खेती घाटे का धंधा ही बनी रहे।
क्या कर रही है सरकार?
दरअसल, CM शिवराज सिंह चौहान ने MSP पर सरकार को मूंग बेचने के लिए 18 जुलाई से रजिस्ट्रेशन शुरू करने का एलान किया है, जो किसान रजिस्ट्रेशन करवाएंगे वही मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग बेच पाएंगे।
बृहस्पतिवार को सीएम ने खुद कहा था कि – ”मध्य प्रदेश में किसानों ने मेहनत से ग्रीष्म कालीन मूंग पैदा किया है, लेकिन बाजार में इसका भाव बहुत कम है, हम अपने किसानों से 7275 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर मूंग खरीदेंगे, सिर्फ किसानों की मूंग खरीदी जाएगी ।
2000 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल का घाटा
मध्यप्रदेश में किसान मूंग की भी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं, इस साल किसानों ने बड़े पैमाने पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती की थी, क्योंकि पिछले साल एम.एस.पी. पर अच्छी खरीद की वजह से उन्हें अच्छा दाम मिला था।
लेकिन, इस साल अब तक खरीद नहीं हुई है, जिसकी वजह से किसानों को मजबूरन एम.एस.पी. के मुकाबले 2000 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल कम दाम पर व्यापारियों को मूंग बेचनी पड़ रही है, इसीलिए कमलनाथ को सरकार पर आरोप लगाने का मौका मिल गया ।