डीएपी खाद का पर्याप्त स्टॉक किसान नहीं करे चिंता

हमेशा हमारे देश में खाद को लेकर कमी बनी रहती है, और किसानों को परेशान होना पड़ता है, लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ता है, फिर भी खाद किसानों को नहीं मिल पाता है। लेकिन अब डीएपी खाद को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है।

केंद्र सरकार के आंकड़ों में सामने आया है, कि केंद्र सरकार के पास डीएपी खाद का अच्छा स्टॉक है, और डीएपी खाद की कमी नहीं देखने को मिलेगी वहीं अन्य उर्वरकों का भी पर्याप्त स्टॉक सरकार के पास है।

उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा सरकार के पास

हमारे देश में अनाज उत्पादन और भंडारण की कोई भी कमी नहीं है, केंद्र सरकार ने इसी के लिए किसान और कारोबारी दोनों को आश्वस्त किया है कि – उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा सरकार के पास उपलब्ध है।

अब किसानों को खाद के लिए इधर-उधर परेशान होने की जरूरत नहीं है हाल ही में सरकार के प्राप्त आंकड़ों से ज्ञात होता है कि सरकार के पास डीएपी खाद का भरपूर स्टॉक है, सरकार के अधिकारियों का कहना है, कि किसान अब डीएपी खाद का स्टॉक ना करें।

DAP खाद का स्टॉक 47.88 लाख टन

राज्यसभा में रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खूबा ने आंकड़े प्रस्तुत किए और बताया कि इस वर्ष 2022 – 23 के रबी सीजन के लिए 55.38 टन DAP उर्वरक की आवश्यकता किसानों को है।

जिसमें से 14 दिसंबर तक सरकार के पास डीएपी खाद की उपलब्धता 47.88 लाख टन है। 1 अक्टूबर से 14 दिसंबर के बीच डायरेक्ट कैश ट्रांसफर के द्वारा डीएपी खाद की संचयी बिक्री रवि सीजन में 36.67 लाख टन बताई गई है।

उर्वरक की सब्सिडी पर कितना खर्च

खाद की समस्या को दूर करने और किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। किसानों को प्रदान किए जाने वाले खाद में सरकार सब्सिडी प्रदान करती है, उर्वरकों का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है, तो उर्वरक पर सरकार का सब्सिडी का खर्च भी बढ़ता जा रहा है।

इस चालू वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी का खर्च बढ़कर 2.3 से 2.5 लाख करोड़ रुपए तक हो सकता है। सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान किए जाने पर कारोबारी और किसानों दोनों को ही फायदा मिलता है।

फ़र्टिलाइज़र की वैश्विक दरों में कमी

दूसरी तरफ फ़र्टिलाइज़र की वैश्विक दरों में कमी आने की बात भी कही जा रही है, इसका असर भारत में भी देखने को मिल सकता है।

कुछ विशेषज्ञ सब्सिडी उत्पादन को लेकर चिंता भी जता रहे हैं कि यह सेक्टर बहुत कम मुनाफे पर काम कर रहा है इसलिए आने वाले समय में निवेश संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

पिछले वर्ष कितनी सब्सिडी दी गई

खाद पर दी जाने वाली सब्सिडी के खर्चे पर केंद्र सरकार की नजरें टिकी हुई है, यदि आंकड़े देखे जाए तो पिछले वर्ष किसानों को खाद सब्सिडी पर 1.65 लाख करोड़ खर्च किए गए थे।

केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने अपने स्तर पर किसानों को खाद पर सब्सिडी उपलब्ध करवाती है, सब्सिडी खर्च 25% तक कम होने की संभावना लगाई जा रही है।

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