e-Prime Mover – सौर ऊर्जा मशीन किसानों के खर्चे को करेगी ‘Zero’

सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, भोपाल ने कृषि क्षेत्र में एक नयी पहल की है, यहां के वैज्ञानिकों ने सौर ऊर्जा से चलने वाला e-Prime Mover Device बनाया है, जो खेती मे एक साथ कई कामो को करता है।

कृषि क्षेत्र में आये दिन कृषि उपकरणों (Agriculture Machinery) को लेकर नए-नए विकास हो रहे हैं, जिस तरह प्रदूषण की मार ने सबको हिला कर रख दिया है। उसी तरह ही इसको मात देने के लिए इलेक्ट्रिक व सोलर पॉवर्ड उपकरणों (Electric or Solar Powered Equipment) को विकसित किया जा रहा है।

ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे कृषि उपकरण के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हर किसान के पास तो होना ही चाहिए।

खेतों में क्रांति लाएगी ई-प्राइम मूवर मशीन (e-Prime Mover Machine)

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, भोपाल (Central Institute of Agricultural Engineering, Bhopal) के वैज्ञानिकों ने सौर ऊर्जा से चलने वाला ई-प्राइम मूवर डिवाइस (e-Prime Mover Machine) विकसित किया है, यह उपकरण डॉ मनोज कुमार त्रिपाठी द्वारा तैयार किया गया है, जो इस क्षेत्र में नयी क्रांति लाने के लिए तैयार है।

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ई-प्राइम मूवर डिवाइस (e-Prime Mover Device) से किसानों को अपने ईंधन बचाने की मदद मिलेगी, साथ ही पर्यावरण बचाव के लिए भी यह एक बेहतरीन कदम है।

इस उपकरण के उपयोग से निराई, गुड़ाई व रोपाई (Weeding, Hoeing and Transplanting) से लेकर दवा का छिड़काव करने के लिए किसानों को किसी भी ईंधन की कोई आवश्यकता नहीं है।

यह सिर्फ और सिर्फ सौर ऊर्जा से चलेगा जो इसे और भी ख़ास बनाती है।

ई-प्राइम मूवर मशीन की ख़ासियत (Features of E-Prime Mover Machine)

  • e-Prime Mover Machine सौर ऊर्जा से चलने वाला उपकरण है, जिससे किसान सिर्फ एक घंटे में डेढ़ एकड़ जमीन में दवा का छिड़काव (Spraying Pesticides in Fields) कर सकेंगे।
  • इस यंत्र की सहायता से एक ही भूमि की जुताई, निराई और जुताई 5 घंटे से भी कम समय में की जा सकती है, जिसमें ईंधन खर्च नहीं होगा।
  • e-Prime Mover Machine डिवाइस की बैटरी एक बार चार्ज करने पर 3 घंटे तक चलती है, इसके अलावा सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाली बैटरी से किसान घर की बिजली भी जला सकते हैं।
  • इस उपकरण का उपयोग अनाज के परिवहन (Transport for Grains) के लिए भी किया जा सकता है।
  • इसके अलावा संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक सीएनजी इंजन (CNG Engine) भी बनाया है, जिसे ट्रैक्टर में लगाने के बाद खेती की लागत को कम किया जा सकता है।

खेतों के कामों को करेगी झट से (Machine that do Farm Works Quickly)

इस कृषि यंत्र का उपयोग खेतों में निराई, गुड़ाई व जुताई के अलावा दवा छिड़काव के लिए भी किया जा सकता है, बता दें कि – इससे सिर्फ एक घंटे के भीतर सवा एकड़ भूमि में दवा का छिड़काव किया जा सकता है. 

बिजली की खपत को करेगी कम (Reduce Power Consumption)

इसके अलावा किसान इस कृषि यंत्र की बैटरी का इस्तेमाल कर अपने घर की ऊर्जा खपत भी कर सकते हैं, साथ ही इस बैटरी का उपयोग ले जाने व ले आने में भी कर सकते हैं।

जो किसान के श्रम को बचाएगा, इसकी बैटरी की क्षमता से आप आसानी से 2 क्विंटल तक का भार उठा सकते हैं.

सीएनजी इंजन से बचेगा किसानों का खर्चा (CNG Engine For Save Farmers Expenses)

खास बात यह है कि – यहां के वैज्ञानिकों ने ट्रैक्टरों के लिए एक सीएनजी इंजन विकसित किया है, किसान अपने ट्रैक्टरों में डीजल ईंधन की जगह सीएनजी इंजन लगाकर ईंधन की बचत के साथ साथ अपना खर्चा भी आधा कर सकते हैं।

इससे खेती की लगात भी कम लगेगी और पर्यावरण को भी बचाने में मदद मिल सकेगी।


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