इस पोस्ट मे हम पत्तागोभी की खेती के बारे मे जानेंगे ओर साथ ही इसकी कोन सी किस्म अधिक मुनाफा देती है, इसके बारे मे भी जानंगे –
बुआई का समय
रबी में
बुआई का समय- 1 अगस्त से 30 अक्टूबर के बीच
फसल अवधि- 60 से 70 दिन
जायद में
बुआई का समय- 1 मार्च से 30 जून के बीच
फसल अवधि- 70 से 95 दिन
तापमान , मिट्टी की तैयारी व खेत की जुताई
- पत्तागोभी सभी प्रकार की मिटटी में लगाई जा सकती है।
- जिस खेत का चयन करे उसमें जल निकास की उचित व्यवस्था हो।
- फसल के लिए चयन की गई भूमि का पी.एच मान 5.5 से 6.5 के बीच में हो अधिक अम्लीय मिटटी में फसल वृद्धि नहीं करती है।
- सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से 1 बार जुताई कर दे जिससे खेत में मौजूद खरपतवार और कीट नष्ट हो जाए।
- अब देशी हल या कल्टीवेटर से 1 या 2 बार गहरी जुताई कर दे।
- इसके बाद खेत में प्रति एकड़ 8 से 10 टन सड़ी हुई गोबर की खाद 10 किलो कार्बोफुरान डाले।
- इसके बाद खेत में कल्टीवेटर द्वारा 2 बार आडी – तिरछी जुताई करके खेत पर पाटा लगा दे जिससे खेत समतल हो जाए।
- अब खेत रोपाई के लिए तैयार है।
पत्तागोभी की खेती मे नर्सरी प्रबंधन
बंदगोभी की 1 एकर फसल तैयार करने के लिए नर्सरी का आकार इस प्रकार रखे – लम्बाई 3 से 6 मीटर और चौड़ाई 0.6 से 0.7 मीटर , ऊंचाई 0.1 से 0.15 मीटर रखनी चाहिए
नर्सरी बनाते समय मिटटी में डाले जाने वाले तत्व गोबर की खाद 5 किलो प्रति मीटर वर्ग कार्बोफुरान 10 ग्राम प्रति मीटर वर्ग और 2.5 ग्राम कॉपर ऑक्सी क्लोराइड को 1 लीटर पानी में घोलकर नर्सरी बेड या ट्रे की मिटटी को गिला करे।
पत्तागोभी की उन्नत किस्में (Varieties of Cabbage)
Shriram Harit- अवधि 60 से 70 दिन यह 60 से 70 दिन में तैयार होने वाली किस्म है । इसके फल का वजन 1 से 1.5 किलोग्राम होता है । यह किस्म काले सड़ांध और हीरे की काली पतंग के प्रति मध्यम सहिष्णु है । इसे रबी के मौसम की किस्म है।
Shriram Golu- अवधि 60 से 65 दिन यह 60 से 65 दिन में तैयार होने वाली किस्म है । इसके फल का वजन 1 से 1.25 किलोग्राम होता है । यह किस्म काला सड़न के प्रति सहिष्णु है । इसे रबी और खरीफ के मौसम की किस्म है ।
Kranti- अवधि 60 से 65 दिन यह हाइब्रिड किस्म है। यह 60-65 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। यह किस्म कम फासले पर लगाने के लिए उपयुक्त है। इसकी औसतन पैदावार 80 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
गोल्डेन एकर- अवधि 60 से 65 दिन यह अगेती किस्म है ‘ ये किस्में दो माह में पक कर तैयार हो जाती हैं प्रत्येक शीर्ष का वजन लगभग 1-1.5 किग्रा तक होता है ‘ इसकी उपज लगभग 200 क्विंटल प्रति हेक्टयर है।
प्राइड आफ इंडिया- अवधि यह अगेती किस्म है इस किस्म का वजन लगभग 1-2 किग्रा तक होता है। * इसकी उपज 250-280 क्विंटल प्रति हेक्टयर है।
हरी रानी गोल- अवधि 90 से 95 दिन + यह रोपाई के 90-95 दिन बाद तैयार होने वाली संकर प्रजाति हैं + इसका औसत वजन 2-3किग्रा तक होता हैं ‘ इस प्रजाति का औसत उपज 350-400 क्विंटल प्रति हेक्टयर हैं।
पूसा सिंथेटिक- अवधि इस किस्म का आकार मध्यम होता है । यह अत्यधिक पैदावार देने वाली किस्म होती है। इसकी औसत उपज 43 से 45 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
पत्तागोभी की खेती मे बीज की मात्रा
पत्तागोभी की 1 एकर फसल तैयार करने के लिए 100 से 150 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
बीज उपचार
हाइब्रिड बीज पहले से उपचारित आते है । इनकी सीधी बुवाई की जा सकती है। अगर घर पर तैयार किया हुआ बीज की बुवाई करते है तो इसे कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थिरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित कर ले।
बुआई का तरीका
पत्तागोभी की रोपाई के समय पौधे से पौधे की दूरी 30 से 45 सेमी और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 से 60 सेमी रखनी चाहिए । पौधे को 1-2 सेमी की गहराई पर बोयें ।
उर्वरक व खाद प्रबंधन – पत्तागोभी की खेती
बुवाई के समय पत्तागोभी की पोध रोपाई से पहले 1 एकर खेत में 50 किलोग्राम डी ए पी ( DAP ) , 50 किलोग्राम पोटाश ( Potash ) , 25 किलोग्राम यूरिया ( Urea ) , 5 किलोग्राम बायो जायम , 25 किलोग्राम कैल्शियम नाइट्रेट ( Calcium Nitrate ) का इस्तेमाल करे।
बुवाई के 10 से 15 दिन बाद फसल रोपाई के 10-15 दिन बाद 10 ग्राम NPK 19:19:19 को 1 लीटर पानी के हिसाब से घोलकर स्प्रे करे।
बुवाई के 25 से 30 दिन बाद फसल रोपाई के 30 दिन बाद 12:61:00 को 4 से 5 ग्राम , 20 मिली टाटा बहार और 1 ग्राम बोरोन को प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
बुवाई के 40 से 45 दिन बाद फसल रोपाई के 40 से 45 दिन बाद फल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए पानी में घुलनशील खाद NPK 13:00:45 20 ग्राम को प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करे।
पत्तागोभी की खेती मे सिंचाई
पत्तागोभी की फसल में पहली सिचाई फसल रोपाई के तुरंत बाद कर दे । उसके बाद आवश्कता के अनुसार खेत में नमी बनाये रखे । ( O फसल की कटाई फसल बदलें।
पत्तागोभी की तुड़ाई
पत्तागोभी की कटाई किस्म के अनुसार फूल के पूरे और बढ़िया आकार के होने पर करे।
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