अनार की खेती एवं उन्नत किस्म

बुआई का समय

खरीफ में –

बुआई का समय – 1 जुलाई से 31 अगस्त के बीच

जायद में –

बुआई का समय – 1 फ़रवरी से 31 मार्च के बीच


तापमान , मिट्टी की तैयारी व खेत की जुताई

अनार की फसल को विभिन्न प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है। इस फसल के लिए अच्छे जल निकास वाली रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है।

नर्सरी प्रबंधन

कलम से अनार का पौधा तैयार करने के लिए पौधे की एक साल पुरानी शाखाओं से 20-30 सेमी लम्बी कलम काटकर मिटटी में लगा दे।


उन्नत किस्में ( Varieties )

गणेश – इस किस्म के फल आकर में बड़े होते है। गुलाबी रंग के लिए पीले रंग का लाल रंग होता है। इसका बीज गुलाबी , रसदार मांस के साथ नरम होता हैं। इसका स्वाद मीठा होता है प्रत्येक फल का वजन लगभग 225-250 ग्राम होता है।

मृदुला – फल मध्यम आकार के चिकनी सतह वाले गहरे लाल रंग के होते हैं। दाने गहरे लाल रंग के , बीज मुलायम , रसदार व मीठे होते हैं ,इस किस्म के फलों का औसत वजन 250-300 ग्राम होता है।

ज्योति – फल मध्यम से बड़े आकार के चिकनी सतह एवं पीलापन लिए हुए लाल रंग के होते हैं। इस के बीज मुलायम व बहुत मीठे होते हैं।

भगवा – अवधि गुण फल लाल रंग के और चमकदार बनावट के होते हैं। इसके बीज बहुत नरम होते हैं। अनार की भगवा किस्म यूरोपीय बाजार में इसके आकार और रंग के लिए बहुत लोकप्रिय है। इसलिए , यह किस्म निर्यात के लिए लोकप्रिय विकल्प है।


बीज उपचार

अनार की कलम को बुवाई से पहले इन्डोल ब्यूटारिक अम्ल 3000 पी.पी.एम. से उपचारित करे । ऐसा करने से जडें शीघ्र एवं अधिक संख्या में निकलती हैं।

बुआई का तरीका

अनार की पौध की रोपाई 4-5 मीटर की दूरी पर करे। पौध रोपने के 20 से 25 दिन पहले 60 * 60 * 60 सेमी लम्बाईं एवं चौडाई एवं गहराई के गड्ढे बनाकर 15 दिनों के लिए खुला छोड दें।

उसके बाद गड्ढे में 20 किलोग्राम सड़ी हुए गोबर की खाद , 1 किलोग्राम एसएसपी , 1 किलोग्राम नीम खली को गड्डों की सतह से 15 सेमी की ऊचाई तक भर दे। इसके बाद सिचाई करें और उसके बाद पौध की रोपाई करे।


उर्वरक व खाद प्रबंधन

खाद व उर्वरक / प्रति पौधा ऐसे डाले

  • पहले साल यूरिया 250 ग्राम , डी ए पी 125 ग्राम व पोटाश 125 ग्राम व गोबर की सड़ी खाद 10 किलोग्राम प्रति पौधा के हिसाब से डाले।
  • दूसरे से पांचवे साल तक यूरिया 350 ग्राम , डी ए पी 250 पोटाश 250 ग्राम , गोबर की सड़ी खाद 20 किलोग्राम प्रति पौधा के हिसाब से डाले।
  • छह साल के बाद यूरिया 625 ग्राम , डी ए पी 250 ग्राम , पोटाश 250 ग्राम , गोबर की खाद 30 किलोग्राम प्रति पौधा के हिसाब से डाले।
  • अनार के पौधे पर जब फूल आना शुरू हो तो उसमें npk 12:61:00 को 4 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से एक दिन के अंतराल पर एक महिने तक डाले।
  • अनार की फसल जब फल लगने शुरू हो तब npk 19:19:19 को ड्रिप में 2 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से एक दिन के अंतराल पर एक महीने तक दें।
  • जब पौधों पर पूरी तरह फल आ जाऐ तब npk 00:52:34 1 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से डाले।
  • अनार की फसल में फल की तुड़ाई के एक महीने पहले कैल्शियम नाइट्रेट की 5 किलोग्राम प्रति एकड़ की मात्रा ड्रिप की सहायता से 15 दिनों के अंतराल पर दो बार दें।

सिंचाई

अनार की फसल में ड्रिप से सिचाई करना अच्छा माना जाता है। फसल में अच्छे उत्पादन के लिए समय से सिचाई करे। फलों के अच्छे विकास के लिए नमी के अनुसार 10-12 दिन के अन्तराल पर सिचाई करते रहे।

फसल की तुड़ाई

अनार के फल को अच्छी तरह पकने पर ही तुड़ाई करे। पौधों में फल आने के बाद 120-130 दिन बाद तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते है और पके फल पीलापन लिए लाल होने लग जाते है।



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