वह किसान जो 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन मे खेती करते है, वह अब ज्यादा जोखिम में है क्योंकि जलवायु परिवर्तन के साथ ही उनकी फसलों को काफी नुकसान हो रहा है। उन्हें बार-बार बाढ़, सूखा, बेमौसम बारिश, ओला, वृष्टि एवं आंधी तूफ़ान जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए सरकार उन्हें इस नुकसान की भरपाई करने में मिलने वाले मुआवजे मे बृद्धि की है।
किसानों को मिलने वाले मुआवजे मे बृद्धि
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी कृषकों को सिंचित, असिंचित, फसल एवं भूमि जोत के आधार पर मुआवजे देने का निर्णय लिया है। मंत्रिपरिषद द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 में वर्तमान में प्राकृतिक आपदा से फसल क्षति हेतु परिशिष्ट-1 (एक) (क) की तालिका के अनुक्रमांक 01 एवं 02 में संशोधन का अनुसमर्थन किया गया है। यह निर्णय मंगलवार 25 अप्रैल 2023 को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया था।
असिंचित भूमि जोत वाले किसानों को कितना मुआवजा मिलेगा
मध्य प्रदेश सरकार असिंचित भूमि जोत वाले किसानों को कितना मुआवजा देगी 2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि रखने वाले किसानों को मुआवजा इस प्रकार से दिया जाएगा।
- फसल में 25 से 33 प्रतिशत की क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 5 हजार रुपये,
- 33 से 50 प्रतिशत की क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 7 हजार 300 रुपये, और
- 50 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 14 हजार 600 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह योजना असिंचित भूमि जोत वाले किसानों को बहुत मदद करेगी।
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सिंचित भूमि जोत वाले किसानों के लिए मुआवजा
मध्य प्रदेश सरकार ने सिंचित भूमि जोत वाले किसानों के लिए मुआवजा देने के संबंध मे यह निर्णय लिया यदि किसान 2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करता है, और उनकी सिंचाई होती है, तो उन्हें फसल के नुकसान के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा।
- यदि 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होती है, तो प्रति हेक्टेयर 7 हजार रुपये,
- 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 14 हजार 500 रुपये और
- 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 29 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
बारामाही फसलों के लिए कितना मुआवजा मिलेगा?
यदि किसान 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि धारित करता है, और उसकी फसल में 25 से 33 प्रतिशत क्षति होती है तो उसे प्रति हेक्टेयर 7 हजार रुपये मुआवजा दिया जाएगा।
- 33 से 50 प्रतिशत क्षति होने पर मुआवजा 14 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर होगा।
- अगर 50 प्रतिशत से अधिक क्षति होती है, तो मुआवजा प्रति हेक्टेयर 29 हजार रुपये होगा।
6 महीनों से कम समय में
बारामाही (पैरेनियल) फसलों के लिए, फसल के उगने के 6 महीनों से कम समय में इतना मुआवजा मिलेगा….
- 25 से 33 प्रतिशत क्षति होने पर, मुआवजा प्रति हेक्टेयर 7 हजार रुपये होगा।
- 33 से 50 प्रतिशत क्षति होने पर मुआवजा 19 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर होगा।
- अगर 50 प्रतिशत से अधिक क्षति होती है तो मुआवजा प्रति हेक्टेयर 32 हजार रुपये होगा।
सब्जी, मसाला फसलों के लिए कितना मुआवजा मिलेगा?
यदि अब आप यह सोच रहे है की कृषि भूमि पर सब्जी, मसाला एवं औषधीय फसलों की खेती करने वाले किसानों को फसल के हानि होने पर कितना मुआवजा मिलेगा? तो…..
किसान 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपयोग करता है, तो उसे सब्जी, मसाले तथा ईसबगोल की खेती के लिए 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर हर हेक्टेयर के लिए 15 हजार रूपये मुआवजा दिया जाएगा।
यदि 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होती है, तो 19 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिया जाएगा और 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिया जाएगा।
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