टमाटर की खेती कब और कैसे करें जानिए पूरी जानकारी

आज हम इस पोस्ट मे जानेंगे की टमाटर की खेती कब और कैसे करें जानिए पूरी जानकारी साथ ही यह जानेंगे की इसकी सबसे अधिक पैदावार वाली किस्म कोन सी है। तो आइए जानते है टमाटर की खेती की उन्नत तकनीक –

बुआई का समय

खरीफ में

बुआई का समय – 10 जून से 31 जुलाई के बीच

फसल अवधि – 60 से 80 दिन

रबी में

बुआई का समय – 1 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच

फसल अवधि – 60 से 80 दिन

जायद में

बुआई का समय – 1 फ़रवरी से 30 अप्रैल के बीच

फसल अवधि – 60 से 80 दिन


तापमान , मिट्टी की तैयारी व खेत की जुताई

टमाटर की फसल के लिए बलुई दोमट मिट्टी या दोमट मिट्टी वाली भूमि का चयन करना चाहिए। फसल के लिए चयन की गई भूमि का पी.एच मान 6 से 7 के बीच का होना चाहिए।

टमाटर की रोपाई करने के 10 से 15 दिन पहले खेत की 1 जुताई के बाद 1 एकड़ खेत में 10 टन गोबर की खाद और 2.5 किलोग्राम ट्रिकोडेर्मा का इस्तेमाल करे। इसके बाद खेत की 3 बार अच्छे से जुताई करके पट्टा फेर दे।


टमाटर की खेती मे नर्सरी प्रबंधन

टमाटर की 1 एकर फसल तैयार करने के लिए नर्सरी का आकार इस प्रकार रखे – लम्बाई 3 से 6 मीटर और चौड़ाई 0.6 से 0.7 मीटर, ऊंचाई 0.1 से 0.15 मीटर।

नर्सरी बनाते समय मिटटी में डाले जाने वाले तत्व गोबर की खाद 5 किलो प्रति मीटर वर्ग कार्बोफुरान 10 ग्राम प्रति मीटर वर्ग डाले और 2.5 कॉपर ऑक्सी क्लोराइड को 1 लीटर पानी में घोलकर ट्रे या नर्सरी बेड की मिटटी को गीली करे।

नर्सरी बुवाई के 15 से 18 दिन बाद नर्सरी में अच्छी बढ़वार ग्रोथ के लिए NPK 19:19:19 का 5 ग्राम 1 लीटर पानी के हिसाब से स्प्रे करे।


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टमाटर की उन्नत किस्में ( Varieties )

Syngenta Company – ( हिमसोहना ) अवधि 65 से 70 दिन इस किस्म की पहली तुड़ाई 65 से 70 दिन पर हो जाती है । लंबी दूरी के परिवहन के लिए अच्छा है । इस किस्म को राज्यों के अनुसार रवि , खरीफ , जायद तीनो मौसम में लगया जा सकता है।

Syngenta Company- ( अभिनव ) अवधि गुण 60 से 65 दिन इस किस्म की पहली तुड़ाई 60 से 65 दिन पर शुरू हो जाती है। यह किस्म लंबी दूरी के परिवहन के लिए उपयुक्त है। इसके फल का बजन 80 से 100 ग्राम तक होता है। इस किस्म को रवी , खरीफ, जायद तीनो मौसम में लगाया जा सकता है। यह बेलदार किस्म है।

Shriram company – ( प्रभात ) अवधि 66 से 70 दिन इस किस्म की पहली तुड़ाई 66 से 70 दिन पर शुरू हो जाती है। इसके फल का वजन 80 से 100 ग्राम तक होता है। इसके फल का आकर सपाट गोल होता है।

Pusa 120 – अवधि 65 से 70 दिन यह किस्म IARI , नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। इसके फल मध्यम छोटे , नर्म , आकर्षित और तना पीले रंग का होता है। यह किस्म निमाटोड के प्रतिरोधी किस्म है।

अर्का रक्षक एफ 1 – अवधि140 से 150 दिन यह किस्म पत्ती मोड़क विषाणु , जीवाणु झुलसा और अगेती धब्बे रोगों से प्रतिरोधी है। इसके फल चौकोर , गोल , मध्यम भारी , गहरे लाल रंग के होते हैं। इसे खरीफ , रबी व गर्मी के मौसम में उगाया जाता है। यह 140 से 150 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इससे प्रति एकड़ 400 से 500 क्विंटल पैदावार मिल जाती है।

US – 2853 – अवधि 65 से 70 दिन इस किस्म के टमाटर गोल और कड़े होते है। यह लीफ कर्ल वायरस के प्रति प्रतिरोधी है। इसके प्रति टमाटर का वजन 100 से 110 ग्राम तक होता है। इसकी पौध लगाने के 70 दिनों बाद फलो की तुड़ाई शुरू हो जाती है।

युवराज ( BSS 1006 ) – अवधि 60 से 65 दिन इस किस्म के टमाटर गोल , स्वाद में खट्टे और वजन में 120 ग्राम के होते है। यह विल्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इसकी पौध लगाने के 65 दिन बाद फलों की तुड़ाई शुरू हो जाती

स्वर्ण लालिमा – अवधि 60 से 62 दिन इस किस्म की खेती अधिकतर बिहार और झारखंड में की जाती है। इस किस्म के टमाटर गहरे लाल रंग के होते है। रोपाई के 55 से 60 दिनों बाद पहली तुड़ाई की जा सकती है। प्रति एकड़ खेत से में 240 से 280 क्विंटल टमाटर की पैदावार मिल जाती है।

स्वर्ण नवीन – अवधि 60 से 65 दिन इस किस्म के फल गहरे लाल रंग में अंडाकार होते हैं। प्रति फल का वजन 60-70 ग्राम होता है। रोपाई के 60-65 दिन बाद पहली तुड़ाई हो जाती है। प्रति एकड़ खेत से 240 से 260 क्विंटल पैदावार मिल जाती है।

स्वर्ण समृद्धि – अवधि 55 से 60 दिन यह किस्म विहार , झारखंड , उत्तरप्रदेश में अधिक की जाती है इसके फल लाल रंग के ठोस होते है। ये किस्म जीवानुज मुरझा और अगेती अंगमारी रोगों से प्रतिरोधी है। इसकी पहली तुड़ाई रोपाई के 55-60 दिन बाद हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 1000-1050 क्विंटल पैदावार मिल जाती है।

अर्का रक्षक – अवधि 140 से 150 दिन इसकी फसल 140 से 150 दिनों में तैयार हो जाती है। अन्य किस्मों की तुलना में अधिक उत्पादन देती है। इसे प्रति हेक्टेयर 200 टन का उत्पादन लिया जा सकता है। इसके फलों का वजन 90 से 100 ग्राम होता है। मई महीने में इसकी रोपाई के लिए मार्च और अप्रैल महीने में इसकी नर्सरी तैयार कर सकते हैं।


उर्वरक व खाद प्रबंधन – टमाटर की खेती

बुवाई के समय टमाटर की पौध रोपाई के समय 1 एकड़ खेत में 50 किलोग्राम डी ऐ पी (DAP) , 50 किलोग्राम पोटाश (Potash ) , 10 किलोग्राम कार्बोफुरान 25 किलोग्राम यूरिया (Urea) , 25 किलोग्राम कैल्शियम नाइट्रेट (Calcium Nitrate), 8 किलोग्राम जायम का इस्तेमाल करे।

बुवाई के 20 से 25 दिन बाद टमाटर की पौध रोपाई के 20 से 25 दिन बाद 1 एकड़ खेत में 25 किलोग्राम यूरिया , 5 किलोग्राम जायम का इस्तेमाल करे।

बुवाई के 35 से 40 दिन बाद टमाटर की पौध रोपाई के 35 से 40 दिन बाद 10 ग्राम NPK 20:20:20 को 1 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करे ।

बुवाई के 50 से 55 दिन बाद टमाटर की पौध रोपाई के 50 से 55 दिन बाद 250 ग्राम NPK 0:52:34 और 50 ग्राम बोरोन को 20 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करे ।

बुवाई के 60 से 70 दिन बाद अगर आपकी फसल में टमाटर छोटे साइज में ही पक रहे हैं तथा कम फल लग रहे हैं तो इसके लिए पहले दिन जिब्रेलिक एसिड 1 ग्राम प्रति 50 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। और उसके दूसरे दिन NPK 0:52:34 50 ग्राम प्रति टंकी पानी में मिलाकर स्प्रे करें।


टमाटर की खेती मे सिंचाई

टमाटर की फसल में पहली सिचाई फसल रोपाई के तुरंत बाद करे। उसके बाद आवश्कता के अनुसार 15 से 20 दिन बाद सिचाई करते रहे।

फसल की तुड़ाई

टमाटर की फसल में किस्मो के अनुसार 60 से 70 दिन पर पहली तुड़ाई शुरू हो जाती है।


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