चुनावी वर्ष में शिवराज सरकार किसानों की मदद के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। उन्होंने 11 लाख 19 हजार किसानों के लिए 2,123 करोड़ रुपये के ब्याज माफ करने का फैसला किया है। इसमें उन किसानों को भी शामिल किया जाएगा, जिन्होंने कर्ज माफी के लिए कमलनाथ सरकार में आवेदन किया था, लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिला था।
ब्याज माफी के लाभ से, ये सभी किसान सहकारी समितियों से बिना ब्याज के ऋण प्राप्त कर सकेंगे। इससे उन्हें खरीफ फसलों के लिए खाद और बीज आसानी से मिल जाएँगे। ब्याज माफी की इस योजना पर मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
कैसे कर्जदार हुए किसान
प्रदेश में कृषि की लागत को कम करने के लिए सरकार साधारण किसानों को बिना ब्याज के ऋण देने के माध्यम से सहकारी समितियों का सहारा लेती है। इस ऋण के जरिए किसानों को नकद राशि और खाद-बीज भी प्रदान किए जाते हैं। कमलनाथ सरकार ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले ‘जय किसान फसल ऋण माफी योजना’ की शुरुआत की थी।
सत्ता में आने पर इसे लागू किया पर किसी भी किसान का दो लाख रुपये तक ऋण माफ नहीं किया गया। किसानों ने ऋण माफी की आस में ऋण जमा नहीं किया और वे अपात्र हो गए। इन्हें समितियों से खाद-बीज मिलना बंद हो गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्याज माफ करने की घोषणा
इससे किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्याज माफ करने की घोषणा की थी। इसमें उन 4.40 लाख किसानाें को भी शामिल किया गया है, जिनका आवेदन करने के बाद भी ऋण माफ नहीं हुआ था और 31 मार्च 2023 की स्थिति में अपात्र हो गए।
किसान अभी भी ऋण माफी से अपात्र
कुल मिलाकर, 11 लाख 19 हजार किसान अभी भी ऋण माफी से अपात्र हैं। इनमें से 356 करोड़ रुपये मूलधन और 123 करोड़ रुपये ब्याज बकाया है। किसान ब्याज चुकाने में असमर्थता के कारण सरकार ने इसे माफ करने की योजना बनाई है।
दो लाख रुपये तक के बकाया वाले किसानों को बहुत फायदा
सरकार द्वारा एक नई योजना शुरू की गई है, जिससे दो लाख रुपये तक के बकाया वाले किसानों को बहुत फायदा होगा। इस योजना के अनुसार, जिन किसानों के ऊपर मूलधन और ब्याज कुल दो लाख रुपये तक हैं, वे ही इसका लाभ उठा सकते हैं।
30 नवंबर तक करे आवेदन
इसके लिए, किसान को 30 नवंबर तक आवेदन करना होगा और उन्हें एक प्रमाण पत्र भी मिलेगा। जब किसान अपना मूलधन जमा करेगा तब उन्हें उसी राशि के बराबर ऋण दिया जाएगा। पहले साल में, किसानों को खाद और बीज ही मिलेगा। जब किसान अपने बकाया की राशि चुका देता है, तब ब्याज की राशि भी माफ कर दी जाएगी।
ये लोग नहीं रखेंगे ऋण माफी की पात्रता
- यदि आप आयकर दाता हैं या वर्तमान या पूर्व सांसद, विधायक,
- जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम के महापौर,
- नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष,
- कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष, सहकारी बैंकों के अध्यक्ष,
- केंद्र व राज्य सरकार के निगम, मंडल या बोर्ड के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष हैं, तो आप इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
पेंशन प्राप्त करने वाले भी शामिल नहीं
इसके अलावा, केंद्र व राज्य सरकार, निगम, मंडल, अर्ध-सरकारी संस्थाओं के अधिकारी-कर्मचारी (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को छोड़कर), प्रतिमाह 15 हजार रुपये या इससे अधिक पेंशन प्राप्त करने वाले (भूतपूर्व सैनिक को छोड़कर) और जीएसटी में दिनांक 12 दिसंबर या उससे पहले पंजीकृत व्यक्ति, फर्म, फर्म के संचालक या भागीदार भी इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
नए ऋण के लिए पात्र हो जाएंगे किसान
किसानों के लिए एक अच्छी खबर है कि अब वे नए ऋण ले सकते हैं, ब्याज माफी के बाद से, जिन किसानों के ऋण बकाया थे वे अपने नए ऋण के लिए पात्र हो जाएंगे। सरकार उन किसानों को बिना ब्याज के ऋण प्रदान करती है जो जिला सहकारी बैंक या केंद्रीय बैंक से ऋण लेते हैं। इसके लिए, वित्तीय वर्ष 2023-24 में सरकार को अतिरिक्त 115 करोड़ रुपये का व्यय करना पड़ेगा।
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