इस पोस्ट मे हम शिमला मिर्च की खेती ओर इसकी उन्नत किस्म के बारे मे जानेंगे साथ ही ऐसे कुछ तरीकों के बारे मे बात करेंगे जिसने अधिक पैदावार होगी –
बुआई का समय
रबी में
बुआई का समय – 1 सितंबर से 30 नवंबर के बीच
फसल अवधि – 70 से 80 दिन
खरीफ में
बुआई का समय – 1 जून से 31 जुलाई के बीच
फसल अवधि – 70 से 75 दिन
जायद में
बुआई का समय – 1 फ़रवरी से 31 मार्च के बीच
फसल अवधि – 70 से 80 दिन
तापमान, मिट्टी की तैयारी व खेत की जुताई
- शिमला मिर्च की फसल के लिए बलुई दोमट मिट्टी या दोमट मिट्टी वाली भूमि का चयन करना चाहिए। वैसे इसकी खेती किसी भी तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है।
- जिस खेत का चयन करे उसमें जल निकास की उचित व्यवस्था हो।
- फसल के लिए चयन की गई भूमि का पी.एच मान 5.5 से 7 के बीच का होना चाहिए।
- सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से 1 बार जुताई कर दे जिससे खेत में मौजूद खरपतवार और कीट नष्ट हो जाए।
- अब देशी हल या कल्टीवेटर से 1 या 2 बार गहरी जुताई कर दे।
- इसके बाद खेत में प्रति एकड़ 10 टन सड़ी हुई गोबर की खाद डाले।
- इसके बाद खेत में कल्टीवेटर द्वारा 2 बार आडी- तिरछी जुताई करके खेत पर पाटा लगा दे जिससे खेत समतल हो जाए।
- अब खेत रोपाई के लिए तैयार है।
शिमला मिर्च की खेती मे नर्सरी प्रबंधन
शिमला मिर्च की 1 एकड़ फसल की नर्सरी तैयार करने के लिए नर्सरी का आकार
- लम्बाई – 3 से 6 मीटर रखे।
- चौड़ाई – 0.6 से 0.7 मीटर रखे।
- ऊंचाई – 0.1 से 0.15 मीटर रखे।
नर्सरी बनाते समय मिटटी में गोबर की खाद – 5 किलो प्रति मीटर वर्ग के हिसाब से डाले और कार्बोफुरान 10 ग्राम प्रति मीटर वर्ग के हिसाब से डाले
और नर्सरी के बेड को गिला करने के लिए 2.5 ग्राम / लीटर पानी के हिसाब से कॉपर ऑक्सी क्लोराइड का इस्तेमाल करे। जब पौध 15 दिन की हो जाये तो 5 ग्राम NPK 19:19:19 को 1 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करे।
शिमला मिर्च की उन्नत किस्में ( Varieties of Capsicum )
Bomby ( red color ) – अवधि 70 से 75 दिन यह जल्दी पकने वाली किस्म है। यह किस्म लम्बी , पौधे मज़बूत और शाखाएं फैलने वाली होती हैं। इसके फलों के विकास के लिए पर्याप्त छाया की जरूरत होती है। इसके फल गहरे हरे होते है और पकने के समय यह लाल रंग के हो जाते हैं।
इसका औसतन भार 130-150 ग्राम होता है। इसके फलों को ज्यादा समय के लिए स्टोर करके रखा जा सकता है,और यह ज्यादा दूरी वाले स्थान पर ले जाने के लिए उचित होते है।
Indra – अवधि 70 से 80 दिन इसके फल गहरे हरे रंग के होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 110 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। इसके फल का औसतन भार 80 ग्राम होता है ।
Indra (green) – अवधि 70 से 75 दिन यह किस्म लम्बी और देखने में झाड़ीदार होती है। इसके पत्ते गहरे हरे रंग के और घने गुच्छों में होते है। इस किस्म के फल गहरे हरे रंग के होते हैं,जिनका औसतन भार 170 ग्राम होता है।
फल विकसित होने के बाद 50-55 दिनों में बिजाई के लिए तैयार होते हैं। इसके फलों को ज्यादा समय के लिए स्टोर करके रखा जा सकता है और यह ज्यादा दूरी वाले स्थान पर लेजाने के लिए उचित होते है।
सोलन हाइब्रिड 2 – अवधि यह किस्म फल सड़न और जीवाणु रोगरोधी है। इसके फल 60 से 65 दिन में है . हो जाते है। इससे प्रति हेक्टेयर 325 से 375 क्विंटल पैदावार मिल जाती है।
सोलन भरपूर – अवधि इसके फल घंटी नुमा होते यह 70 से 75 दिन में तैयार हो जाती है। यह फल सडन और जीवाणु रोग के प्रति प्रतिरोधी है । इससे प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल पैदावार मिल जाती है।
ओरोबेल (येलो) – अवधि इस किस्म के फल वर्गाकार, सामान्य मोटे छिलके वाले होते है। इसके फल पकने के समय पीले रंग के होते है। इसके प्रति फल में 150 ग्राम तक वजन होता है।
सोलन हाइब्रिड 1 – अवधि इस किस्म की खेती मध्य क्षेत्रो में अधिक की जाती है। यह फल सड़न और जीवाणु रोगरोधी है। इसके फल 60 से 65 दिन में तैयार हो जाते है । इससे प्रति हेक्टेयर 330 से 375 क्विंटल पैदावार मिल जाती है।
बीज की मात्रा
शिमला मिर्च की 1 एकड़ फसल तैयार करने के लिए 250 ग्राम बीज की जरूरत होती है।
बीज उपचार
हाइब्रिड बीज पहले से उपचारित आते है इनकी सीधी बुवाई की जा सकती है। अगर घर पर तैयार किया हुआ या देसी बी बुवाई करते है तो इसे कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थिरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित कर ले।
बुआई का तरीका
शिमला मिर्च की फसल बुवाई के समय पौधे से पौधे की दूरी 60 से 75 सेमी और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 75 से 90 सेमी रखे।
उर्वरक व खाद प्रबंधन – शिमला मिर्च की खेती
बुवाई के समय शिमला मिर्च की फसल रोपाई के समय 1 एकर खेत में 50 किलोग्राम ( DAP ) डी ऐ पी , 50 किलोग्राम ( Potash ) पोटाश , 80 किलोग्राम ( SSP ) एसएसपी , 5 किलोग्राम ( Zayam ) जायम , 25 किलोग्राम ( Calcium Nitrate ) कैल्शियम नाइट्रेट , 25 किलोग्राम ( Urea ) यूरिया , 2.5 किलोग्राम ट्रिकोडेर्मा ( Tricoderma ) , 10 किलोग्राम जिंक सलफेट का इस्तेमाल करे।
बुवाई के 20 से 25 दिन बाद- फसल रोपाई के 20 दिन बाद 10 ग्राम NPK 20:20:20 को 1 लीटर पानी के हिसाब से घोलकर पोधो पर स्प्रे करे।
बुवाई के 35 से 40 दिन बाद- फसल रोपाई 30 से 35 दिन बाद 1 एकड़ खेत में 25 किलोग्राम यूरिया, 5 किलोग्राम जायम का इस्तेमाल करे।
बुवाई के 40 से 45 दिन बाद- फसल रोपाई के 40 से 45 दिन बाद 10 ग्राम NPK 0:52:34 और 5 मिली धनजायम गोल्ड, 2 से 3 ग्राम बोरोन को 1 लीटर पानी के हिसाब से घोलकर स्प्रे करे।
बुवाई के 50 से 55 दिन बाद- फसल की पहली तुड़ाई के बाद 1 एकड़ खेत में 25 किलोग्राम ( Calcium Nitrate ) कैल्शियम नाइट्रेट को पौधे के जड़ के पास साम के समय इस्तेमाल करे।
शिमला मिर्च की खेती मे सिंचाई
फसल में नमी के अनुसार 10 से 15 दिन पर सिचाई करे।
शिमला मिर्च की तुड़ाई
शिमला मिर्च के फलों की तुड़ाई हमेशा पूरा रंग व आकार होने के बाद ही करनी चाहिए तथा तुड़ाई करते समय 2-3 से.मी. लम्बा डण्ठल फल के साथ छोड़कर फल को पौधों से काटा जाना चाहिए।
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