अगस्त 2020 में सरकार की तरफ से कृषि उड़ान योजना लॉन्च की गई थी, इस योजना का मुख्य उद्देश्य जल्दी खराब होने वाले अपने उत्पाद हवाई माध्यम से देश-विदेश निर्यात कर किसानों का भारी मुनाफा देना है, दोबारा अक्टूबर 2021 में इस योजना को अपग्रेड कर इसे कृषि उड़ान 2.0 का नाम दिया गया।
भारत की तकरीबन 55 से 60 प्रतिशत जनसंख्या खेती-किसानी पर निर्भर है, हालांकि इस बीच किसान खेती में लगातार कम होते मुनाफे को देखते हुए कृषि क्षेत्र से किनारा कर रहे हैं। ऐसे में किसानों की माली हालत बेहतर करने के लिए सरकार समय-समय पर योजनाएं लॉन्च करती रहती है।
क्या है कृषि उड़ान 2.0 योजना
अगस्त 2020 में सरकार की तरफ से कृषि उड़ान योजना लॉन्च की गई थी, दोबारा अक्टूबर 2021 में इस योजना को अपग्रेड कर इसे कृषि उड़ान 2.0 का नाम दिया गया है, इस योजना का मुख्य उद्देश्य जल्दी खराब होने वाले अपने उत्पाद हवाई माध्यम से देश-विदेश निर्यात कर किसानों का भारी मुनाफा देना है।
इस योजना का फायदा उठा कर किसान अपनी फसलें बर्बाद होने से बचा सकते हैं, इसके किसान अपनी फसलों को आसानी से विदेशों में भी बेच सकते हैं।
इसके लिए किसानों को हवाई जहाज की आधी सीटों पर सब्सिडी भी दी जाती है, मछली उत्पादन, दूध उत्पादन और डेयरी उत्पाद, मांस जैसे व्यवसाय से जुड़े किसानों को इस योजना में प्राथमिकता दी जाती है।
कृषि उड़ान योजना में आठ मिनिस्ट्री साथ में काम कर रही हैं,
- इनमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय,
- कृषि और किसान कल्याण विभाग,
- पशुपालन और डेयरी विभाग,
- मत्स्य विभाग,
- खाद्य प्रसंस्करण
- उद्योग मंत्रालय,
- वाणिज्य विभाग, ज
- नजातीय मंत्रालय मामले,
- उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) शामिल हैं।
हाल ही में लोकसभा में नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री वीके सिंह ने बताया था कि – फिलहाल इस योजना से 53 एयरपोर्ट जुड़े हुए हैं, यह डोमेस्टिक के साथ अंतराष्ट्रीय हवाई मार्गों पर भी काम कर रही है।
इसके जरिए किसान अपनी पैदावार को यहां से वहां भेज रहे हैं और कई गुना ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं।
बता दें कि – इस योजना के सामने आने से किसान के सामने अब देश के अलावा विदेशो में भी अपनी उपज बेचने का बढ़िया मौका है।
कई सारे किसान इस योजना के माध्यम बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं, इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान कृषि मंत्रालय की वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते हैं।
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