प्याज – लहसुन के गिरते भाव देख निर्यात खोलने की मांग
निर्यात खोलने की मांग : इन दिनों पूरे मालवा- निमाड़ में प्याज, लहसुन और आलू के भाव नहीं मिलने से क्षेत्र के करीब 20 जिलों के किसान चिंतित हैं। मंडियों में लहसुन 1 रुपया, प्याज 5 और आलू 6 से 7 रु किलो में बिकने से किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। इससे किसानों में आक्रोश है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने आलू, प्याज और लहसुन का निर्यात खोलने की मांग की है, मोर्चे के अनुसार कई जगह आंदोलन शुरू हो गए हैं, इंदौर में भी आंदोलन की रुपरेखा बनाई जा रही है।
आलू, प्याज और लहसुन का निर्यात खोल दिया जाएगा
संयुक्त किसान मोर्चा के श्री रामस्वरूप मंत्री और श्री बबलू जाधव ने बताया कि – इंदौर सांसद ने केन्द्रीय कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री से चर्चा कर आश्वस्त किया था कि आलू, प्याज और लहसुन का निर्यात खोल दिया जाएगा, जिससे इन वस्तुओं के भाव फिर से ठीक हो जाएंगे और किसानों को नुकसान नहीं होगा।
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दो माह बाद भी नहीं आया आदेश
श्री लालवानी ने यह भी कहा था कि – निर्यात खोलने के आदेश निकाल दिए गए हैं, जबकि हकीकत यह है, कि दो माह बाद भी न तो आदेश आया, न निर्यात चालू हुआ और न ही आलू ,प्याज और लहसुन के दाम बढ़े हैं।
लहसुन तो 50 पैसे किलो तक बिका है, जिससे किसानों की लागत तो क्या मंडी तक लाने का किराया भी नहीं निकला है। इससे पूरे क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है।
प्याज-लहसुन अब ज्यादा सस्ते नहीं होंगे, हर तीन साल में ऐसी स्थिति इन उपज में बन जाती है, दो साल से प्याज-लहसुन के भाव पिट रहे हैं। पैदावार बंपर और मांग कम होने से सस्ते से सस्ता दौर आया है।
एवरेज लहसुन के तो भाव ही नहीं
मालवा प्याज-लहसुन का बड़ा उत्पादक क्षेत्र इस वर्ष मांग में कमी आने से अच्छी बेस्ट लहसुन 2000 से 3000 रुपए क्विंटल की बिक पाई, एवरेज लहसुन के तो किसानों को भाव ही नहीं मिल रहे।
सबसे ज्यादा परेशानी एवरेज लहसुन उत्पादकों को आ रही है, चिमनगंज मंडी के गणेश ट्रेडिंग कंपनी विनोद सिद्धवानी ने बताया पैदावार किसान ज्यादा ले तो भाव नहीं मिलते। इस साल डिमांड कम आने से खरीदा प्याज बेचना मुश्किल हो जाता है।
लहसुन फैंकते किसान का वीडियो हुआ था वायरल?
मध्यप्रदेश में कम कीमतों के चलते कुछ दिन पहले ही किसानों द्वारा लहसुन से भरी बोरियों को नदी में फेंकने की घटना सामने आई थी ।
जिसमे किसान स्वराज संगठन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया वीडियो में किसानों को लहसुन नदी में फेंकते देखा जा सकता है, वहीं किसान संगठन ने सरकार से लहसुन के निर्यात की अनुमति देने की मांग की है।
मध्य प्रदेश में किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन किसान स्वराज संगठन ने कहा कि किसानों को लहसुन की फसल के लिए कम कीमत मिल रही है । किसानों ने मांग की कि बाज़ार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार इस उपज के निर्यात की अनुमति प्रदान करे।
मध्यप्रदेश की विभिन्न मंडियों मे प्याज के भाव
मंडी का नाम | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव | मॉडल भाव |
बदनावर | 500 | 1251 | 710 |
बडवाहा | 950 | 1750 | 1000 |
देवरी | 400 | 600 | 500 |
गौतमपुरा | 200 | 800 | 300 |
हाटपिप्लिया | 1200 | 1800 | 1500 |
इटारसी | 600 | 1200 | 1000 |
कलापिपाल | 185 | 1320 | 650 |
खरगोन | 500 | 1500 | 1000 |
मनवार | 850 | 1050 | 950 |
मन्दसौर | 120 | 1020 | 570 |
नीमच | 391 | 1151 | 717 |
रत्लाम | 361 | 1326 | 751 |
सागर | 800 | 1000 | 900 |
सानवर | 800 | 1000 | 900 |
सीहोर | 250 | 1077 | 850 |
शमगढ़ | 520 | 720 | 610 |
शुजलपुर | 300 | 1088 | 700 |
थंदला | 800 | 900 | 850 |
मध्यप्रदेश की विभिन्न मंडियों मे लहसुन के भाव
मंडी का नाम | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव | मॉडल भाव |
बदनावर | 500 | 1651 | 650 |
देवास | 200 | 500 | 300 |
जावद | 701 | 701 | 701 |
कलापिपाल | 445 | 2445 | 880 |
मनवार | 2300 | 2300 | 2300 |
नीमच | 521 | 11400 | 1927 |
रतलाम | 290 | 3700 | 1250 |
शुजलपुर | 300 | 3076 | 1600 |
थंदला | 800 | 1200 | 1000 |
टिमरनी | 2000 | 2000 | 2000 |
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