कम जमीन वाले हो और किचन गार्डनिंग करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है, भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र वाराणसी मैं रिसर्च करके वैज्ञानिकों द्वारा ग्राफ्टिंग तकनीक (Grafting technique) की मदद से एक ही पौधे में टमाटर और आलू की फसल को उगाने में सफलता प्राप्त कर ली है। जिससे पौधे के ऊपरी भाग में टमाटर और जमीन के अंदर वाले भाग से आलू निकाले जा सकते हैं, इस तकनीक को पोमेटो (Potato + Tomato) का नाम दिया गया है।
आए दिन कृषि क्षेत्र में कई नए नए अविष्कार देखे जा रहे हैं, जिनसे की किसानों को खेती में बहुत फायदा मिल रहा है, अब वह कृषि तकनीक (Agricultural Technology) में कृषि यंत्र का विकास हो या फिर उन्नत फसल के लिए कोई अविष्कार हो इससे किसानों को काम करने में तो आसानी होती ही है, साथ ही इन अविष्कारों के द्वारा किसान अधिक मुनाफा भी कमा रहा है।
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ग्राफ्टिंग तकनीक तकनीक का उपयोग कृषि में बहुत पहले से हो रहा है, पहले इसका उपयोग बड़े पेड़ों ने किया जाता था परंतु आप छोटे नाजुक पौधों में भी इस तकनीक का प्रयोग किया गया है, और उसमें सफलता भी प्राप्त की गई है, अब इस तकनीक का उपयोग करके एक ही पौधे में टमाटर व आलू को उगाया गया है।
इस प्रकार की तकनीक से सबसे अधिक फायदा छोटी जोत वाले किसानों और किचन गार्डनिंग (Kitchen Gardening) इन करने वाले लोगों मिलेगा, क्योंकि कम जमीन व कम संसाधनों का उपयोग करके अधिक मात्रा में उपज प्राप्त करना एक मुनाफे का सौदा ही है।
भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र वाराणसी के वैज्ञानिकों ने ग्राफ्टिंग के द्वारा देश में पहली बार छोटे सब्जी के पौधे में दो अलग-अलग प्रकार की सब्जियों को एक के पौधों में उगाया है।
जिस पौधे में टमाटर और आलू को साथ में उगाया गया है, उसे पोमेटो नाम दिया गया है, और जिस पौधे में बैगन और टमाटर को साथ में उगाया गया है, उसे ब्रिमेटो का नाम दिया गया है। इस पौधे को छोटी सी जगह या किसी गमले में भी उगाया जा सकता है।
अन्य सब्जियां विकसित करने के लिए चल रहा है शोध
वैज्ञानिक सुदर्शन कुमार ने बताया कि ग्राफ्टिंग तकनीक के उपयोग से जिस प्रकार यह पौधों को तैयार किया गया है, वैसे ही अन्य सब्जियों के लिए भी अभी रिसर्च की जा रही है।
आगे उन्होंने बताया कि – सब्जी अनुसंधान केंद्र ने वैज्ञानिकों ने ऐसे पौधे विकसित किए हैं, जो ज्यादा पानी में भी खराब नहीं होंगे साथ ही उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग प्रकार की जलवायु मे भी उगाया जा सकता है।
वैज्ञानिकों ने टमाटर की एक ऐसी किस्में विकसित की है, जो कम पानी और अधिक पानी दोनों स्थितियों में उगाई जा सकती है।
कैसे करें टमाटर आलू की ग्राफ्टिंग
टमाटर और आलू एक साथ लाने के लिए आलू के पौधे को मिट्टी के 6 इंच ऊपर से ग्राफ्टिंग करते हैं, ग्राफ्टिंग के समय एक बात का ध्यान रखें कि दोनों पौधों और उनके तनो की लंबाई एक समान होनी चाहिए, ग्राफ्टिंग करने के लगभग 20 दिनों के बाद दोनों पौधों का आपस में जुड़ाव हो जाता है।
तब उसे खेत में लगा देते हैं, लगाने के लगभग 2 महीने के बाद उसमें फल आ जाते हैं, तब उसमें से टमाटर तोड़ दिए जाते हैं, जब टमाटर का पौधा सूख जाता है, तब वहां से आलू की खुदाई कर ली जाती है, इसी प्रकार बैंगन और टमाटर की ग्राफ्टिंग लिखी जाती है।
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