मानसून वर्षा का पूर्वानुमान 2022
इस वर्ष मानसून ने केरल में निर्धारित समय से 3 दिन पहले ही दस्तक दे – दी है । इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने इस वर्ष के लिए मानसून का दूसरा पूर्वानुमान जारी कर दिया है । जारी पूर्वानुमान में मौसम विभाग ने इस वर्ष देश में मानसून के इस मौसम में पहले लगाए गए अनुमान से अधिक बारिश होने की उम्मीद जताई है।
मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार इस वर्ष पूरे देश में जून से सितंबर के दौरान 4 प्रतिशत की मॉडल त्रुटि के साथ औसत वर्षा का 103 फ़ीसदी बारिश होने की संभावना है। जिसमें सामान्य ऋतु निष्ठ वर्षा का एल.पी.ए. 87 सेमी है ।
इससे पूर्व मौसम विभाग के द्वारा जारी किए गए पहले मानसून पूर्वानुमान में मौसम विभाग ने कहा था कि – देश में सामान्य वर्षा होगी जो दीर्घ कालिक अवधि औसत का 99 प्रतिशत होगी । परंतु दूसरे पूर्वानुमान में अधिक वर्षा की सम्भावना जताई गई है, जो देश वसियों के लिए एक अच्छी खबर है ।
देश के इन क्षेत्रों में होगी अधिक बारिश
मौसम विभाग के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस वर्ष जून से सितंबर के दौरान मानसूनी मौसमी वर्षा के स्थानिक रूप से अच्छी तरह वितरित होने की सम्भावना है –
- पूर्व मध्य, पूर्व,
- उत्तर-पूर्व और
- चरम दक्षिण-पश्चिम प्रायद्वीपीय
- भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर, जहां सामान्य से कम वर्षा होने की सम्भावना है,
देश के बाक़ी के अधिकांश हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है । मॉनसून के लिहाज से प्रभाव वाले क्षेत्र – गुजरात से लेकर ओडिशा तक के राज्य जो कृषि के लिए वर्षा पर निर्भर हैं – में दीर्घावधि औसत के 106 प्रतिशत से अधिक सामान्य वर्षा का अनुमान है।
ऊपर चित्र में दिखाए गए नीले रंग के अनुसार इस वर्ष जून से सितंबर माह के दौरान –
- आंध्र प्रदेश,
- महाराष्ट्र,
- तेलंगाना,
- उत्तर प्रदेश,
- उत्तरी एवं पश्चिमी राजस्थान,
- पूर्वी मध्य प्रदेश,
- पश्चिमी गुजरात,
- पंजाब, हरियाणा,
- दिल्ली,
- हिमाचल प्रदेश,
- उत्तराखंड,
- उत्तरी कर्नाटक एवं
- उत्तरी बिहार क्षेत्र
में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। वहीं दक्षिणी राजस्थान, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ मध्य भाग एवं पश्चिम बंगाल में सामान्य या सामान्य से कम बारिश होने की सम्भावना है।
जून महीने में कैसी होगी मानसूनी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार जून महीने में पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य एलपीए का 92-108 प्रतिशत होने की सम्भावना है, जो की पिछले 50 वर्षों के आधार पर जून के दौरान देश में वर्षा का एल.पी.ए. 165.4 मिमी. है।
जून की वर्षा के लिए टर्सील श्रेणियों (सामान्य से अधिक, सामान्य और सामान्य से नीचे) की सम्भावना को चित्र में बताया गया है।
जिसके अनुसार जून के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीप के उत्तरी भाग के अधिकांश हिस्सों और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। पूर्वोत्तर भारत और दक्षिण प्रायद्वीप भारत के दक्षिणी भाग के कई हिस्सों, मध्य और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।
ऊपर चित्र में नीले रंगों से दिखाए गए क्षेत्रों के अनुसार जून माह में –
- आंध्र प्रदेश,
- तेलंगाना,
- मध्य महाराष्ट्र,
- दक्षिणी गुजरात,
- उत्तरी मध्य प्रदेश,
- उड़ीसा,
- हिमाचल प्रदेश,
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश,
- दिल्ली, हरियाणा,
- जम्मू एवं कश्मीर
के अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश की सम्भावना है। वहीं केरल, तमिलनाडु, दक्षिणी कर्नाटक, मध्य प्रदेश के दक्षिणी ज़िले, पश्चिम बंगाल, राजस्थान के दक्षिणी एवं मध्य भाग एवं झारखंड के अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश की सम्भावना है ।
इन्हे भी पढे – गेहूं की इस किस्म से 75 क्विंटल प्रति हैक्टेयर का उत्पादन
किसानों को मुर्रा भैंस खरीदने पर मिलेगी 50% सब्सिडी