किसान रेल योजना : किसान कई प्रकार की फसलों का उत्पादन करता है, जिनमें की कई फसलें तो ऐसी होती है, जिनको लंबे समय तक रखा जा सकता है, परंतु कुछ फल एवं सब्जियां ऐसी होती है, जिन्हें अधिक समय तक नहीं रखा जा सकता है, ऐसे में उन्हें बाजार तक पहुंचाना बहुत जरूरी हो जाता है, अन्यथा वह फल या सब्जियां खराब होने लगती है।
किसान रेल योजना क्या है ?
किसान रेल योजना (Kisan Rail Yojana) किसानों के हित में चलाई जा रही एक बहुत महत्वपूर्ण योजना है, जिसकी मदद से फल और सब्जियों को देश -विदेश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है।
किसान भाइयो आपको बता दें कि – भारत में अभी तक कुल 2,359 किसान रेलों का नेटवर्क फल और सब्जियों की ढुलाई में मददगार साबित हो रहा है।
किसान रेल की सेवाओं का लाभ लेने पर किसानों को अनुदान भी (Subsidy On Kisan Rail) प्रदान किया जाता है।
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किसना के लिए रेल परिवहन का उपयोग
फल या सब्जियां खराब होने की समस्या के समाधान हेतु सरकार रेल परिवहन का उपयोग कर रही हैं, जिससे कम समय में किसान के उत्पाद जो कि जल्द खराब हो सकते हैं, उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया जा सके।
जल्दी खराब हो जाने कुछ फल एवं सब्जियां जिनमें की आलू, प्याज, संतरा, केला, आम, टमाटर, अनार, शिमला मिर्च, चीकू, गाजर, आदि शामिल है।
इन्हें तुड़ाई के बाद अधिक समय तक खुला नहीं रखा जा सकता है, और जल्द से जल्द बाजार तक पहुंचाना होता है।
आय बढ़ाने में रेलवे का योगदान
हमेशा किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, जिसके लिए अलग-अलग प्रकार की योजनाएं किसानों के लिए चलाई जाती है।
किसानों की आय बढ़ाने में रेलवे का भी महत्वपूर्ण योगदान है, किसानों के इन उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए अब तक 2359 रेल सेवाएं चलाई जा चुकी है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार अब तक 8 लाख टन से ज्यादा कृषि उत्पादों की ढुलाई रेलवे के माध्यम से की जा चुकी है।
किसान रेल सेवा का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
- किसान द्वारा उत्पादित फल सब्जियों को जल्द से जल्द और बिना किसी क्षति बाजार तक पहुंचाना।
- किसान उत्पाद को दूर स्थित बड़े बाजारों तक पहुंचाना।
- कम उपज वाले और छोटे किसानों को बिना बिचौलिए के अपनी फसल को बेचने की सुविधा प्रदान करना।
- सब्जियां, फल, मांस, मांस, पोलेट्री और डेरी से संबंधित उत्पाद जो कि जल्द ही खराब हो सकते हैं, उनकी आवाजाही को सक्षम बनाना।
सब्जियों की क्वालिटी खराब होने का खतरा
हमारे देश मे उगाये गये फल और सब्जियां देश -विदेश में निर्यात किये जा रहे हैं, आज के सामय मे देश में किसानो की रुचि बागवानी फसलों मे अधिक है, इसलिए ही इन फसलों का रकबा बढ़ता जा रहा है।
बागबानी फसलों के साथ एक समस्या यह है, की फल और सब्जियों की कटाई या तुड़ाई के बाद उनकी शेल्फ लाइफ काफी कम होती है, और इतने कम समय में कृषि उत्पादों को बाजार तक भी पहुंचाना होता है।
ऐसी स्थिति में ट्रांसपोर्ट के साधन ट्रक और दूसरे वाहनों का काफी खर्च तो ज्यादा होता ही है साथ- साथ समय की खपत भी अधिक होती है।
अधिक सामय लगने के कारण फल और सब्जियों की क्वालिटी खराब होने का भी खतरा बना रहता है।
किसान रेल सेवा मे माल ढुलाई पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी
किसान द्वारा उत्पादित फल एवं सब्जियों की धुलाई के लिए पार्सल टैरिफ के (पी स्केल) पर शुल्क लिया जाता है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MOFPI) के द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन ग्रीन टॉप टू टोटल” योजना के द्वारा
किसानों को ट्रेन के से अपने सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए जो मूल्य लगता है, उसमें 50% की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
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