वर्ष 2022 में किसान से संबंधित कई नियमों एवं योजनाओं में बदलाव हुए हैं, और तकनीकी स्तर पर किसानों के लिए कई परिवर्तन भी देखने को मिले हैं, जो कि कृषि को एक नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेंगे।
वर्ष 2022 के कुछ अंतिम दिन बाकी है, हम आपको 2022 मे भारत सरकार की कृषि क्षेत्र में 6 प्रमुख उपलब्धियो के बारे मे बताने जा रहे है, हम उम्मीद करते हैं कि यह उपलब्धियां कृषि क्षेत्र में लाभकारी साबित हो और देश का किसान समृद्ध बने क्योंकि यह उपलब्धियां भारत को कृषि उत्पादन में अपनी आत्मनिर्भरता बनाने में मदद करेंगी।
कृषि बजट में बढ़ोतरी की गयी
2022-23 में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के लिए बजट आवंटन को बढ़ाकर 1,24,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
रिकॉर्ड बागवानी उत्पादन और खाद्यान्न
खाद्यान्न उत्पादन जनवरी 2022 में 308.65 मिलियन टन से बढ़कर दिसंबर 2022 में 315.72 मिलियन टन (चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार) हो गया है, जो की अब तक का सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन है।
तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, 2020-21 के दौरान बागवानी उत्पादन 331.05 मिलियन मीट्रिक टन था जो 2021-22 के दौरान बढ़कर 342.33 मिलियन मीट्रिक टन हो गया है।
यह भारतीय बागवानी के लिए अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है।
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उत्पादन लागत का डेढ़ गुना MSP तय किया गया
सरकार ने 2018-19 से उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत की वापसी के साथ सभी अनिवार्य खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए MSP में वृद्धि की है।
गेहूं का MSP जनवरी, 2022 के 2015 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर दिसंबर, 2022 में 2125 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
धान (सामान्य) के लिए MSP जनवरी, 2022 में 1940 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर दिसंबर, 2022 में 2040 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
किसानों से खरीद में बढ़ोतरी हुई
किसानों से मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर व्यापक रूप से खरीदी की गई। 2021-22 में 17,093.13 करोड़ रुपये के MSP मूल्य वाली दलहन, तिलहन और खोपरा की 31,08,941.96 मीट्रिक टन की मात्रा 14,68,699 किसानों से खरीदी गई है।
इसके अलावा, खरीफ 2021-22 में जनवरी, 2022 तक MSP पर खरीदे गए 2 लाख 24 हज़ार मीट्रिक टन दलहन और तिलहन जिसका कुल मूल्य 1380.17 करोड़ रुपये था उससे 137 हज़ार से अधिक किसान को लाभ प्राप्त हुआ था।
जबकि खरीफ 2022-23 खरीद मौसम के तहत दिसम्बर 2022 तक 915.79 करोड़ रुपये मूल्य की एमएसपी पर 1 लाख 03 हज़ार मीट्रिक टन दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद की गई जिससे 61 हज़ार से अधिक किसानों को लाभ मिला है।
एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड
AIF की स्थापना के बाद से, जनवरी, 2022 तक, इस योजना ने देश में 16 हज़ार से अधिक परियोजनाओं के लिए 11,891 करोड़ रुपये के कृषि बुनियादी ढांचे को मंजूरी दी।
जबकि दिसम्बर, 2022 तक देश में 18,133 से अधिक परियोजनाओं के लिए 13,681 करोड़ रुपये के कृषि बुनियादी ढांचे को मंजूरी दी गई।
इस योजना से बढ़ी संख्या में विभिन्न कृषि बुनियादी ढांचों का निर्माण किया गया और कुछ बुनियादी ढांचे पूर्ण होने के अंतिम चरण में है।
जनवरी 2022 तक | दिसंबर 2022 तक |
4748 गोदाम | 8076 गोदाम |
591 कस्टम हायरिंग केन्द्र | 1860 कस्टम हायरिंग केन्द्र |
155 परख इकाइया | 163 परख इकाइया |
550 प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइया | 2788 प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइया |
306 छँटाई और ग्रेडिंग इकाइया | 937 छँटाई और ग्रेडिंग इकाइया |
267 कोल्ड स्टोर परियोजना | 696 कोल्ड स्टोर परियोजना |
इसके अलावा लगभग 2420 अन्य प्रकार की फसल कटाई के बाद की प्रबंधन परियोजनाओं और सामुदायिक कृषि संपत्तियों की स्थापना की गई थी जो दिसम्बर, 2022 में बढ़कर 3613 हो गयी है।
कृषि में ड्रोन तकनीक का उपयोग
इस क्षेत्र के किसानों और अन्य हितधारकों के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी को किफायती बनाने के लिए, किसानों के खेतों पर इसके प्रदर्शन के लिए कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन (SMS) के तहत आकस्मिक व्यय के साथ-साथ ड्रोन की 100% लागत पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
FPO और ग्रामीण उद्यमियों 40% सब्सिडी
किसानों की सहकारी समिति, एफपीओ और ग्रामीण उद्यमियों के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) द्वारा ड्रोन की खरीद के लिए ड्रोन की मूल लागत का 40% और अधिकतम 4.00 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
CHC स्थापित करने वाले कृषि स्नातक ड्रोन की लागत के 50% पर अधिकतम 5.00 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं।
अनुसूचित जाति / जनजाति के लिए 50% सब्सिडी
व्यक्तिगत किसान भी वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं, और छोटे और सीमांत किसान, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसान, महिला किसान और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को ड्रोन की लागत का 50% अधिकतम 5.00 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
अन्य किसानों को ड्रोन की लागत का 40% अधिकतम 4.00 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
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