फूलगोभी की खेती करे इन तरीकों से होगा अधिक मुनाफा

सब्जियों में फूलगोभी का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। फूलगोभी की खेती मुख्य रूप से श्वेत, विकसित न हुए व गठे हुए पुष्प पुंज के उत्पादन हेतु की जाती है। इसका उपयोग सब्जियों में , सूप मे , अचार, सलाद, बिरियानी, पकोड़े और बहुत से अन्य खाद्य सामग्री बनाने में किया जाता है। साथ ही यह पाचन को सक्तसाली बनाने मे बहुत ही लाभदायक है। यह प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन A तथा विटामिन C का भी अच्छा है।

बुआई का समय

खरीफ में

बुआई का समय – 1 मई से 31 अगस्त के बीच

फसल अवधि – 55 से 70 दिन

रबी में

बुआई का समय – 15 सितंबर से 30 नवंबर के बीच

फसल अवधि – 65 से 75 दिन


तापमान , मिट्टी की तैयारी व खेत की जुताई

  • फूलगोभी की फसल की रोपाई से पहले खेत की 2 से 3 बार अच्छी तरह से जुताई करें ।
  • इसके बाद 1 एकड़ खेत में 10 टन गली हुई रूड़ी की खाद और 10 किलोग्राम कार्बोफुरान का इस्तेमाल करे
  • सिचाई बाद जुताई करके पट्टा फेर दे ।
  • रोपाई के समय 1 एकड़ खेत में 50 किलोग्राम डी ऐ पी ( D.A.P ) 50 किलोग्राम पोटाश ( potash ) , 25 किलोग्राम यूरिया ( Urea ) , 10 किलोग्राम कार्बोफिउरॉन ( carbofuron ) , 5 किलोग्राम जायम का प्रयोग करे ।
  • 3 साल में 1 बार मिटटी की जांच जरूर करवायें ।

फूलगोभी की खेती मे नर्सरी प्रबंधन

गोभी की 1 एकर फसल तैयार करने के लिए नर्सरी का आकार इस प्रकार रखे – लम्बाई 3 से 6 मीटर और चौड़ाई 0.6 से 0.7 मीटर , ऊंचाई 0.1 से 0.15 मीटर रखनी चाहिए ।

नर्सरी बनाते समय मिटटी में डाले जाने वाले तत्व गोबर की खाद 5 किलो प्रति मीटर वर्ग कार्बोफुरान 10 ग्राम प्रति मीटर वर्ग और 2.5 ग्राम कॉपर ऑक्सी क्लोराइड को 1 लीटर पानी में घोलकर नर्सरी बेड या ट्रे की मिटटी को गिला करे


फूलगोभी की उन्नत किस्में ( Varieties )

पछेती किस्में – अवधि पूसा स्नोबाल 16 , पूसा स्नोबाल 1 , पूसा स्नोबाल 2 , पूसा के 1 आदि ।

syngenta – CFL1522 – अवधि 55 से 60 दिन यह 55 से 60 दिन की किस्म है । यह खरीफ के मौसम की किस्म है । इस किस्म के फल का वजन 500 से 850 ग्राम तक होता है ।

Monsoon Queen ( C – 6105 ) – अवधि 52 से 55 दिन यह 52 से 55 दिन की किस्म है । यह खरीफ के मौसम में लगने वाली किस्म है । इस किस्म के फल का वजन 500 से 700 ग्राम तक होता है ।

Shriram -Sheetal- अवधि 65 से 70 दिन यह 65 से 70 दिन की किस्म है । इसके फल का रंग दूधिया सफ़ेद होता है । इसकी बुवाई 15 सितम्बर से 15 नवंबर तक पुरे भारत में की जा सकती है ।

Seminis-SV4051AC- अवधि 60 से 65 दिन यह 60 से 65 दिन की किस्म है । इसके फल का रंग सफ़ेद होता है । इसके फल का वजन 600 से 700 ग्राम तक होता है ।

पूसा केतकी- अवधि 60 से 70 दिन यह किस्म 60 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है प्रति हेक्टेयर 120 से 150 क्विंटल पैदावार मिल जाती है।

अगेती किस्में- अवधि पूसा दिपाली , काशी कुवारी , अर्ली पटना , पन्त गोभी -2 , पन्त गोभी -3 , पूसा कार्तिक , पूसा अर्ली सेन्थेटिक , पटना अगेती , सेलेक्सन 327 एवं सेलेक्सन 328 है।

मध्यम किस्में- अवधि पूसा शरद , पन्त शुभ्रा , पूसा हाइब्रिड 2 , पूसा अगहनी ।

पूसा अर्ली सिंथेटिक- अवधि 70 से 75 दिन इस किस्म के फूल ठोस होते है । इसको तैयार होने में 70-75 दिन लगते है । प्रति हेक्टेयर 120 से 150 क्विंटल तक उपज मिलती है।

पूसा स्नोबॉल 1- अवधि 85 से 90 दिन इस किस्म के फूल बड़े और ठोस होते है रोपाई के 85 से 90 दिनों में उपज मिल जाती है।इससे 200 से 250 क्विंटल पैदावारप्रति हेक्टेयर प्राप्त हो जाती है।


बीज की मात्रा

फूलगोभी की 1 एकड़ फसल तैयार करने के लिए 120 से 150 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

बीज उपचार

हाइब्रिड बीज पहले से ही उपचारित आते है इनको सीधे बुवाई में उपयोग कर सकते है । अगर घर पर बनाया हुआ बीज लगाना चाहते है तो इसको बुआई से पहले 2 ग्राम कार्बोनडाज़िम / किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित कर ले।

बुआई का तरीका

फूलगोभी की नर्सरी बुवाई के 25 से 30 दिन बाद पौधे की खेत में रोपाई कर दे । रोपाई के समय पौधे से पौधे की दूरी 20 से 40 सेमी और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 से 60 सेमी रखे ।


फूलगोभी की खेती मे उर्वरक व खाद प्रबंधन

बुवाई के समय फूलगोभी की पोध रोपाई से पहले 1 एकर खेत में 50 किलोग्राम डी ए पी ( DAP ) , 50 किलोग्राम पोटाश ( Potash ) , 25 किलोग्राम यूरिया ( Urea ) , 5 किलोग्राम बायो जायम , 25 किलोग्राम कैल्शियम नाइट्रेट ( Calcium Nitrate ) का इस्तेमाल करे ।

बुवाई के 10 से 15 दिन बाद फसल रोपाई के 10-15 दिन बाद 10 ग्राम NPK 19:19:19 को 1 लीटर पानी के हिसाब से घोलकर स्प्रे करे।

बुवाई के 25 से 30 दिन बाद फसल रोपाई के 30 दिन बाद 12:61:00 को 4 से 5 ग्राम , 2 मिली टाटा बहार , और 1 ग्राम बोरोन को प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें ।

बुवाई के 35 से 40 दिन बाद यूरिया 35 किलोग्राम प्रति एकर रोपाई के 30 और 35 दिन बाद छिडककर देना चाहिए । जिन मृदाओं में बोरान एवं मालीब्डेनम की कमी हो वहाँ पर बोरान 200 ग्राम प्रति एकर 200 लीटर पानी + मालीब्डेनम 25 ग्राम प्रति एकर 200 लीटर पानी में घोलकर रोपाई के 30 एवं 35 दिन बाद छिडकाव करें ।

बुवाई के 40 से 45 दिन बाद फसल रोपाई के 40 से 45 दिन बाद फूल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए पानी में घुलनशील खाद NPK 13:00:45 20 ग्राम को प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करे


फूलगोभी की खेती मे सिंचाई

फूलगोभी की फसल में पहली सिचाई फसल रोपाई के तुरंत बाद कर दे । उसके बाद आवश्कता के अनुसार खेत में नमी बनाये रखे ।

फसल की कटाई

फूलगोभी की फसल में 50 से 80 दिन पर किस्मो के आधार पर फूलो की कटाई की जा सकती है ।


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