देश में अन्न की बर्बादी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने अन्न भंडारण योजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत प्रत्येक ब्लॉक में 2 हजार टन के गोदाम बनाए जाएंगे। इस योजना को लागू करने के लिए त्रिस्तरीय प्रबंध किए जाएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य है अन्न की बर्बादी को रोकना।
700 टन अन्न भंडारण के साथ योजना की शुरुआत
वर्तमान में देश में अन्न भंडारण क्षमता केवल 47 प्रतिशत है, लेकिन केंद्र सरकार की इस नई योजना से अन्न भंडारण में तेजी आएगी। कैबिनेट बैठक के बाद, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सहकारिता मंत्री के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई जाएगी। योजना की शुरुआत 700 टन अन्न भंडारण के साथ होगी।
इस योजना के लागू होने से देश में खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी और अन्न भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी। वर्तमान में देश में 1450 लाख टन के अनाज भंडारण की क्षमता है, जो बढ़कर 2150 लाख टन तक पहुंचेगी।
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हर ब्लॉक में गोदाम निर्मित किए जाएंगे
हर ब्लॉक में गोदाम बनाने की योजना अब अग्रसर होगी। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए, पांच साल का समय चाहिए। केंद्र सरकार इस काम में 1 लाख करोड़ रुपये का खर्च करेगी, जो पांच साल में बाँटे जाएँगे। अन्न भंडारण योजना के अनुसार, देश के हर ब्लॉक में गोदाम निर्मित किए जाएंगे।
सबसे बड़ा अन्न भंडारण कार्यक्रम
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार, यह योजना सहकारिता क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा अन्न भंडारण कार्यक्रम है। इस योजना से देश में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और साथ ही फसलों की बर्बादी भी कम होगी।
अन्न भंडारण योजना से रुकेगी अन्न की बर्बादी
खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी जबकि केंद्र सरकार द्वारा बताया गया है कि सहकारिता क्षेत्र में गोदाम की कमी के कारण अन्न की बर्बादी बढ़ रही है। लेकिन, यदि गोदाम ब्लॉक स्तर पर बनाए जाएंगे, तो अन्न का भंडारण संभव होगा और ट्रांसपोर्टेशन के खर्चे भी कम होंगे।
खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी
इस योजना के तहत, खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। वर्तमान में देश में प्रति वर्ष 3100 लाख टन के खाद्यान्न का उत्पादन होता है, लेकिन सरकार के पास सिर्फ 47 प्रतिशत उत्पादन को भंडारित करने की व्यवस्था है। यह स्थिति योजना के आने के बाद सुधारेगी।
10 चुने हुए जिलों में पायलट परियोजना
इस योजना में पैकस्तर पर भंडारण गृह, कस्टम हायरिंग सेंटर्स, प्रसंस्करण इकाई जैसी कई कृषि अवसंरचनाएं बनाई जाएंगी। इसके लिए सहकारिता मंत्रालय द्वारा देश के कम से कम 10 चुने हुए जिलों में एक पायलट परियोजना चलाई जाएगी। इस माध्यम से देश में भंडारण के इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों को दूर किया जाएगा। साथ ही, देश की भंडारण क्षमता को भी बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
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