किसानों को हमेशा इंतजार रहता है कि – वह कैसे कम पैसो की लागत और कम जमीन में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं, ऐसे ही फिश- राइस फार्मिंग तकनीक के ज़रिए किसान मालामाल बन सकते हैं ।
भारत मे चावल एक बहुत ही महत्वपूर्ण खाद्यान्न हैं, और दुनिया की लगभग आधी आबादी का पेट भरता है, चावल की फसल एक महत्वपूर्ण फसल के रूप जानी जाती है, जो उपलब्ध जल संसाधनों के विशाल हिस्से की खपत करती है।
जबकि साथ ही धान के खेतों में बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैस, मीथेन का उत्सर्जन होता है । भारत में धान की खेती खरीफ सीजन में की जाती है, देश के लगभग हर राज्य में धान का उत्पादन एक बड़ें पैमाने में किया जाता है, जो कि भारत के किसानों के लिए एक अच्छी आमदनी का ज़रिया है।
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क्या है फिश-राइस फार्मिंग
आज हम इस पोस्ट मे जानेंगे की आखिर कैसे धान की खेती के साथ – साथ मछ्ली पालन करके अच्छी कमाईं कर सकते हैं, जिससे धान के साथ- साथ मछली का भी उत्पादन किया जा सकता है, इस खास तकनीक को फिश-राइस फार्मिंग (Fish-Rice Farming) यानी धान के साथ मछली पालन का तरीका कहते हैं, जो एकीकृत खेती (Integrated Farming) का ही मॉडल है।
फिश-राइस फार्मिंग के फायदे
Advantages of Fish-Rice Farming
जैसा कि मानसून के सीजन में धान की फसल उगाई जाती है, जिससे ज्यादा बारिश के कारण धान की फसल में पानी भर जाता है, जो फसल की जरूरत तो है ही, लेकिन कभी-कभी ये अत्याधिक पानी खेत से बाहर निकालना पड़ जाता है, क्योंकि ज्यादा पानी भी फसल को नुकसान पहुंचाता है।
और बड़ी मात्रा में पानी की भी बर्बादी होती है, ऐसी स्थिति में धान के खेत में ही मछली पालन करके पानी का सही उपयोग व धान के साथ मछली बेचकर दोगुना पैसा भी कमा सकते हैं।
किन देशों में की जाती है फिश-राइस फार्मिंग
आपको बता दें कि फिश-राइस फार्मिंग कोई नई तकनीक नहीं है, बल्कि ज्यादातर देशों में पहले से ही इस फार्मिंग तकनीक के जरिये खेती कर किसान मोटा पैसा कमा रहे हैं, जिसमें चीन, बांग्लादेश, मलेशिया, कोरिया, इंडोनेशिया, फिलिपिंस, थाईलैंड आदि देश शामिल हैं।
Countries Doing Fish-rice Farming
इन देशों में पहले से ही परंपरागत तरिके से फिश राइस फार्मिंग की जा रही हैं, भारत में भी इस तकनीक को फायदे का सौदा बनाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है।
फिश-राइस फार्मिंग से मुनाफा
Fish-Rice Farming तकनीक मे धान के खेतों में पानी भरकर मछली पालने (Fish Farming) का काम किया जाता है, इस काम में बेहद सावधानी व सही प्रशिक्षण की जरूरत होती है –
Fish-Rice Farming is profitable
- पहले खेतों में धान की रोपई की जाती है।
- जिसके बाद मछलियों का प्रबंधन कर खेतों में डाला जाता है।
- खेत में मौजूद खतपतवारों और कीड़े मछलियों का चारा बन जाते हैं।
- जिससे फसल भी अच्छी होती है तथा किटनाशकों की जरूरत भी नहीं पड़ती।
- किसानों को एक साथ अधिक मुनाफा होता है।
फिश-राइस फार्मिंग क्या है ?
फिश-राइस फार्मिंग मे चावल की खेती के साथ साथ मछ्ली पालन भी किया जाता है ।
फिश-राइस फार्मिंग से क्या फायदा है ?
इसमे मछ्ली पालन हेतु खेत के अतिरिक्त पानी का उपयोग किया जाता है ।
Fish-Rice Farming से खेती मे क्या फायदा मिलता है ?
खेत में मौजूद खतपतवारों और कीड़े मछलियों का चारा बन जाते हैं, जिससे फसल भी अच्छी होती है तथा किटनाशकों की जरूरत भी नहीं पड़ती।
क्या फिश-राइस फार्मिंग एक ही खेत मे होती है ?
जी हाँ यह फार्मिंग एक ही खेत मे एक ही जमीन मे होती है
किन देशों में की जाती है Fish-Rice Farming
यह चीन फार्मिंग बांग्लादेश, मलेशिया, कोरिया, इंडोनेशिया, फिलिपिंस, थाईलैंड आदि देशो मे की जाती है ।
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