बीमा मिलने में होती है परेशानी
मध्य प्रदेश में खरीफ फसलों का बीमा 31 जुलाई तक किया जाएगा । इसके लिए किसानों के पंजीयन से अब खसरों का मिलान कराया जाएगा । यह प्रक्रिया इसलिए अपनाई जा रही है, ताकि प्राकृतिक आपदा से फसल प्रभावित होने पर किसानों को बीमा राशि मिलने में कोई परेशानी न हो ।
अभी किसान एक खसरे पर 2 बैंकों से बीमा करा लेते हैं, इसकी वजह से बीमा मिलने में परेशानी होती है।
इसलिए अपनायी जा रही यह प्रक्रिया
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि – प्राकृतिक आपदा से फसल प्रभावित होने पर किसानों को बीमा प्राप्त करने में परेशानी न हो, इसके लिए इस बार खसरों से पंजीयन का मिलान कराया जाएगा ।
इसके लिए राजस्व विभाग के पास उपलब्ध डेटा का उपयोग कृषि और सहकारिता विभाग द्वारा किया जाएगा । इसके माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि – किसी किसान ने एक खसरे पर दो बैंकों से बीमा तो नहीं कराया है ।
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एक ही बैंक से बीमा कराया जा सकता है ?
दरअसल, पिछले साल इस तरह की शिकायतें सामने आई थीं । कुछ किसानों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में बीमा की राशि न मिलने की शिकायत भी की थी । जब कृषि विभाग ने जांच कराई तो सामने आया कि – किसान ने एक ही खसरे पर दो बैंकों से बीमा कराया है ।
एक बैंक से बीमा की राशि भी मिल गई और दूसरे बैंक से राशि नहीं मिलने के कारण शिकायत की गई । जबकि, नियम स्पष्ट है कि – एक भूमि पर एक ही बैंक से बीमा कराया जा सकता है ।
बीमा होने की सूचना SMS के माध्यम से दी जाएगी
विभाग के अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी ने बताया कि – किसानों को बीमा होने की सूचना SMS के माध्यम से पंजीयन की अंतिम तिथि के 15 दिन के भीतर दी जाएगी । किसानों को बीमा कराने के लिए कृषि विस्तार अधिकारियों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है।
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति और जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से भी किसानों को सूचित किया जा रहा है।
49 लाख किसानों को मिला था 7165 करोड़ का फसल बीमा
इस साल सरकार ने 49 लाख किसानों को दो साल का फसल बीमा 7165 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया था। इसमें खरीफ-2020 और रबी-2021 की बीमा राशि शामिल थी।
एक वर्ष में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से मिलने वाली यह सर्वाधिक राशि थी। इसके पहले प्रदेश में किसानों को 16 हजार 750 करोड़ रुपये का बीमा मिल चुका है।
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