फर्टिलाइजर पर आधारित हरित क्रांति से खराब हो रही मिट्टी को सुधारने के लिए सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित कर रही है । प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की पहल पर तैयार डाटा बेस से पता चला कि – शहरों के आसपास के किसान फर्टिलाइजर आधारित खेती कर रहे हैं, तो ग्रामीण अंचल में पारंपरिक खेती के प्रति रूचि ज्यादा है ।
खरीफ की फसल के लिए चलाए गए अभियान की िस्थति देखें तो इंदौर जिले में अब तक 1567 किसान प्राकृतिक खेती के लिए तैयार हुए हैं । इनका रकबा 3276 एकड़ है, वहीं, झाबुआ में किसानों की संख्या कम है, लेकिन रकबा 9025 एकड़ है । इंदौर के लिए तय किया गया है, कि – प्रत्येक गांव में 5 किसान इस खेती को अपनाकर प्रेरक का काम करें, ताकि रबी के लिए रकबा बढ़ाया जा सके ।
आय बढ़ाने के लिए किसान उत्पादन और रकबा दोनों बढ़ा रहे हैं, लेकिन अंधाधुंध कीटनाशक व खाद का उपयोग मिट्टी को सख्त बनाकर बंजर कर रहा है । वैज्ञानिकों की सिफारिश पर सरकारों ने जैविक खेती पर जोर देना शुरू किया है । हालांकि ज्यादा उत्पादन लागत के कारण यह मॉडल लोकप्रिय नहीं हो सका ।
अब सरकार ने प्राकृतिक खेती पर फोकस किया है , यह कम लागत वाली पारंपरिक खेती है । इस संबंध में किसानों द्वारा कराए गए रजिस्ट्रेशन में प्रदेश में इंदौर का स्थान 10वां है ।
प्राकृतिक खेती इंदौर संभाग में –
- आठ जिलों में 40288 एकड़ जमीन खेती के लिए तैयार है ।
- झाबुआ में सबसे ज्यादा 9025 एकड़ है, किसानों की संख्या 958 है ।
- बड़वानी व खरगोन में किसानों की संख्या ज्यादा, लेकिन रकबा कम ।
- उज्जैन संभाग में किसान कम हैं, लेकिन रकबा प्रदेश के कुल रकबे 4,68,576 एकड़ में से 50 फीसदी से ज्यादा है ।
- 59,073 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया, सबसे ज्यादा मंडला में 4612 किसान करीब 13000 एकड़ में खेती करेंगे ।
जैविक-प्राकृतिक में अंतर
विशेषज्ञों के अनुसार, जैविक खेती की उत्पादन लागत ज्यादा है, खाद महंगी होती है। प्राकृतिक खेती घरेलू संसाधनों से की जा सकती है । इसके लिए देसी गाय जरूरी है, क्योंकि इसमें गाय के गोबर, गोमूत्र व पत्तियों से बनने वाली खाद व दवाइयों का उपयोग किया जाता है ।
प्राकृतिक खेती से क्या फायदे है ?
- किसानों को ज्यादा सुविधाएं दी जा सकेंगी ।
- फसल की गुणवत्ता बढ़ने से लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा ।
- रसायन फ्री अनाज व उत्पाद मिलते हैं ।
- खेती की लागत कम होती है ।
- फर्टिलाइजर में कमी से विदेशी मुद्रा की बचत होगी ।
संभाग के हाल
जिला किसान रकबा (एकड़ में)
- बड़वानी 2130 5094
- खरगोन 2052 7768
- इंदौर 1567 3276
- आलीराजपुर 1389 3312
- खंडवा 1277 7184
- झाबुआ 959 9025
- धार 836 2729
- बुरहानपुर 684 1899
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Source – Partika News