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किसान ने बनाया बैट्ररी से चलने वाला ई-ट्रैक्टर

टेक्नोलॉजी के इस समय में आपने इलेक्ट्रॉनिक कार और इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर तो बहुत देखे होंगे लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक ट्रैक्टर मतलब की बैटरी से चलने वाला ट्रैक्टर भी बना लिया गया है, जी हां गुजरात के जामनगर में रहने वाले 34 वर्ष के महेश भूत ने बैटरी से चलने वाला ट्रैक्टर बनाया है। जिसका नाम उन्होंने ‘व्योम’ रखा है।

इस ट्रैक्टर की कई खासियत है जो कि – इस पोस्ट में हम आगे जानेंगे यह ट्रैक्टर पूरी तरह से बैटरी से चलने वाला है, जो कि – खेती के खर्चे को कम कर देता है। महेश भूत ने बताया कि – बचपन से ही वह अपने पिता को खेती करते हुए देखते थे, और पिता के साथ खेती के काम काज किया करते थे उनका सहयोग करते थे ।

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जब वह पिता के साथ खेती के कार्य करते थे, तो उन कार्यो में होने वाली मुश्किलों को वह देखा करते थे और हमेशा यही सोचते थे कि – इन मुश्किल कामों को कैसे आसान बनाया जा सकता है, वह वर्ष 2014 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह खेती किसानी से जुड़ गए हैं । उसी समय उन्होंने खेती में लगने वाले खर्चे को कम करने के लिए जैविक खेती को अपनाया ।

वह हमेशा खेती में लगने वाली लागत को कम से कम करने के बारे में सोचते रहते तभी उन्होंने देखा कि खेती कार्य में ट्रैक्टर के उपयोग में बहुत ही ज्यादा डीजल – पेट्रोल की खपत होती है, और उसमें बहुत ज्यादा खर्चा होता है, तभी उन्होंने ई-ट्रैक्टर के बारे मैं सोचा और कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने ई ट्रैक्टर बनाया जिसका नाम उन्होंने ‘व्योम’ रखा।

ट्रैक्टर बनाने मे कितना खर्च लगा

अब यह ट्रैक्टर सभी दूर सुर्खियां बटोर रहा है, और उन्हें इसकी ट्रैक्टर को बनाने के लिए देश भर से अब तक करीब 21 ऑर्डर भी मिल चुके हैं। हैरानी की बात तो यह है कि – इस ई ट्रैक्टर को बनाने वाले महेश ना तो कोई इंजीनियर है, और ना ही वह ऐसी किसी बड़ी जगह या शहर से हैं उन्होंने ई ट्रैक्टर का निर्माण गांव में रहकर ही किया, जिसमें कि – उन्हें लगभग 5 लाख रुपए का खर्च लगा ।

आगे वह बताते है की – उनके पिता एक पढ़े-लिखे किसान थे, इसलिए वह हमेशा ही खेती में निवेश और इसके फायदे के बारे में साल के अंत में अनुमान लगाते रहते थे । उन्होने उनसे ही खेती करना सीखा और इसमें ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए खर्च कम करने की सीख भी उन्हीं से मिली थी ।

खेती के खर्च को कम करने के लिए किया आविष्कार 

दरअसल, एक ई-ट्रैक्टर बनाने का ख्याल उनके दिमाग में हमेशा से था और वह इसके लिए काम भी कर रहे थे। कई तरह के प्रयोग करने के बाद भी जब उन्हें संतुष्टि नहीं मिली, तब उन्होंने उत्तर प्रदेश से ई-रिक्शा बनाने की ट्रेनिंग लेने की सोची। उन्होंने शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) से ई-रिक्शा बनाना सीखा। हालांकि इसके पीछे उनका मकसद ई-ट्रैक्टर बनाना ही था। 

साल 2021 में ट्रेनिंग के बाद उन्होंने ज्यादा जोर-शोर से ई-ट्रैक्टर बनाने पर ध्यान दिया । उन्होंने एक नए तरीके से इस ट्रैक्टर को बनाना शुरू किया, ट्रैक्टर की बैट्ररी से लेकर इसकी बॉडी तक सबकुछ उन्होंने खुद ही बनाया है। 

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करीब, सात महीने की कड़ी मेहनत और कई प्रयासों के बाद आख़िरकार उन्हें सफलता मिल ही गई। वह पिछले चार महीने से इस ई-ट्रैक्टर का इस्तेमाल अपने खेत में कर रहे हैं। ट्रैक्टर का नाम उन्होंने अपने बेटे के नाम पर ‘व्योम’ रखा है। 

क्या खास है इस ट्रैक्टर में ?

महेश भूत के द्वारा बनाए गए ट्रैक्टर (E-tractor) की वह निम्न खासियत बताते है –

  • ट्रैक्टर एक चार्ज में पूरे 10 घंटे आराम से चलेगा ।
  • वह कहते हैं, “यह इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर 22 एचपी पावर लेता है।
  • ट्रैक्टर मे 72 वाट की लिथियम बैट्ररी लगी है।
  • ट्रैक्टर मे बैटरी अच्छी क्वालिटी की लगी हुई है ।
  • बैट्ररी को बार-बार बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी ।
  • इस ट्रैक्टर को पूरी तरह से चार्ज होने में 4 घंटे लगते हैं
  • जिसके बाद यह 10 घंटे तक चल सकता है।

मोबाइल ऐप पर मिल जाएगी जानकारी

इसके अलावा, उन्होंने इस ट्रैक्टर को एक मोबाइल ऐप के साथ भी जोड़ा हुआ है, जिससे ट्रैक्टर की गतिविधियो की सभी जानकारीयां आपको मोबाइल पर ही प्राप्त हो जाएंगी । जैसे की बैटरी कितनी चार्ज हैं ? किस भाग मे कौन सी वायर में क्या दिक्कत है? इन सबकी जानकारी आपको मोबाइल ऐप से ही मिल जाएगी ।  

महेश कहते हैं, कभी ट्रैक्टर ख़राब हो जाए, तो आपको ऐप से पता चल जाएगा कि खराबी कहाँ है? इसलिए इसे रिपेयर करना भी आसान हो जाता है । इसके अलावा मैंने इसमें रिवर्स गियर भी दिया है, जिससे अगर कभी ट्रैक्टर कही फंस जाए, तो इसे निकलना आसान हो जाएगा ।

E-tractor को चलाने का खर्च कितना है ?

महेश ने अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके इसे डिज़ाइन किया है, ताकि किसानों को ज्यादा दिक्कतों का सामना न करना पड़े । यदि फायदे के बारे मे बात करें, तो पहले – डीज़ल वाले ट्रैक्टर को एक घंटे चलाने का खर्च करीबन 125 रुपए आता था, जबकि इलक्ट्रॉनिक ट्रैक्टर मात्र 15 रुपये प्रति घंटे में ही चलता है ।  

हाँ, इसे खरीदते समय आपको शुरूआत में थोड़े ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे, सामान्य ट्रैक्टर बाजार में लगभग तीन लाख में मिलते हैं, जबकि व्योम ट्रैक्टर की कीमत महेश भाई ने पांच लाख रुपये रखी है।

साथ ही महेश भाई का कहना है कि – अगर सरकार ई-ट्रैक्टर (E-tractor) में सब्सिडी दे, तो इसकी कीमत और कम हो सकती है।  

फिलहाल,  महेश भाई के बनाए ई-ट्रैक्टर को देखने कई लोग उनके खेतों में आते रहते हैं , उन्हें देशभर से 21 से ज्यादा व्योम ट्रैक्टर के ऑर्डर्स भी मिले हैं, और महेश उन्हें बनाने के काम में लग चुके हैं।

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