अधिक बारिश से फसलों के बचाव हेतु किसान यह उपाय अपनाए

बारिश से फसलों के बचाव : किसान भाइयो खेतों में अधिक जल का जमाव होने के कारण से फसलें सड़ सकती हैं, इसके अलावा फसलों में रोग लगने की संभावनाएं बहुत अधिक बढ़ जाती हैं।

यदि हम सब्जी और दलहन फसलों की बात करे तो इन पर बारिश का तो और भी अधिक बुरा असर पड़ता है, इसलिए किसान भाइयो उचित फसल प्रबंधन को करना बहुत ही जरूरी है।

इन किसानों को को होता हे अधिक नुकसान

जमीन पर ऊंची मेड़ या बेड़ बनाकर खेती करने पर पानी भरने से कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन कई फसलों की खेती समतल जमीन पर की जाती है, जिनमें पानी भरने से नुकसान हो सकता है। ये समस्या ज्यादातर नदी, तालाब या नालों के किनारे स्थित गांव और खेतों में आती है।

अकसर तेज बारिश के कारण इनमें उफान की स्थिति आ जाती है, और ढ़लान में खड़ी फसलें पानी भरने से बर्बाद हो जाती है।अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में ये समस्या नहीं आती, लेकिन निचले इलाकों में इससे खरीफ फसलें कमजोर पड़ने लगती है, जिसकी सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है।

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कई राज्यो मे हो रही भरी बारिश

किसान भाइयो इस समय देश के कई राज्यों में लगातार बारिश हो रही है, असम, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों हजारों एकड़ की फसले खराब हो गई है, इसके अलावा अन्य राज्यों में भी बरसात की वजह से खेतों में पानी बढ़ता जा रहा है। फसलों को इससे काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

ज्यादा बारिश से फसल को क्या नुकसान

खरीफ फसलों के लिए बारिश काफी फायदेमंद मानी जाती है, लेकिन खेतों में अधिक जल का जमाव होने की वजह से फसलों सड़ सकती हैं।

इसके अलावा इनमें रोग लगने की संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाती हैं, सब्जी और दलहन की फसलों पर बारिश का तो और भी बुरा असर पड़ता है।

इसिलिए सही फसल प्रबंधन को अपनाना बेहद जरूरी है।

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खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करे

किसान बंधु ध्यान रखें जिस भी जगह आपने फसलें लगा रखी हो वहां जल की निकासी की व्यवस्था बहुत अच्छी होनी चाहिए। यदि जल भराव नहीं नहीं होगा तो फसलों के सड़ने-गलने की संभावनाएं कम हो जाएंगी और रोग भी नहीं लगेंगे।

रोग नहीं लगने की वजह से किसानों की फसल की पेदावर भी बढ़ेगी जिससे किसान को अच्छा मुनाफा होगा।

इस तरह करें निदान

आवश्यकता से अधिक बारिश भी फसलों के लिये नुकसानदायक है, इस समस्या से फसलों को बचाने के लिये जल्द से जल्द जल निकासी का प्रबंध (dainage System in Crops) करें और खेतों में भरे पानी को बाहर निकालें।

  • ज़्यादातर कम पानी भरने पर फसलें खराब नहीं होती, ये समस्या लगातार 7 से 10 दिन की बारिश के कारण आती है, जिसके लिये मेड बंद को हटाकर बाहर की तरफ नालियां बनायें ।
  • पानी भरने का कारण कीट – रोग की समस्या हो सकती है, इनके लक्षण दिखने पर नीम आधारित कीटनाशक (Neem Based Pesticides) का छिड़काव मौसम साफ होने पर करते रहें।
  • कमजोर फसलों में भी बीमारियों का साया मंडराता रहता है, ऐसे में यूरिया का छिड़काव करके बड़े नुकसान से बचा सकता है।

समतल भूमि पर होता है अधिक जल भराव

समतल भूमि होने की वजह से खेतों में पानी भरने की संभावनाएं बढ़ जाती है, ऐसे में फसलें खराब हो जाती है, इससे उत्पादन में भी कमी आती ह।

ऐसी समस्या ना आए इसके लिए विशेषज्ञ किसानों को खेत में ऊंची बेड बनाकर खेती ना करने की सलाह देते हैं, ऐसा करने से खेतों में पानी जमा नहीं होता है।

मेड़ों को काटकर बनाएं नालियां

किसान भाई यदि कई दिनों से लगातार बारिश हो रही हो तो फसल खराब होने की संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाती है, ऐसी स्थिति खेतों में मेड़ों को काटकर कई जगहों पर किसान नालियां निकाल सकते हैं।

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सारा पानी नाली के सहारे निकल जाएगा, इससे खेतों में जलजमाव नहीं होगा और भारी बारिश होने पर भी फसलों को बचाया जा सकता है।

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