हेयरी कैटरपिलर रोग से सोयाबीन की फसल को कैसे बचाएं

मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों में तंबाकू कैटरपिलर (Hairy Caterpillar) के प्रकोप की सूचना मिली है, रासायनिक दवाइयों एवं निराई गुड़ाई से खरपतवार नियंत्रण करने के पश्चात किसानों के लिए अब सोयाबीन की फसल को किट रोग से बचाना अति आवश्यक हो गया है।

यह कृषि रसायन अन्य पत्ती खाने वाले कैटरपिलर (चने का कीड़ा या सेमीलूपर) को भी मारते है, इसे नियंत्रित करने के लिए संस्थान ने निम्न प्रकार से कृषि रसायनों का प्रयोग करने की सलाह दी है।

हेयरी कैटरपिलर से फसल कैसे बचाए – Hairy Caterpillar

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि – कुछ क्षेत्रों में हेयरी कैटरपिलर (Hairy Caterpillar) का प्रकोप प्रारंभ होने की सूचना हैं।

किसानों को सलाह है, कि – प्रारंभिक अवस्था में झुण्ड में रहने वाली इन इल्लियों को पौधे सहित खेत से निष्कासित करें एवं इसके नियंत्रण हेतु फसल पर क्विनालफॉस 25 EC (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 4.90 CS, 300 मिली प्रति हेक्टेयर या इंडोक्साकार्ब 15.8 SC, 333 मिली प्रति हेक्टेयर का छिडकाव करें।

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कुछ क्षेत्रो में रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट का प्रकाप होने की सूचना प्राप्त हुई है, कृषकों को सलाह हैं कि नियंत्रण के लिए हेक्साकोनाझोल 5 ईसी (1 मिली प्रति लीटर पानी) का छिडकाव करें ।

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कीट सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए यह करें

लगातार वर्षा होने की स्थिति में अपने खेत से अतिरिक्त जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्ति करें, अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं 3.4 जगह के पौधों को हिलाकर सुनिश्ति करें कि क्या आपके खेत में किसी इल्लीध्कीट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि हैं, तो कीडों की अवस्था क्या हैं।

उसके अनुसार ही उनके नियंत्रण के उपाय अपनाएं, पीला मोजेक रोग से सुरक्षा हेतु रोगवाहक कीट सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए अपने खेत में विभन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।

तना मक्खी के नियंत्रण हेतु सलाह

सोयाबीन की फसल को भारी क्षति पहुंचाने वाली तना मक्खी कीट नियंत्रण के लिए कृषि वैज्ञानिकों का सुझाव है, कि पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60 प्रतिशत+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 9.50 प्रतिशत+जेडसी (125 मिली प्रति हेक्टेयर) का छिडकाव करें ।

सोयाबीन की फसल में पक्षियों की बैठने हेतु ‘T’ आकार के बर्ड. पर्चेस लगाये, इससे कीटभक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है।

सोयाबीन का जैविक उत्पादन लेने वाले किसान कृपया पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तम्बाकू की इल्ली) से फसल की सुरक्षा एवं प्रारंभिक अवस्था में रोकथाम हेतु बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस अथवा ब्युवेरिया बेसिआना या नोमुरिया रिलेयी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) का प्रयोग करें।

सोयाबीन की पत्ती खाने वाले कीटों से बचाव कैसे करे

सोयाबीन फसल में तम्बाकू की इल्ली एवं चने की इल्लियों के प्रबंधन हेतु बाजार में उपलब्ध कीट विशेष फेरोमोन ट्रैप या प्रकाश प्रपंच लगाये ।

जहाँ पर फसल 15-20 दिन की हो गई हो, पत्ती खाने वाले कीटों से सुरक्षा हेतु फूल आने से पहले ही सोयाबीन फसल में क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 SC (150 मिली प्रति हेक्टेयर) का छिडकाव करें ।

इससे अगले 30 दिनों तक पर्णभक्षी कीटों से सुरक्षा मिलेगी।

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तम्बाकू की इल्ली के नियंत्रण हेतु

तम्बाकू की इल्ली (Hairy Caterpillar) के नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी एक कीटनाशक का छिडकाव करने की सलाह है, इससे पत्ती खाने वाली अन्य इल्लियों (चने की इल्ली या सेमीलूपर इल्ली) का भी नियंत्रण होगा।

  • लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 4.90 सीएस (300 मिली प्रति हेक्टेयर) या
  • क्विनालफॉस 25 ईसी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) या
  • क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी (150 मिली प्रति हेक्टेयर) या
  • इमामेक्टिन बेंजोएट 1.90 (425 मिली प्रति हेक्टेयर) या
  • इंडोक्साकार्ब 15.8 एससी (333 मिली प्रति हेक्टेयर) या
  • प्रोफेनोफॉस 50 ईसी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) या
  • स्पायनेटोरम 11.7 एससी (450 मिली प्रति हेक्टेयर)।
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