बकरी पालन मैं ध्यान रखने वाली विशेष बाते

बकरी का आवास कैसा हो ?

बकरी के आवास के ऊपर के हिस्से को जालीदार होना चाहिए। बाड़ा पूर्व से पश्चिम दिशा में ज़्यादा फैला होना चाहिए व बाड़े की लम्बाई वाली दीवार की ऊँचाई एक मीटर होनी चाहिए।

प्रजनन के लिए बकरे का चुनाव

उन्नत नस्ल के मेमने चाहिए तो प्रजनन के लिए इस्तेमाल होने वाले बकरे को बाहर से लाकर ही स्थानीय बकरियों के सम्पर्क में लाना चाहिए।

बकरियो को टीके लगवाना क्यो अवश्य है ?

बकरियों में PPR, ET, खुरपका, मुँहपका, गलघोंटू तथा बकरियों के चेचक जैसे पाँच संक्रामक रोगों के टीके अवश्य लगवाने चाहिए।

बकरियो के पीने का पानी कैसा हो ?

बकरियो को तालाब और गड्ढे में जमा गन्दे पानी को पीने से बचाना चाहिए, उनके पीने का पानी साफ़ होना चाहिए।

पहला दूध मेमने के लिए जरूरी 

नवजात मेमने को आधे घंटे के भीतर बकरी का पहला दूध (खीस) पिला देना चाहिए। इससे मेमनों की रोग प्रतिरोधकता क्षमता बहुत बढ़ जाती है।

बीमार बकरी  को बाड़े से अलग कर देना चाहिए और उसका इलाज़ करवाना चाहिए।  इलाज़ के बाद ठीक होने पर ही उन्हें वापस बाड़े में रखना चाहिए।

बकरियों का आहार कैसा हो ?

बकरी को उसके वजन के अनुपात में रोज़ाना 3 से 5 प्रतिशत भार जितना सूखा आहार खिलाना चाहिए।