ड्रैगन फ्रूट की खेती में पूंजी एक बार लगती है और यह 25 वर्षों तक आमदनी दे सकती है, खेती के लिए पौधों को सहारे की आवश्यकता होती है और इसके लिए स्ट्रेचर का उपयोग किया जाता है।
स्ट्रेचर को खड़ा करने के लिए प्रति एकड़ ढ़ाई से तीन लाख रुपए की लागत होती है, एक एकड़ में 10 फीट की दूरी पर खंभा खड़ा कर पौधे लगाए जाते हैं।
प्रति एकड़ में करीब 17 सौ पौधे की आवश्यकता होती है, एक बार मोटी रकम खर्च करने के बाद, स्ट्रेचर पर उपज 25 वर्षों तक होती है।
ड्रैगन फ्रूट की खेती कम पानी में भी की जा सकती है, सर्दियों में पौधों को महीने में दो बार सिंचाई की जरूरत होती है, जबकि गर्मियों में यह 8-12 दिनों में होती है।
ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए जैविक खाद सबसे अच्छी होती है, खेती की शुरुआत से पहले मिट्टी में 10 से 15 किलो गोबर की खाद और 50 से 70 ग्राम एन.पी.के. का उपयोग किया जाता है।
ड्रैगन फ्रूट की पैदावार बीज से लगाने में 4-5 साल लग सकती है, ड्रैगन फ्रूट के पौधे को कलम से लगाने पर 2 साल में ही पैदावार देनी शुरू कर सकती है।
ड्रैगन फ्रूट के पौधों को प्रमाणित या विश्वसनीय दुकान से ही खरीदना चाहिए, पौधों की खरीदारी के लिए सर्टिफाइड नर्सरी से खरीदना उचित होता है।
ड्रैगन फ्रूट की खेती में बारिशी मौसम में अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है, प्रति एकड़ उचित मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए उर्वरक का उपयोग करना चाहिए।
ड्रैगन फ्रूट की फसल के लिए सही जलवायु और मौसमी स्थिति आवश्यक होती है, फसल की देखभाल में नियमित रूप से कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए।
बागवानी उपकरणों का उपयोग करके खेती की उपयुक्तता बढ़ाई जा सकती है। ड्रैगन फ्रूट की खेती में उचित विपणन और बाजारी की योजना बनाना आवश्यक होता है।