प्याज की खेती (Onion Farming) किसानों के लिए बहुत ही मुनाफा प्रदान करने वाली होती है, परंतु कभी-कभी एक साथ अधिक पैदावार के कारण किसानों को प्याज का भाव सही नहीं मिल पाता है।जिसके चलते किसानों को भारी घाटे का सोदा करना पड़ता है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वैज्ञानिकों ने प्याज की किस्में (farming of onion) विकसित की हैं जो बंपर उत्पादन देती है, इस किस्मों की खेती करके किसान कम क्षेत्र मे भी अच्छा उत्पादन पा सकते हैं।
इस पोस्ट मे हम जानेंगे 5 उन्नत प्याज की किस्में जो राष्ट्रीय स्तर पर जारी करने के लिए अनुमोदित की गयीं। इन किस्मों की प्रमुख विशेषताएं नीचे दी गयी हैं……
भीमा सुपर
छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु में खरीफ मौसम में उगाने के लिए इस लाल प्याज किस्म (varieties of onion) की पहचान की गयी है।
इसे खरीफ में पछेती फसल के रूप में भी उगा सकते हैं।
- यह खरीफ में 22-22 टन तक उपज देती है, और 100 से 105 दिन मे पककर तैयार हो जाते हैं।
- पछेती खरीफ में 40-45 टन तक उपज देती है और 110 से 120 दिन में कंद पककर तैयार हो जाते हैं।
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भीमा गहरा लाल
इस किस्म की पहचान छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु में खरीफ मौसम के लिए की गयी है।
इसमें 20-22 टन औसतन उपज प्राप्त होती है, और 95-100 दिन में कंद पककर (farm onion) तैयार हो जाते हैं। इसमें आकर्षक गहरे, लाल रंग के चपटे एवं गोलाकार कंद होते हैं। .
भीमा लाल
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में रबी मौसम के लिए पहले से ही अनुमोदित इस किस्म को अब दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु में खरीफ मौसम के लिए अनुमोदित किया गया है।
यह फसल पछेती खरीफ मौसम में भी बोई जा सकती है।
- खरीफ में यह फसल 105 से 110 दिन में यह पककर तैयार हो जाती है
- पछेती खरीफ और रबी मौसम में यह 110 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
- इसकी खरीफ में औसतन उपज 19 से 21 टन है।
- पछेती खरीफ में औसतन उपज 48 से 52 टन है।
- रबी मौसम में इसकी उपज 30 से 32 टन तक होती है।
- रबी में 3 महीने तक इसका भंडारण कर सकते हैं।
भीमा श्वेता
सफेद प्याज की यह किस्म रबी मौसम के लिए पहले से ही अनुमोदित है, और अब खरीफ मौसम में छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तमिलनाडु में उगाने के लिए इसे अनुमोदित किया गया है।
- यह किस्म 110 से 120 दिन में फसल पककर तैयार हो जाती है।
- 3 माह तक इसका भंडारण कर सकते हैं।
- खरीफ में इसकी औसत उपज 18 से 20 टन है।
- रबी में इसका उत्पादन 26 से 30 टन है।
भीमा शुभ्रा
सफेद प्याज की यह किस्म छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तमिलनाडु में खरीफ मौसम के लिए अनुमोदित की गयी है।
महाराष्ट्र में पछेती खरीफ के लिए भी इसे अनुमोदित किया गया है।
- खरीफ में यह 110-115 दिन और इसका खरीफ में उत्पादन 18 से 20 टन है।
- पछेती खरीफ में 120-130 दिन में यह पककर तैयार हो जाती है, और इसका उत्पादन 36 से 42 टन है।
- मध्यम भण्डारण की यह किस्म मौसम के उतार-चढ़ाव के प्रति सहिष्णु है।
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