शरबती गेहूं : खेती-किसानी से जुड़े प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट्स को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है, दरअसल, देशभर के लगभग 75 जिलों का चयन डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब (District Export Hub) बनाने के लिए शामिल किया है।
हाल के कुछ सालों से सरकार की तरफ से किसानों की आय में बढोतरी करने के कई प्रयास किए गए, क्योकि देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक खेती -किसानी पर निर्भर है।
मध्य प्रदेश के सीहोर का चयन
इन 75 जिले में मध्य प्रदेश के 3 जिले भी शामिल है, इसमें सीहोर जिले का भी चयन किया गया है, सीहोर शरबती गेहूं के उत्पादन के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय है।
सरकार का मानना है, कि अगर शरबती गेहूं के निर्यात में इजाफा होता है, तो किसानों की आय में निश्चित ही बढ़ेगी, यहां के बुधनी के लकड़ी के उत्पादों को भी विश्व भर में एक अलग पहचान दिलाने की कवायद जारी है।
फिलहाल, शरबती गेहूं (Sharbati Gehu) को सरकार की तरफ से अभी GI टैग नहीं मिल पाया है, लेकिन इसको लेकर मध्य प्रदेश सरकार की कोशिशें जारी है, माना जा रहा है, कि जल्द ही यह उत्पाद इस माइलस्टोन को भी हासिल कर लेगा।
शरबती गेहूं की पहचान सीहोर के नाम से होगी
अब शरबती गेहूं की पहचान सीहोर के नाम से होगी, इसके लिए जीआई टैग लेने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, बुधनी के देसी खिलौनों को भी ज्योग्राफिकल इंडिकेशन प्रदान करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
सीहोर जिले को विकसित करने का प्रयास
क्षेत्रीय उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने और मार्केट में अलग स्थान दिलाने के लिए जिला कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने महत्वपूर्ण बैठक बुलाई. बैठक में उन्होंने महत्वपूर्ण व्यापारियों उद्यमियों एवं व्यवसायियों से सुझाव मांगे।
कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने बताया कि सीहोर जिले को विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।
शरबती गेहूं क्या है ?
शरबती मध्य प्रदेश को ज्ञात सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला गेहूं है, इसे गोल्डन ग्रेन भी कहा जाता है, शरबती आटा स्वाद में मीठा और बनावट में अन्य की तुलना में बेहतर होता है।
शरबती के आटे के दाने आकार में बड़े होते हैं, काली और जलोढ़ उपजाऊ मिट्टी है, जो इसके लिए एकदम उपयुक्त है।
नए व्यवसायों को दिया जाएगा बढ़ावा
मध्य प्रदेश के अलावा कई अन्य राज्यों के जिले को भी इसमें चयन किया गया है, इन जिलों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगीं।
कोशिश होगी कि इसके माध्यम से नए व्यवसायों को और आगे बढ़ाया जाए, साथ ही उन्हें निर्यात के लिए प्रोत्साहित किया जाए, इसमें बड़ी संख्या में युवा और ग्रामीण जुड़ सकेंगे।
कृषि विभाग ने GI Tag लेने की प्रक्रिया की शुरू
पुन्नी के खिलौनों के लिए हस्तशिल्प विकास निगम और शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) के लिए कृषि विभाग ने जीआई टैग लेने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।
जीआई टैग मिल जाने से सीहोर का स्थायित्व दोनों उत्पादों पर प्राप्त हो जाएगा ताकि किसी प्रकार की डुप्लीकेट कॉपी उपलब्ध कराई जा सके।
शिल्पकारों से लिया सुझाव
कलेक्टर की बुलाई महत्वपूर्ण बैठक में जिले के 50 से अधिक व्यापारी, कारोबारी शामिल हुए. खिलौना उद्योग से जुड़े महत्वपूर्ण शिल्पकारों को भी आमंत्रित किया गया था।
शिल्पकारों के सुझाव लेकर व्यवस्था को दुरुस्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
शरबती गेहूं की विशेषता
- सामान्य गेहूं की तुलना में यह गेहूं मीठा और स्वादिष्ट होता है।
- शरबती गेहूं गोल और पूर्ण चमकदार होते हैं, यह चमक रासायनिक पोटास गुण के कारण होती है।
- शरबती गेहूं का उत्पादन बहुत कम मिलता है, इस कारण इसकी खेती प्राकृतिक रूप से की जाती है।
- इसकी खेती में किसी भी प्रकार का पेस्टिसाइड केमिकल यूरिया डीएपी का प्रयोग नहीं किया जाता है।
- शरबती गेहूं पर रासायनिक दवाओं बुरा प्रभाव होता है।
- इसकी खेती अधिकतर असिंचित क्षेत्रों में होती हैइस लिए गेहूं का दाना 99 प्रतिशत शुष्क होता है।
- शरबती गेहूं का दाना दिखने में पूर्ण रूप से गोल एवं सुनहरी सफेद रंग का होता है।
वैज्ञानिकों ने बनाई लम्पी स्किन डिजीज की स्वदेशी वैक्सीन
3 गुना मुनाफा दे रही काले गेहूं की खेती