इस साल सर्दी क्यों नहीं आई? भारतीय किसानों के लिए जरूरी जानकारी

भारत में इस साल सर्दी उम्मीद से थोड़ी कम महसूस हो रही है। आमतौर पर दिसंबर तक ठंड अपने चरम पर होती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। आखिर इसके पीछे की वजह क्या है… क्या यह ग्लोबल वॉर्मिंग है, या कुछ और? आइए जानते हैं…


1. ला नीना का असर (La Niña Effect)

ला नीना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों का पानी सामान्य से ठंडा हो जाता है।

  • जब ऐसा होता है, तो इसका असर दुनिया के मौसम पर पड़ता है।
  • इस बार उम्मीद थी कि नवंबर-दिसंबर में ला नीना सक्रिय होगा, लेकिन ऐसा पूरी तरह नहीं हुआ।
  • इसके चलते भारत में ठंड ने अपनी सही रफ्तार नहीं पकड़ी।

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2. पश्चिमी विक्षोभ कमजोर क्यों है? (Weak Western Disturbances)

पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) भारत में सर्दी लाने का बड़ा कारण है। ये हवाएं कैस्पियन और भूमध्य सागर से चलती हैं और उत्तर भारत तक नमी और ठंडक लाती हैं।

  • इस साल इन हवाओं का ट्रैक उत्तर की ओर है, यानी भारत में ज्यादा असर नहीं दिखा।
  • इसके कारण बर्फबारी और बारिश कम हो रही है।

3. ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन (Global Warming and Climate Change)

ग्लोबल वॉर्मिंग का असर अब सीधा मौसम पर दिख रहा है।

  • तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे ठंड का समय और उसका असर कम होता जा रहा है।
  • भारत में किसानों के लिए यह चिंता की बात है, क्योंकि मौसम का यह बदलाव खेती को भी प्रभावित कर सकता है।

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4. बारिश और बर्फबारी की कमी (Lack of Rain and Snow)

  • अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी उत्तर भारत तक नहीं पहुंच रही।
  • बिना बारिश और बर्फबारी के ठंड तेज नहीं होती।
  • साइक्लोन और अन्य गतिविधियां दक्षिण भारत में ज्यादा हुईं, जिससे उत्तर भारत को नमी नहीं मिल पाई।

5. किसानों के लिए इसका क्या मतलब है?

  • सर्दी के देर से आने का असर रबी फसलों पर पड़ सकता है।
  • कम ठंड के कारण गेहूं और सरसों जैसी फसलों को नुकसान हो सकता है।
  • किसानों को मौसम विभाग की सलाह पर ध्यान देना चाहिए और फसल प्रबंधन में बदलाव करना चाहिए।

6. आगे मौसम की क्या उम्मीदें हैं?

हमारे मौसम विशेषज्ञों का कहना है, कि दिसंबर के अंत तक ठंड बढ़ सकती है।

  • पश्चिमी विक्षोभ का ट्रैक सुधरने की संभावना है।
  • यदि नमी और बारिश सही समय पर आती है, तो सर्दी की कमी पूरी हो सकती है।

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