अब MSP नहीं MRP वाला बनेगा किसान – कमल पटेल

भारतवर्ष की पहचान एक कृषि प्रधान देश के रूप में रही है, आजादी के 75 वर्षों में हर सरकार किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने को लेकर तमाम तरह के दावे करती आई है।

आज आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की बात भी जोर – शोर से हो रही है, आजादी के इन 75 वर्षों में किसानों की दशा और दिशा में क्या बदलाव हुए और आज केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश सरकार का कृषि सेक्टर को लेकर क्या रोडमैप है, आइये जानते है –

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खेती को लाभ का धंधा बनाने का संकल्प

आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रधानमंत्री जी ने खेती को लाभ का धंधा बनाने का जो संकल्प लिया है, उसको किसान भाई प्राकृतिक खेती के माध्यम से पूरा करेंगे ।

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मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में प्राकृतिक कृषि बोर्ड बनाया गया है, प्राकृतिक खेती से पर्यावरण सुरक्षित होने के साथ जो अनाज पैदा होगा वह शुद्ध होगा, जिससे देश का नागिरक स्वस्थ्य होगा।

आज मिट्टी का स्वास्थ्य और पर्यावरण बचाने के लिए प्राकृतिक खेती आवश्यक है –

  • मध्यप्रदेश में 99 हजार हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती शुरु करने जा रहे है।
  • जो किसान एक एकड़ में प्राकृतिक खेती करेगा उसको एख देशी गाय पालने के लिए 900 रूपया महीना और साल में 10 हजार 800 रूपया का अनुदान दिया जाएगा ।
  • इसके प्रदेश के सभी 52 जिलों में 100-100 गांवों को प्राकृतिक खेती के लिए जोड़ा गया है ।
  • हर गांव में पांच किसान को अनुदान देंगे और आने वाले समय में इसे 10 गुना बढ़ाया जाएगा ।
  • प्राकृतिक खेती से किसान की आय दोगुनी करके प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करेंगे ।

MSP नहीं MRP वाला किसान बनाने का संकल्प

आजादी के अमृत महोत्सव पर किसानों की आय दोगुनी करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना है, प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि किसानों की फसल का न्यूततम मूल्य ( MSP ) क्यों? आज हर चीज की MRP हैं लेकिन किसानों की फसल की नहीं इसका बड़ा कारण आजादी के बाद नीति का अभाव था।

सबकुछ कर सकेगा किसान

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी के नेतृत्व में ऐसी नीति बना दी गई है, कि किसान खेती भी करेगा , उत्पादन भी करेगा , ग्रेडिग भी करेगा और फूड प्रोसेंसिंग और पैकेजिंग भी करेगा।

यानि किसान अब MRP वाला बनेगा, आजादी के अमृत महोत्सव पर मध्यप्रदेश इस दिशा में काम कर किसान को MSP वाला नहीं MRP वाला बनना है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हर सपने को मध्यप्रदेश सबसे पहले साकार कर रहा है ।

महात्मा गांधी के सपने को साकार कर रहे प्रधानमंत्री

नरेंद्र मोदी जी देश के पहले प्रधानमंत्री है जिन्होंने ग्रामीण क्षेत्र विशेषकर किसानों के लिए गांव के विकास और आत्मनिर्भर पर ध्यान दिया है।

प्रधानमंत्री जी ने स्वामित्व योजना लाकर गांव और शहर के विभेद को खत्म करके गांव में रहने वालों को आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है।

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हरदा जिला देश का पहला जिला बना

हरदा जिला देश का पहला जिला जिसने स्वामित्व योजना के 100 फीसदी साकार किया है, इस योजना के लागू होने के बाद गांव का किसान उद्योग धंधे लगाने के साथ आज आत्मनिर्भर बन रहा है

किसान अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग करता था। फसल जब तैयार होती है तो सप्लाई ज्यादा होती है, और मांग कम जिससे किसानों को उचित दाम नहीं मिल पाता था।

स्वामित्व योजना से किसान बना आत्मनिर्भर

स्वामित्व योजना के लागू होने से किसान अब वेयर हाउस , कोल्ड स्टोरेज , फूड प्रोसेंसिंग प्लाटं के साथ कृषि पर आधारित उद्योग लगा सकेगा, अब किसान अपनी प्रापर्टी को गारंटी पर रखकर कृषि पर आधरित उद्योग लगा सकेगा।

स्वामित्व योजना से गांव और किसान को आत्मनिर्भर बनाने का सपना साकार हो रहा है, स्वामित्व योजना गांव को आत्मनिर्भर बनाने के साथ हिंदुस्तान को सोने की चिड़ियां बनाएगी।

आजादी के बाद जो कांग्रेस को करना चाहिए था लेकिन नहीं किया, इसलिए मैं कहता हूं कि भारत 15 अगस्त 1947 के बाद आजाद हुआ लेकिन सही अर्थों में गांवों को आजादी दिलाई है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने।

दीनदयाल उपाध्याय के सपने को पूरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने महात्मा गांधी जी और दीनदयाल उपाध्याय के सपने को पूरा किया है। अगर इस देश में कोई सच्चा गांधीवादी है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी है क्योंकि उन्होंने महात्मा गांधी जी के सपने को पूरा करने का काम किया है।

जो काम देश में 60 साल में नहीं हुए उसे मोदी जी ने सात साल में कर दिखाया, आज मोदी जी कोई आव्हान करते है, उसको पूरा देश मानता है, और यहीं सबसे बड़ी विश्वसनीयता मोदी जी की और भारतीय जनता पार्टी की है ।

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"हम एक टीम हैं, जो आपके लिए अलग-अलग स्रोतों से मंडी भाव और कृषि समाचार एकत्रित कर आप सभी किसान भाइयों तक पहुँचाती है...."

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