भारत जैसे कृषि प्रधान देश मे गन्ने की खेती एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, भारत में गन्ना एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसलों में से एक है। दुनिया में भारत चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, चीनी को बनाने के लिए गन्ना मुख्य स्रोत है।तो किसान भाइयो इस पोस्ट के मधायम से हम जानेंगे की गन्ने की फसल से हम कैसे अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
साथ ही जानेंगे की गन्ने मे ज्यादा फुटाव, मोटा और लम्बा करने के लिए किन तरीको का उपयोग कर सकते है, किसान भाई इस लेख को पूरा पढे –
रोपण के लिये खेत की कितनी गहराई तक जुताई करे
गन्ने के खेतों की गहरी जुताई करना आवश्यक है, क्योकि गन्ने लगभग 80% जड़ें 60 सेंटीमीटर की गहराई तक जाती हैं। शुरुआत में एक या दो जुताइयां, कम से कम 30 सेंटीमीटर की गहराई तक, ट्रैक्टर द्वारा खींचे गये डिस्क पलो या मोल्ड बोर्ड पलो या जानवर द्वारा खींचे गये मोल्ड बोर्ड पलो की सहायता से की जानी चाहियें।
इसके बाद हल्के कृषि जुताई यन्त्रों से जुताई की जानी चाहिये ।
गन्ने की रोपाई के लिये उपयुक्त पंक्तियों की दूरी
गन्ने में उपयुक्त पंक्तियों की दूरी प्रजाति तथा मृदा की उर्वरता दोनों के स्तर पर निर्भर करती है।
निम्न स्तर की उर्वरता वाली भूमी के लिए
निम्न स्तर की उर्वरता वाली भूमी में एक कम ब्याँत (tiller) उत्पन्न करने वाली प्रजाति के लिये 60 सेंटीमीटर वाली नज़दीकी पंक्तियों की दूरी अच्छी रहेगी ।
जबकि इस प्रकार की भूमि में अत्याधिक ब्याँत उत्पन्न करने वाली प्रजाति के लिये 75 सेंटीमीटर वाली मध्यम दूरी आवश्यक है।
उच्च उर्वरता वाली भूमि के लिए
उच्च उर्वरता वाली मृदाओं में अत्याधिक ब्याँत उत्पन्न करने वाली प्रजाति के लिये 90 सेंटीमीटर की दूरी अति उत्तम है । यद्यपि मशीनीकृत खेती के लिये 150 सेंटीमीटर की अत्याधिक दूरी वाली रोपण पद्यति अपनाई जाती है, अतः अत्याधिक ब्याँत उत्पन्न करने वाली प्रजातियों का चुनाव आवश्यक है।.
गन्ने के रोपण के लिये बीज की गुणवत्ता कैसी हो
एक अच्छी रोपण समग्री को, रोग एवं हानिकारक जीव रहित, अक्षत कलिकाओं वाले बीज टुकड़ों को, 6-8 महीने की पौधा फसल से काटकर, प्राप्त किया जाता है।
कितनी कलिकाओं वाले बीज टुकड़ों की बूआई करे
एक कलिका वाले बीज टुकड़ो मे सार्वधिक 90% के लगभग अंकुरण देखा गया हैं।
दो कलिकाओं वाले बीज टुकड़ो का 60% के लगभग और तीन कलिकाओं वाले बीज टुकड़े रोपण करने पर और भी कम करीब 50% अंकुरण देते हैं।
- एक कलिका वाले बीज टुकड़ों से उत्पन्न हुए पौधे प्रतिकूल वातावरण को सहन करने में सक्षम नहीं होते।
- जबकि 2 या 3 कलिकाओं वाले बीज टुकड़ों से उत्पन्न हुए पौधे प्रतिकूल वातावरण को सहन कर सकते हैं।
- दो कलिकाओं वाले बीज टुकड़े रोपाई के लिये सबसे बेहतर हैं।
गन्ने में खरपतवार नियन्त्रण के लिये उपयुक्त खरतपवारनाशी
गन्ने में फुटाव से पहले खरपतवारों के नियन्त्रण के लिये एट्राजि़न (2.0 किलोग्राम क्रियाशील तत्व है) और मेट्रिबुजि़न (1.0 किलोग्राम क्रियाशील तत्व है) उपयुक्त हैं, इनको रोपण के तीसरे दिन के करीब प्रयोग किया जाता है।
चोड़े पत्तों वाले खरपतवारों के नियन्त्रण के लिये 2,4 -D (1.0 किलोग्राम क्रियाशील तत्व है) को तभी प्रयोग किया जाये जब यह गन्ने की फसल में तीव्रता से वृद्धि कर रहे हों ।
गन्ने की बुआई से पहले इन बातों का अवश्य ध्यान रखे
- किसान भाइयों को अपनी गन्ने की फसल से खरपतवार को पूरी तरह से दूर कर देना चाहिए ताकि गन्ने को पूरा पोषण मिल सके।
- गन्ने की फसल में प्रारम्भिक अवस्था मे किसान बंधु खरपतवार नियंत्रण के लिए समय – समय पर निराई गुड़ाई का ध्यान रखे।
- गन्ने की खेतो मे बुवाई करने से पहले देसी हल की अच्छी तरह से 5 -6 जुताई करनी चाहिए, ताकि बुवाई के समय मे खेत में नमी रहे।
- गन्ने की फसल में सिंचाई का सही समय पर उचित प्रबंधन रखे ।
किसान खुद के खेत में तैयार करें बीज
अपने ही खेत में किसान गन्ने का बीज अलग से तैयार कर लें, इस दौरान इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि – उसमें कीट और बीमारी का उपयोग नहीं हुआ हो तैयार किए हुए बीज की बुवाई 8 से 10 महीने में कर दें, तो उसका जमाव 10-15 प्रतिशत ज्यादा होगा।
इस दौरान बीज को जीवाणु से बचाने के लिए बाविस्टिन का घोल बनाकर उसे डुबोकर बुवाई करें ।
गन्ना मोटा करने के लिए क्या डालें ?
किसानों के अनुसार, कोराजन गन्ने की खेती के लिये एक बेहतरीन कीटनाशक है, इसका उपयोग करने से ना केवल गन्ने की फसल अच्छी होती है, साथ – साथ गन्ना लंबा और मोटा भी पैदा होता है, इसलिए इन दिनों किसान गन्ने की फसल के लिये कोराजन कीटनाशक का जमकर उपयोग कर रहे हैं।
गन्ना उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए गन्ने के साथ इस तरह की फसल का चुनाव करें, जो की गन्ने की फसल से प्रतिस्पर्धा ना करें. प्याज, आलू, राजमा, धनिया, मूंग, उड़द जैसी सब्जियां लगायें ।
कुछ किसान इस तरीके का केआर रहे उपयोग
कई किसानों का मानना है, कि – शराब और डिटर्जेंट से गन्ने की फसल और अच्छी होती है, क्योंकि इसके उपयोग से फसल में कीट नहीं लगने से पैदावार में बढ़ोतरी होती है, जिससे गन्ने मोटे और लंबे पैदा होते हैं।
कुछ किसान महंगे कीटनाशकों के स्थान पर ऑक्सीटोसिन भी यूरिया में मिलाकर डाल रहे हैं, हालांकि, कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, इन सभी तथ्यों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, परंतु फिर भी किसान धड़ल्ले से इस नई तकनीक का उपयोग कर रहे है।
गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए अपनाए यह टिप्स
- किसान बंधु गन्ने की खेती मे ओर अच्छा उत्पादन के लिए खेतो में जैविक खाद का उपयोग भी करें।
- इसके साथ ही गोबर को सड़ाकर अच्छी तरह से तैयार कर अंतिम जुताई से पहले खेतों में डालें ।
- बुवाई के समय गन्ने की दो बीजों के बीच पर्याप्त दूरी बनाएं ।
- गन्ने के बीज को ज्यादा बुवाई करें, क्योंकि इससे गन्ना धीर-धीरे बढ़ता है, और उसका वजन भी ज्यादा रहता है।
- गन्ने के लिए दोमट मिट्टी का खेत सबसे बढिय़ा माना जाता है, दोमट मिट्टी मे गन्ने की फसल अच्छी होती है।
- भारी दोमट मिट्टी को गन्ने की फसल के लिए अच्छा नहीं माना जाता हैं।
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