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यहाँ शुरू हुआ गोबर से बिजली बनाने का काम जाने कैसे - mkisan

यहाँ शुरू हुआ गोबर से बिजली बनाने का काम जाने कैसे

गोबर खरीदी का भुगतान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 15 मार्च के दिन विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 7 करोड़ 4 लाख रुपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया।

यह भुगतान 16 फरवरी से 28 फरवरी के दौरान लाभार्थियों से खरीदे गए गोबर एवं गौठान समितियों के लाभांश के लिए किया गया है।

गोबर के बदले 4 करोड़ 25 लाख रुपए का भुगतान

सरकार द्वारा अभी किए गए भुगतान में 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.13 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 25 लाख रुपए, गौठान समितियों को 1.65 करोड़ रुपए और महिला समूहों को 1.14 करोड़ रुपए की लाभांश राशि शामिल है।

गोबर से बिजली बननी हुई शुरू

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है, कि अब गोबर से अन्य उत्पादों के बनाने के अलावा बिजली बनाने का काम शुरू हो गया है। बस्तर के डोमरपाल में गोबर से बिजली बनाने के संयंत्र को ग्रिड से सिंक्रोनाईज किया जा चुका है।

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बिजली की दर 9 रुपए प्रति यूनिट तय

इससे बनने वाली बिजली की दर 9 रुपए प्रति यूनिट तय कर दी गई है। वही राज्य में गोबर से बिजली के अलावा प्राकृतिक पेंट, वर्मी कम्पोस्ट खाद जैसे कई अन्य उत्पाद भी तैयार किए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को 15 मार्च के दिन भुगतान की गई राशि को मिलाकर अब तक 419 करोड़ 25 लाख रूपए का भुगतान किया गया है।

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2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी

छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है।

राज्य में 28 फरवरी 2023 तक गौठानों में 107.75 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं से क्रय किए गए गोबर के एवज में 215 करोड़ 50 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।

गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 185 करोड़ 77 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। 

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