IIT इंदौर की नई तकनीक से बढ़ाएं फलों और सब्जियों की शेल्फ लाइफ, जानें कैसे

आजकल किसानों को अपनी फसलों को बाजार तक पहुंचाने में कई परेसानी का सामना करना पड़ता है, खासकर फलों और सब्जियों को क्युकी यह बहुत ही जल्दी खराब होने लगती है, इस समस्या का समाधान IIT इंदौर ने एक नई तकनीक के रूप में पेश किया है जो फलों और सब्जियों की लंबे टाइम तक ताजा रखने में मदद करती है।

IIT इंदौर की तकनीक से क्या होगा फायदा

IIT इंदौर के शोधकर्ताओं ने एक विशेष एलईडी लाइट-आधारित तकनीक (LED light-based technology) बनाई है, जो किसानों के फलों और सब्जियों को खराब होने से बचाती है और उनकी ताजा रहने की क्षमता को बढ़ाती है। इस तकनीक का प्रमुख उद्देश्य सूक्ष्मजीवों (microbes) को नष्ट करके कृषि उत्पादों को ताजगी बनाए रखना है।

यह तकनीक खास तरह की एलईडी लाइट्स और विटामिन बी2 के स्प्रे का इस्तेमाल करती है। इसके परिणामस्वरूप, यह सूक्ष्मजीवों के प्रजनन को रोक देती है और उत्पादों को लंबे समय तक सुरक्षित रखती है।

1000 रुपये में 40 दिन तक सुरक्षित रखें फल और सब्जियां

IIT इंदौर के प्रोफेसर देबयान सरकार ने बताया कि इस तकनीक का उपयोग करने के लिए किसानों को सिर्फ 1000 रुपये महिना का खर्च आएगा, और वे अपनी फसलों को बिना कोल्ड स्टोरेज के 30 से 40 दिनों तक सुरक्षित रख सकते हैं। यह तकनीक खासतौर पर छोटे खेतों वाले किसानों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है, जो अपनी उपज को सुरक्षित रखना चाहते हैं जब तक कि वे उसे बेहतर कीमत पर बेच न सकें।

इन्हे भी पढे – इस साल सर्दी क्यों नहीं आई? भारतीय किसानों के लिए जरूरी जानकारी

कैसे काम करती है यह तकनीक?

यह तकनीक सूक्ष्मजीवों के फोटोडायनामिक निष्क्रियता (PDI) का उपयोग करती है, जिसमें 455 और 476 नैनोमीटर (NM) की तरंगदैर्घ्य वाली नीली और हरी एलईडी लाइट का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, फोटोसेंसिटाइजर के रूप में विटामिन बी2 का छिड़काव भी किया जाता है। इस प्रक्रिया से फलों और सब्जियों की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है और वे लंबे समय तक ताजे बने रहते हैं।

इस तकनीक का असर

इस तकनीक के लागू होने से किसानों को कई फायदे मिलेंगे:

  1. कम खर्च में अधिक समय तक ताजगी – 1000 रुपये प्रति माह में 30-40 दिनों तक फलों और सब्जियों की सुरक्षा।
  2. कोल्ड स्टोरेज की जरूरत कम – यह तकनीक कोल्ड स्टोरेज के उपयोग को कम कर देती है, जिससे किसानों को अतिरिक्त खर्च से बचने में मदद मिलती है।
  3. बेहतर गुणवत्ता और बाजार मूल्य – फसलों के ताजे रहने से किसानों को उच्च कीमतों पर अपनी उपज बेचने का मौका मिलेगा।

मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए निगरानी

इस तकनीक को एक मोबाइल एप्लीकेशन से जोड़ा गया है, जिससे किसान अपने स्टोरेज रूम से दूर रहते हुए भी फलों और सब्जियों की निगरानी कर सकते हैं। यह तकनीक विशेष रूप से छोटे और मंझले किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि इसे कहीं भी लागू किया जा सकता है।

IIT इंदौर की इस नई तकनीक से न सिर्फ किसानों को अपनी फसलों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह तकनीक कृषि उत्पादों के संरक्षण में एक अहम कदम साबित होगी। इससे किसानों को अधिक लाभ और कृषि उत्पादों की बर्बादी को कम करने में मदद मिलेगी।

इन्हे भी पढे – मध्यप्रदेश का मौसम अपडेट: फेंगल तूफान और बर्फीली हवाओं का असर


"हम एक टीम हैं, जो आपके लिए अलग-अलग स्रोतों से मंडी भाव और कृषि समाचार एकत्रित कर आप सभी किसान भाइयों तक पहुँचाती है...."

Leave a Comment

Home Google News Mandi Bhav Join Group Web Stories